इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश को संबोधन के दौरान तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है।
इस विवादित कृषि क़ानून के विरोध में पिछले एक साल से दिल्ली और देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. इन विरोध प्रदर्शनों में 600 से अधिक किसानों की शहादत हुई है.
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार नेक नियत और समर्पण भाव से देश के किसानों के कल्याण के लिए यह कानून लेकर आई थी, लेकिन देश के कुछ किसान भाईयों को सरकार यह समझा नहीं पाई.
प्रधानमंत्री ने ट्विट कर के भी इसकी घोषणा की है. उन्होंने कहा, “आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे: PM @narendramodi”
इस एलान के बाद किसानों ने कहा है कि, यह तो अभी अधूरी घोषणा है. एमएसपी पर कानून की मांग है. पिछले एक साल से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।
कृषि क़ानूनों की वापसी के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है, “आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.”
किसानों ने इस फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त की है. दिल्ली की सीमाओं पर बैठे प्रदर्शनकारी किसान खुश हैं. हालांकि उन्हें अभी इस बात का इंतज़ार है कि सरकार संसद के द्वारा इस क़ानून को वापस ले.