इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | कर्नाटक में महिला एवं बाल कल्याण विभाग से आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2015-16 से 2021 अक्टूबर की अवधि में राज्य निगरानी गृहों से 420 बच्चों के लापता होने का मामला सामने आया है.
राज्य निगरानी गृहों से लापता बच्चों में से 141 लड़कों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ने इस संबंध में कोई जांच भी नहीं की है.
यह घटना एक आरटीआई आवेदन के माध्यम से सामने आई. सामाजिक कार्यकर्ता के.सी. राजन्ना, की याचिका पर मामले में कोर्ट ने आदेश दिया है.
इस सम्बन्ध में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य निगरानी गृहों से लापता हुए 141 लड़कों पर राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
रिपोर्ट के अनुसार, सामाजिक कार्यकर्ता के.सी. राजन्ना, की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी और न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराजू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को यह आदेश दिया.
इस संबंध में पीठ ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग और पुलिस विभाग को नोटिस जारी किया है. सुनवाई की अगली तारीख नौ मार्च है.
कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह अगली सुनवाई के समय इस बात की जानकारी दें कि लापता 141 लड़कों को खोजने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं.
लापता बच्चों के मामलों से निपटने के लिए किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार, प्रत्येक पुलिस स्टेशन में इसके लिए एक अलग प्रकोष्ठ होना चाहिए. मामले में वकील ने कहा कि संबंधित अधिकारियों की लापरवाही साफ नज़र आ रही है.
यह घटना एक आरटीआई आवेदन के माध्यम से सामने आई और याचिकाकर्ता ने इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
याचिकाकर्ता एस उमापति की ओर से पेश वकील ने कहा कि महिला एवं बाल कल्याण विभाग से आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2015-16 से 2021 अक्टूबर की अवधि में 420 बच्चे लापता हैं.