https://www.xxzza1.com
Thursday, May 16, 2024
Home देश मौलाना जलालुद्दीन उमरी के निधन पर आयोजित शोक सभा में विद्वानों, बुद्धिजीवियों...

मौलाना जलालुद्दीन उमरी के निधन पर आयोजित शोक सभा में विद्वानों, बुद्धिजीवियों ने दी श्रद्धांजलि

इंडिया टुमारो

नई दिल्ली | भारत के प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान और जमाअत इस्लामी हिन्द के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष (अमीर) मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी के निधन पर आयोजित शोक सभा में विद्वानों और बुद्धिजीवियों ने उपस्थित होकर मौलाना को श्रद्धांजलि दी. मौलाना जलालुद्दीन उमरी का शुक्रवार को निधन हो गया. वह 87 वर्ष के थे.

शनिवार को उन्हें शाहीनबाग़ क़ब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया. उनकी स्मृति में रविवार को दिल्ली में जमाअत इस्लामी हिन्द के मुख्यालय स्थित मस्जिद इशाअत ए इस्लाम में एक शोक सभा आयोजित की गई जिसमें देशभर के प्रमुख इस्लामिक संगठनों के लीडर, बुद्धिजी, पत्रकार और नागरिक समाज के लोग शामिल हुए.

इस शोक सभा में शामिल लोगों ने मौलाना जलालुद्दीन उमरी के जीवन संघर्ष, उनकी लेखनी, उनकी दर्जनों किताबों और इस्लाम और भारतीय समाज के लिए उनके अविस्मरणीय योगदान को याद किया.

जमाअत इस्लामी हिंद के वर्तमान अध्यक्ष सैयद सआदतुल्ला हुसैनी ने कहा, “मौलाना जलालुद्दीन उमरी की एक प्रमुख विशेषता उनका व्यापक दृष्टिकोण था. वे सधे हुए लेखक थे. उनकी रचनाओं का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद हो चुका है. वह आमतौर पर ऐसे ज्वलंत विषयों पर लिखते थे और जिन पर पहले बहुत कम लिखा गया.”

उन्होंने कहा कि उनकी लेखनी में कुरआन और हदीस की झलक थी क्योंकि उन्होंने विज्ञान और आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ इस्लाम के मूल ग्रंथों का विस्तार से अध्यन किया था.

सैयद सआदतुल्ला हुसैनी ने कहा कि, “मौलाना जलालुद्दीन उमरी ने आधुनिक विज्ञान से लाभ उठाने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. जिस विषय पर वह कलम उठाते थे, वह बहुत ही सरल और सामान्य भाषा में लिखते थे. उन्होंने अपनी व्यस्तताओं के बीच अपनी लेखनी के साथ-साथ संगठन का नेतृत्व भी किया.”

सैयद सआदतुल्ला हुसैनी, अध्यक्ष- जमाअत इस्लामी हिंद

उन्होंने कहा, “मौलाना की मृत्यु संगठन के लिए एक बड़ा गैप है. अब कमी को भरना नई पीढ़ी का दायित्व है. उनके निधन से हम सभी की जिम्मेदारियां काफी बढ़ गई हैं. मौलाना ने जो असाधारण काम किया है, उसमें उनकी बुद्धिमत्ता, अथक मेहनत शामिल है.”

उन्होंने कहा, मैं प्रार्थना करता हूं कि सर्वशक्तिमान अल्लाह उनके गुनाहों को माफ़ करे और उन्हें स्वर्ग में सर्वोच्च स्थान प्रदान करे.

इस शोक सभा में अपनी बात रखते हुए इस्लामिक सोसाइटी विभाग के सचिव डॉ. रज़ीउल इस्लाम नदवी ने कहा कि, “मैं व्यक्तिगत रूप से मौलाना की मौत का दर्द महसूस करता हूं. वह मेरे लिए ठंडी छाया के समान थे. मैंने 40 साल तक उनके साथ रहकर उनसे बहुत कुछ सीखा है.”

इस मौके पर जमीयत उलेमा हिंद के मुफ्ती मौलाना अब्दुल रजीक ने कहा, “मौलाना को मुस्लिम समुदाय और पूरी दुनिया की बहुत चिंता थी, उनकी मौत से पैदा हुए शून्य को भरना मुश्किल है.” जमीअत अहले हदीस के अध्यक्ष मौलाना असगर महदी ने कहा, “मौलाना की किताबें उनकी बड़ी उपलब्धि हैं. युवा पीढ़ी को उनकी किताबों से लाभ उठाना चाहिए.”

मौलाना आज़ाद विश्वविद्यालय जोधपुर के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर अख्तरुल वासे ने कहा कि, “एक विद्वान का निधन बहुत बड़ी क्षति है. उनकी मौत का दर्द पूरी दुनिया में महसूस किया जा रहा है. मौलाना का निधन हो गया है लेकिन उनकी किताबें दुनिया को रोशनी देती रहेंगी.”

ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत के अध्यक्ष नवेद हामिद ने कहा कि, “मौलाना एक असाधारण व्यक्ति थे. उनमें बहुत ही विनम्रता और शिष्टाचार था. उन्हें फिक़्ह (न्यायशास्त्र) के बारे में असाधारण ज्ञान था.”

वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि, “उनका निधन उम्मत के लिए एक बड़ी त्रासदी है. हर कोई उनसे स्वतंत्र रूप से मिल सकता था. वह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में स्पष्ट राय पेश करते थे.” रोज़नामा ख़बरें के संपादक कासिम सैयद ने कहा कि, “मौलाना ने मुस्लिम उम्मत के बीच के मतभेदों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.”

इंडियन नेशनल लीग के अध्यक्ष प्रोफेसर मुहम्मद सलमान ने कहा कि, “मौलाना अपने बच्चों से बड़ी करुणा और प्रेम के साथ मिलते थे और विपरीत परिस्थितियों में बिल्कुल भी घबराते नहीं थे.”

मौलाना के बड़े बेटे डॉ सैयद शफी अतहर ने कहा कि उनका पूरा जीवन संघर्षों से भरा था. अगर वे हमें किसी चीज के बारे में सलाह देते तो उनका अंदाज़ बहुत सामान्य होता. ऑल इंडिया शिया काउंसिल के सचिव मौलाना जलाल हैदर नकवी ने कहा, “उन्होंने बहुत से मुद्दों पर हमें सलाह दी और उनसे मुझे काफी फायदा मिला है.”

बैठक के दौरान दुनियाभर से मिले शोक सन्देश में से कुछ महत्वपूर्ण संदेश प्रोजेक्टर द्वारा प्रस्तुत किए गए.

गौरतलब हो कि, मौलाना जलालुद्दीन उमरी का जन्म 1935 में तमिलनाडु के नॉर्थ अर्कोट ज़िले के पुट्टाग्राम नामक गाँव में हुआ था. जामिया दारुस्सलाम उमराबाद, तमिलनाडु से उन्होंने स्नातक किया. जामिया दारुस्सलाम से इस्लामिक स्टडीज में मास्टर डिग्री हासिल की और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक किया.

वह 2007-2019 तक लगातार तीन बार जमाअत इस्लामी हिंद के अध्यक्ष (अमीर) रहे. मौलाना उमरी 2019 से जमाअत इस्लामी हिंद शरिया काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में अपनी बहुमूल्य सेवाएं दे रहे थे. वह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष भी थे, जो भारतीय मुसलमानों का एक प्रमुख प्रतिनिधि प्लेटफ़ॉर्म है.

मौलाना जलालुद्दीन उमरी ने 40 से अधिक किताबें लिखीं. वह अपनी लेखनी और व्याख्यान शैली के कारण दुनिया में अपनी अलग पहचान रखते थे.

- Advertisement -
- Advertisement -

Stay Connected

16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe

Must Read

हलद्वानी हिंसा: आरोपियों पर लगा UAPA, क़ौमी एकता मंच ने की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

-एस.एम.ए. काज़मी देहरादून | उत्तराखंड पुलिस ने 8 फरवरी, 2024 को हुई हल्द्वानी हिंसा मामले में सात महिलाओं सहित...
- Advertisement -

उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों- सरकारी कर्मचारियों का आरोप, “वोट डालने से किया गया वंचित”

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों में से ख़ासकर पुलिस...

कांग्रेस का पीएम से सवाल, 20 हज़ार करोड़ खर्च करने के बावजूद गंगा और मैली क्यों हो गई ?

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की लोकसभा सीट बनारस के मुद्दों को लेकर सवाल...

MDH मसाले अमेरिका में मानकों पर खरे नहीं उतरे, यूएस खाद्य विभाग ने लगाई रोक, जांच शुरू

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | हाल ही में अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी खाद्य विभाग "फूड एंड ड्रग...

Related News

हलद्वानी हिंसा: आरोपियों पर लगा UAPA, क़ौमी एकता मंच ने की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

-एस.एम.ए. काज़मी देहरादून | उत्तराखंड पुलिस ने 8 फरवरी, 2024 को हुई हल्द्वानी हिंसा मामले में सात महिलाओं सहित...

उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों- सरकारी कर्मचारियों का आरोप, “वोट डालने से किया गया वंचित”

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों में से ख़ासकर पुलिस...

कांग्रेस का पीएम से सवाल, 20 हज़ार करोड़ खर्च करने के बावजूद गंगा और मैली क्यों हो गई ?

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की लोकसभा सीट बनारस के मुद्दों को लेकर सवाल...

MDH मसाले अमेरिका में मानकों पर खरे नहीं उतरे, यूएस खाद्य विभाग ने लगाई रोक, जांच शुरू

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | हाल ही में अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी खाद्य विभाग "फूड एंड ड्रग...

मोदी-शाह को तीसरा कार्यकाल मिला तो दलित, आदिवासी फिर गुलाम बन जाएंगे: मल्लिकार्जुन खड़गे- कांग्रेस अध्यक्ष

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के चुनाव प्रचार के लिए खड़गे ने रविवार...
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here