मसीहुज़्ज़मा अंसारी | इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | ‘न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी’ (एनबीएसए) ने पिछले हफ्ते कई टीवी न्यूज़ चैनलों को नोटिस जारी कर उनके द्वारा की गई आपत्तिजनक रिपोर्टिंग पर माफ़ी मांगने को कहा है. ये निर्देश टीवी चैनलों को उनकी भाषा और प्रसारण की मर्यादा के उल्लंघन पर दिए गए हैं. इन चैनलों को 27 अक्टूबर से 29 अक्टूबर के बीच ऑन एयर मांगी मांगनी होगी.
एनबीएसए के निर्देश पर टीवी न्यूज़ चैनल टाइम्स नाउ, ज़ी न्यूज़, इंडिया टीवी, न्यूज़ 24, एबीपी न्यूज़ और आज तक को उनकी गलतियों के लिए सर्वजनिक रूप से मांफी मांगनी होगी.
एनबीएसए के निर्देश के अनुसार टाइम्स नाउ, ज़ी न्यूज़, इंडिया टीवी को 27 अक्तूबर की रात 9 बजे माफ़ी मांगनी है. आज तक को 27 अक्टूबर रात 8 बजे माफ़ी मांगनी होगी और न्यूज़ 24 को 29 अक्तूबर की रात 9 बजे ऑन एयर मागी मांगना होगा.
एनबीएसए भारतीय टीवी न्यूज़ चैनलों की एक स्वतंत्र संस्था है. इसका गठन एनबीए द्वारा किया गया है. इसका काम प्रसारण से सम्बंधित शिकायतों पर विचार करने और उसपर निर्णय लेने के लिए किया गया है.
टाइम्स नाउ पर आरोप है कि उसने ने 6 अप्रैल 2018 को प्रसारित एक कार्यक्रम में लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता संयुक्ता बसु की ग़लत छवि पेश की थी.
लाइवला.इन की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को एनबीएसए ने अपने सदस्य चैनलों – आज तक, ज़ी न्यूज़, न्यूज़ 24, एबीपी न्यूज़ और इंडिया टीवी को सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सनसनीख़ेज़, दोषपूर्ण और असंवेदनशील रिपोर्टिंग करने के लिए नोटिस दिया था.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, एनबीएसए ने आज तक चैनल को तीन अलग-अलग मामलों में दोषी पाया है. संस्था ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का शव टीवी पर दिखाने के लिए, सुशांत का ग़लत ट्वीट टीवी पर प्रसारित करने के लिए और सुशांत के परिवार की निजता का ध्यान ना रखते हुए कुछ दर्दनाक दृश्य टीवी पर चलाने के लिए आज तक चैनल से तीन बार – 27 अक्तूबर, 29 अक्तूबर और 30 अक्तूबर को सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगने का निर्देश दिया है.
इन चैनलों के ख़िलाफ़ दर्ज हुई शिक़ायतों पर शिक़ायतकर्ताओं और चैनलों के प्रतिनिधियों के साथ एनबीएसए के चेयरमैन और रिटायर जज एके सीकरी ने 24 सितंबर को एक ऑनलाइन बैठक की थी.
एनबीएसए के चेयरमैन ने टीवी चैनलों की टैगलाइन्स, जैसे- ‘ऐसे कैसे हिट विकेट हो गए सुशांत?’, ‘सुशांत जिंदगी की पिच पर कैसे हिट विकेट हो गए’, ‘सुशांत इतने अशांत कैसे’, ‘सुशांत की मौत पर 7 सवाल’ और ‘पटना का सुशांत, मुंबई में फेल क्यों’ पर चिंता ज़ाहिर की थी.
एनबीएसए के चेयरमैन रिटायर जज एके सीकरी ने ऑनलाइन मीटिंग में चैनलों के प्रतिनिधियों से भाषा और प्रसारण की मर्यादा का ध्यान रखने को कहा था.