सैयद सुजील अहमद | इंडिया टुमारो
बेंगलुरु | कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने मुस्लिम युवक और हिन्दू युवती द्वारा विवाह के लिए किए जाने वाले धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में लाए जाने के प्रस्ताव की कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जमकर आलोचना की है. सिद्धारमैया ने लगातार ट्वीट्स कर येदियुरप्पा के इस प्रस्ताव को वर्तमान सरकार की बदहाल प्रशासनिक और नीतिगत विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए किया गया एक तुच्छ प्रयास बताया है. सिद्धारमैया कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं.
सिद्धारमैया ने आगे लिखा कि भाजपा इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया फैसले की गलत व्याख्या कर जनता को भ्रमित करना चाहती है. अदालत ने केवल यह कहा है कि अंतर-धार्मिक विवाह के लिए धर्मांतरण गलत है. लेकिन कोर्ट ने यह नहीं कहा है कि अंतर-धार्मिक विवाह स्वयं गलत है.
सिद्धारमैया ने येदियुरप्पा पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से प्रेरणा लेने का आरोप लगाते हुए लिखा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कर्नाटक के सीएम और मंत्री उत्तर प्रदेश के सीएम से प्रेरणा ले रहे हैं. कर्नाटक को हमेशा अपने उदार और प्रगतिशील विचारों के लिए जाना जाता रहा है. उत्तर प्रदेश, जिसे “गुंडा राज” के रूप में जाना जाता है, वह कभी भी एक आदर्श राज्य नहीं बन सकता है.”
इससे पहले गुरुवार को, येदियुरप्पा ने मंगलुरु में भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार “लव जिहाद” के नाम पर किए जाने वाले धर्मान्तरण को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाएगी.
येदियुरप्पा ने आगे कहा, “मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कर्नाटक में लव जिहाद के लिए धर्म परिवर्तन हो रहा है. मैंने अधिकारियों के साथ इस पर चर्चा की है. मुझे नहीं पता कि अन्य राज्यों ने इस मामले पर क्या किया है क्या नहीं, लेकिन कर्नाटक में हमें इसे रोकना होगा.”
उन्होंने कहा, “राज्य की लड़कियों को प्यार और पैसे के नाम पर लालच दिया जा रहा है और उन्हें अन्य धर्मों में परिवर्तित किया जा रहा है, हम इसे एक बेहद गंभीर मामला समझते हैं. पूरी तरह से समीक्षा के बाद, हम कारगर उपाय करेंगे.”
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक राज्य के कन्नड़ और संस्कृति मंत्री सीटी रवि ने मंगलवार को एक ट्वीट में लिखा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश की तर्ज पर, कर्नाटक भी विवाह के लिए धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून बनाएगा.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में यह समझा था कि केवल विवाह के लिए धर्मपरिवर्तन अवैध है और एक नवविवाहित जोड़े द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया, उस याचिका के अनुसार लड़की के माता-पिता को दंपति के जीवन में दखल देने से रोकने के लिए अदालत से मदद मांगी गई थी.