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Sunday, May 19, 2024
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राजस्थान की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा RAS Mains-2021 को स्थगित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन

ख़ान इक़बाल | इंडिया टुमारो

जयपुर | राजस्थान की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की मुख्य परीक्षा फ़रवरी 25 और 26 तारीख़ को होना है, लेकिन कई RAS अभ्यर्थी परीक्षा की तारीख़ें आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. परीक्षा अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है.

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने 70 प्रतिशत तक बदलाव कर दिया है और उन्हें पाठ्यक्रम पूरा करने का समय नहीं दिया गया, इसलिए वो चाहते हैं की परीक्षा को कम से कम दो महीने आगे बढ़ाया दिया जाए.

राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर 10 दिन से धरना दिए बैठे RAS अभ्यर्थियों की उम्मीदों को उस समय झटका लगा जब गुरुवार की शाम राजस्थान लोक सेवा आयोग ने मुख्य परीक्षा के प्रवेश पत्र अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिए. इसके बाद अभ्यर्थियों में से 5 आमरण अनशन पर बैठ गए हैं.

प्रवेश पत्र जारी होने के बाद RPSC ने लगभग यह स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य परीक्षा निर्धारित समय पर ही होगी इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.

कितना बदला सिलेबस

आमरण अनशन पर बैठी आरएएस अभ्यर्थी शिवानी कहती हैं, “सिलेबस में लगभग 70 प्रतिशत बदलाव किया है, अगर आप साइंस का पार्ट देखें तो उसका स्तर हाई स्कूल से भी अधिक कर दिया गया है, इकोनॉमिक्स और मैनेजमेंट के पार्ट में काफी नए टॉपिक जोड़े गए हैं जिन्हे पढ़ने के लिए हमें पर्याप्त समय नहीं दिया गया.”

एक और अभ्यर्थी पीताम्बरा शेखावत कहती हैं, “हमें सिलेबस में हुए बदलाव से कोई समस्या नहीं है, हमारी चिंता यह है की नए सिलेबस को कवर करने के लिये हमें पर्याप्त समय नहीं दिया गया.”

वह आगे कहती हैं, “आज हम यहाँ धरना दिए बैठे हैं हालांकि हमें स्टडी रूम में होना था, हमारी तैयारी का यह एक महत्वपूर्ण समय है , हमारी कोई नहीं सुन रहा जिससे हमें मानसिक प्रताड़ना सहनी पड़ रही है.”

गाँधी को लिखा पीड़ा पत्र और सपनों की शव यात्रा

आरएएस अभ्यर्थी अपनी मांगे मनवाने और सरकार का ध्यान खींचने के लिए विरोध के नित नए तरीके अपना चुके हैं, लेकिन सरकार इनकी मांग मानने को तैयार नज़र नहीं आती. कुछ दिन पहले अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को लेकर “गांधी के नाम पीड़ा” पत्र लिखा अजमेर स्थित RPSC हेडक्वार्टर में कोहनियां रगड़ते हुए अभ्यर्थी ज्ञापन देने पहुंचे.

जयपुर समेत राजस्थान के अलग- अलग शहरों में केंडल मार्च निकालने गए जिसे सपनों की शव यात्रा का नाम दिया गया .

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे युवाओं में से एक अभिषेक शर्मा कहते हैं, “राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महात्मा गाँधी के बहुत बड़े फॉलोवर हैं, इसीलिए हमने अपनी बात गांधी जी के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश की, हम गाँधी जी के सिद्धांतों पर चलते हुए ही अपनी मांगे मनवाने के लिए आंन्दोलन कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी बात ज़रूर सुनेगी.”

अभर्थियों को मिल रहा नेताओं का समर्थन

कई नेताओं का समर्थन भी अभ्यर्थियों को मिल रहा है, प्रतापगढ़ ज़िले की धरियावद विधानसभा से विधायक नागराज मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख कर मुख्य परीक्षा की तारीखें आगे बढ़ाने की मांग करते हुए उन्होंने लिखा कि, “RAS के बहुत से अभ्यर्थी पहली बार मुख्य परीक्षा में भाग ले रहे हैं जिनको आयोग द्वारा सिलेबस में व्यापक परिवर्तन के बाद परीक्षा की तैयारी हेतु समय नहीं दिया गया है तथा कोरोना की तीसरी लहर अपने चरम सीमा पर होने के कारण अभ्यर्थियों की पढ़ाई निरंतर बाधित हो रही है.”

वहीं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट करते हुए अभ्यर्थियों की माँगों का समर्थन किया. उन्होंने लिखा, “RPSC द्वारा RAS मुख्य परीक्षा-2021 के पाठ्यक्रम में बदलाव के कारण अभ्यर्थी तैयारी के लिए अतिरिक्त समय की मांग कर रहे हैं. लेकिन युवाओं की न्यायसंगत मांग को नहीं मानना कांग्रेस सरकार की हठधर्मिता को दर्शाता है. मुख्यमंत्री जी आंदोलनरत अभ्यर्थियों के हित में जल्द फैसला लें.”

राजस्थान में सरकारी भर्तियों पर हंगामा

राजस्थान में सरकारी नौकरियों के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं में काफ़ी गड़बड़ियाँ हुई हैं. शिक्षक भर्ती के लिए आयोजित की गई REET – 2021 परीक्षा पहले दिन से विवादों में हैं. REET पेपर लीक होने के बाद सरकार ने परीक्षा रद्द तो कर दी लेकिन विपक्ष की पेपर लीक मामले में CBI जाँच की माँग ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार को बैकफुट पर ला दिया है.

गहलोत सरकार के तीन साल पूरे हो गए हैं और ऐसे में सरकार चाहेगी की जल्द से जल्द भर्तियाँ पूरी करवाई जाए क्यूँकि अगले साल राजस्थान में चुनाव हैं और जून या जुलाई में आचार संहिता लग जाएगी और इसी लिए कांग्रेस का आरोप है की भाजपा जान बूझ कर भर्तियाँ अटकाना चाहती है.

मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए विधान सभा में कहा था कि, “हम नौकरी देना चाहते हैं लेकिन भाजपा वाले चाहते हैं कि भर्ती समय पर ना हो, भाजपा वाले राजस्थान के युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.”

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