अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | वाराणसी में मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति की पुनर्स्थापना को लेकर विवाद पैदा हो गया है। यह विवाद भाजपा ने हिन्दू मान्यताओं और हिन्दू परम्पराओं को ताक पर रखकर पैदा किया है और हिंदुओं की आस्थाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है।
भाजपा ने हिन्दू वोटरों को अपने साथ लाने के लिए मां अन्नपूर्णा देवी की वाराणसी में मूर्ति की पुनर्स्थापना करने की योजना बनाई थी। भाजपा की यह सोच थी कि मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति को स्थापित करके वह हिन्दू वोटरों का भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण करने में सफल हो जाएगी और हिंदू वोटरों के धुर्वीकरण के ज़रिए यूपी में एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब हो जाएगी।
इसीलिए भाजपा ने हिंदू वोटरों की भावनाओं को भड़काने के लिए कनाडा से आई मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति को वह सीधे सीधे वाराणसी नहीं ले गई बल्कि अयोध्या ले गई। अयोध्या में मां अन्नपूर्णा देवी की शोभायात्रा निकाली गई है हिंदुओं को अपने साथ लाने का काम किया गया। मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति की शोभायात्रा निकाल कर जगह-जगह स्वागत किया गया और लोगों को यह बताने का काम किया गया कि भाजपा सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण ही यह मूर्ति कनाडा से वापस लौट आई है।
लोगों को इस प्रकार समझा कर अपने साथ लाने के लिए भाजपा ने बड़ी मेहनत की। नई दिल्ली से लेकर वाराणसी तक 18 जिलों में भाजपा ने मां अन्नपूर्णा देवी की शोभायात्रा निकाली और लोगों को अपने पाले में लाने के लिए कवायद की। वैसे मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति को सीधे सीधे वाराणसी भेजा जा सकता था, लेकिन भाजपा ने यूपी की एक बार फिर सत्ता हासिल करने के लिए मां अन्नपूर्णा देवी के नाम पर जमकर राजनीति की।
मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति वाराणसी पहुंच गई। वाराणसी में 15 नवम्बर को मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा हुई और मूर्ति की पुनर्स्थापना हो गई। मूर्ति की पुनर्स्थापना में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ यजमान बने और उन्होंने मूर्ति की पुनर्स्थापना करवाई।
लेकिन अब मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति की पुनर्स्थापना होने के बाद इस पर विवाद खड़ा हो गया है। यहां यह भी ज्ञात हो कि कनाडा से आई मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति के बारे में यह बताया जा रहा है कि यह मूर्ति आज से 100 साल पहले चोरी हो गई थी और यह कनाडा पहुंच गई थी।
मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति की पुनर्स्थापना को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो गई है। वाराणसी में मां अन्नपूर्णा देवी का मंदिर वर्ष में एक बार तीन दिन के लिए खुलता है। धनतेरस के दिन खुलता है और अन्नकूट की पूजा अर्चना के बाद बंद कर दिया जाता है। इस बार एक नई परम्परा की शुरूआत की गई है। अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति को लाकर उसकी प्राणप्रतिष्ठा करके उन्हें पुनर्स्थापित किया गया है। इसमें सबसे बड़ी खास बात यह है कि भाजपा हिंदू मान्यताओं और हिंदू परंपरा से अलग जाकर हिंदुओं की धार्मिक आस्थाओं से खिलवाड़ कर रही है।
हिंदू मान्यता के अनुसार किसी खंडित मूर्ति की पूजा अर्चना नहीं की जाती है। किसी मूर्ति के खंडित हो जाने पर या मूर्ति के टूट जाने पर उस मूर्ति को मंदिर से हटा दिया जाता है और बाद में उस मूर्ति को विधि-विधान से पूजा अर्चना करके उसको किसी पवित्र नदी के जल में विसर्जित कर दिया जाता है। लेकिन यहां पर भाजपा ने उल्टा काम किया है।
बताया जाता है कि कनाडा से अन्नपूर्णा देवी की जो मूर्ति आई है, वह खंडित है। खंडित हो चुकी मूर्ति की न तो प्राणप्रतिष्ठा हो सकती है और न ही उसकी पुनर्स्थापना हो सकती है। लेकिन भाजपा ने अन्नपूर्णा देवी की खंडित मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा करके उसकी पुनर्स्थापना की है।
यह सारा काम यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यजमान के रूप में किया है। वह महंत हैं, लेकिन उन्होंने भी हिंदू मान्यता और परंपराओं की धज्जियां उड़ा दी हैं। योगी आदित्यनाथ ने महंत होते हुए भी जिस तरह यह हिंन्दू धर्म की मान्यता और परम्पराओं के विरुद्ध काम किया है, उसको लेकर वाराणसी के साधू-संतो और हिंदुओं में काफी रोष है और गहरी नाराज़गी है।
सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने में मां अन्नपूर्णा देवी के पुराने मंदिर को तोड़ करके उसका अस्तित्व ही खत्म कर दिया गया है। इसको लेकर वाराणसी का हिन्दू भाजपा और मोदी एवं योगी से बेहद नाराज़ है।
बताया जा रहा है कि वाराणसी में साधू-संतो की और हिंदुओं की नाराज़गी को देखकर भाजपा डर गई है तथा भाजपा को लग रहा है कि वाराणसी के साधू-संतो एवं हिंदुओं की नाराज़गी उसे भारी पड़ सकती है। इसलिए भाजपा ने जल्दबाजी में नाराज़गी दूर करने के लिए अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति को स्थापित करने का काम किया है। लेकिन उसके जल्दबाजी में किए गए काम से हिंदुओं में और नाराज़गी हो गई है।
भाजपा ने सोचा था कि मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति को स्थापित करके उनके नाम पर भी हिन्दू वोटों को बटोरा जाएगा और यूपी की सत्ता में पुनः बैठा जाएगा। इसीलिए भाजपा ने सारी कवायद कर मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति की शोभायात्रा निकाली और मां अन्नपूर्णा देवी को अयोध्या भी ले जाया गया। लेकिन नए विवाद ने भाजपा की हवा निकाल दी है। अब भाजपा को इस विवाद को खत्म करने में बड़ी दिक्कतें पेश रही हैं।