इश्फ़ाकुल हसन | इंडिया टुमारो
श्रीनगर | डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल (डीडीसी) के चुनाव परिणाम सामने आ चुके हैं, और जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने 76 सीटें जीती हैं. पार्टी ने अधिकांश सीटें जम्मू के छह हिंदू बहुल जिलों से जीती हैं. मुस्लिम बहुल कश्मीर में बीजेपी ने श्रीनगर, बांदीपोरा और पुलवामा जिलों में से प्रत्येक की एक एक सीट पर जीत दर्ज की है.
दूसरी तरफ नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीआईएम और जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट सहित छह प्रमुख राजनीतिक दलों से मिलकर बने समूह “गुप्कर एलायंस” ने 110 से अधिक सीटें जीतीं.
विशेष राज्य का दर्जा और राज्य की बहाली के लिए लड़ने के लिए शुरू की गई, PAGD अर्थात् गुपकर एलायंस जम्मू- कश्मीर में 280 डीडीसी सीटों में से अधिकांश पर चुनाव लड़ रही थी. हालांकि, एलायंस की सभी पार्टियों ने चुनाव में अपनी-अपनी पार्टी के सिंबल का इस्तेमाल किया.
जिस बात ने इस चुनावी अभियान को दिलचस्प बना दिया था वह यह था कि गुपकर एलायंस ने बीजेपी की तरह जोर शोर से चुनाव अभियान शुरू नहीं किया, न तो उन्होंने कोई घोषणापत्र जारी किया था और न ही कोई विज़न डॉक्यूमेंट. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला या महबूबा मुफ्ती में से किसी ने भी चुनाव प्रचार नहीं किया.
हालांकि, बीजेपी ने केंद्र के स्टार प्रचारकों से कैंपेन करवाया. केंद्रीय टेक्सटाइल मिनिस्टर स्मृति ईरानी से लेकर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, शाहनवाज हुसैन, मुख्तार अब्बास नकवी तक को बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में कई शीर्ष नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली से बुलाया.
PAGD (गुपकर एलायंस फॉर डिक्लेरेशन) के उम्मीदवारों के लिए अनुच्छेद 370 का हटाया जाना उनके चुनाव अभियान का केंद्र बिंदु था. दूसरी तरफ बीजेपी ने गैर शालीन भाषा का इस्तेमाल करते हुए PAGD को “गुप्कर गैंग” और “गुमराह गैंग” कहा.
जब मतगणना समाप्त हुई तो फैसला स्पष्ट था कि PAGD ने रेस आसानी से जीत ली है और भाजपा ने बेहद खराब प्रदर्शन किया है. अपने चिर परिचित अंदाज़ में बीजेपी ने खुदको राज्य के सबसे बड़े दल के रूप में उभरी पार्टी बताते हुए बयानबाज़ी की. बहुत कम लोगों ने इस पर चर्चा की है कि PAGD ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा और बड़ा स्कोर बनाया.
यदि सबसे बड़े दल के रूप में उभरने कि बात है तो तेजस्वी यादव की पार्टी राजद ने बिहार में अधिकांश सीटें जीतीं थी. अगर बीजेपी की इस बात को मापदंड बनाया जाए तो तेजस्वी को विजेता बनना चाहिए था. यहाँ PAGD ने सीटों का बंटवारा किया था और जीत हासिल की.
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, “रुझानों से पता चलता है कि लोगों ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य की विशेष स्थिति को रद्द करने और इसे केंद्रशासित प्रदेश में बदलने के सरकार के एकतरफा फैसले को स्वीकार नहीं किया है. रुझान PAGD के लिए महत्वपूर्ण हैं और मील का पत्थर है क्योंकि वे हमारे इस विचार का समर्थन करते हैं कि विशेष राज्य का दर्जा छीनना लोगों को स्वीकार्य नहीं था.”
जम्मू कश्मीर, बीजेपी के महासचिव और कश्मीर के प्रभारी विबोध गुप्ता ने कहा कि पार्टी ने घाटी में तीन जीत दर्ज करके इतिहास रचा है.
उन्होंने कहा, “चुनाव परिणाम ‘नये कश्मीर’ की नींव हैं और कश्मीर में ‘मोदी का विचार’ जीत रहा है. यह जीत कश्मीर के पार्टी कार्यकर्ताओं की है.”
हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा है कि लोगों ने PAGD के उम्मीदवारों को वोट देकर ‘नई दिल्ली’ को एक ‘संदेश’ दिया है.
सौरा और सोलिना के यूएलबी ब्लॉक्स से विजयी हुए सलमान सागर ने कहा कि, “हमें लोगों तक पहुंचने का मौका नहीं दिया गया और सुरक्षा नहीं दी गई. हमें प्रचार करने की अनुमति नहीं दी गई और हमारे पोलिंग एजेंटों को हिरासत में ले लिया गया. यह सब एकतरफा था … भाजपा ने केवल अपनी ही पार्टी को सुरक्षा और पैसा दिया. हमने केवल ईश्वर की कृपा और लोगों के समर्थन से जीत हासिल की… वे बेशर्मी के साथ कानून के उल्लंघन में लिप्त थे लेकिन लोगों ने आज अपना जनादेश दिया है. यह दिल्ली के सत्ताधीशों और जम्मू-कश्मीर की सरकार को लोगों का संदेश है.”