https://www.xxzza1.com
Sunday, May 19, 2024
Home अन्तर्राष्ट्रीय इंडियन अमेरिकन काउंसिल: डॉ० कफील की रिहाई का स्वागत, अन्य एक्टिविस्टों की...

इंडियन अमेरिकन काउंसिल: डॉ० कफील की रिहाई का स्वागत, अन्य एक्टिविस्टों की रिहाई की मांग

मुसलमानों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित रूप से झूठे मामले दर्ज करने के लिए सरकार के क़दम की आलोचना करते हुए, IAMC ने अन्य मुस्लिम कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार रक्षकों जैसे इशरत जहां, नताशा नरवाल, मीरान हैदर, शरजील इमाम, खालिद सैफी, अखिल गोगोई, धीरज्या कोंवर, बिट्टू सोनोवाल, मनीष कोंवर जिन्हें सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था को तुरंत रिहा करने की मांग की.

इंडिया टुमारो

नई दिल्ली, 5 सितंबर | इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) जो भारत की समावेशी और सहनशील संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध एक एडवोकेसी समूह है ने जेल से रिहा हुए भारतीय मुस्लिम चिकित्सक डॉ० कफील ख़ान की रिहाई का स्वागत किया है. साथ ही अन्य गिरफ्तार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की रिहाई कि भी मांग की है.

इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल – IAMC ने पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता देवांगना कलिता और एएमयू के पूर्व छात्र नेताओं शरजील उस्मानी और फरहान ज़ुबैरी की रिहाई का भी स्वागत किया है.

IAMC ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की सराहना की जिसने इस हफ्ते अपनी रिहाई के आदेश में सरकार के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें 39 वर्षीय बाल रोग विशेषज्ञ के एक भाषण में “हिंदुओं के प्रति घृणा, दुश्मनी और भेदभाव बढ़ाने की कोशिश का आरोप लगाया गया था, जिसे डॉ. कफील ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 13 दिसंबर, 2019 को दिया था. जिस भाषण को आधार बनाकर डॉ० कफील पर उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून- NSA के तहत आरोप दर्ज किए थे.

IAMC ने अपने बयान में कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले से स्पष्ट है कि डॉ. खान ने “नफ़रत या हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया”, बल्कि वास्तव में “नागरिकों के बीच एकता” के लिए आह्वान किया था जो भाषण ये उजागर करता है कि राज्य सरकार का ‘खान’ को क़ैद करने के पीछे सही मंशा नहीं है. ऐसा करना भारत के नए मुस्लिम विरोधी नागरिकता कानून का विरोध करने के लिए भारत के मुसलमानों को सताना है.

इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल के अध्यक्ष अहसान खान ने कहा, “डॉ० कफील खान द्वारा दिसंबर में दिए अपने भाषण में, जो उनकी गिरफ्तारी का कारण बना, में उन्होंने सरकार की आर्थिक विफलताओं और बढ़ती बेरोज़गारी के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को दोषी ठहराया था. साथ ही लाखों मुस्लिमों को जो इसी देश में पैदा हुए, अवैध प्रवासी बनाए जाने के एकमात्र उद्देश्य के साथ नागरिकता कानून लाने के लिए इसकी आलोचना की थी.”

अहसान खान ने कहा, “जैसा कि उच्च न्यायालय ने कहा कि उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा, बल्कि एक लोकतंत्र में कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में अपना कर्तव्य निभाया, लेकिन फिर भी उन्हें सज़ा दी गई.”

यह भयावह है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले तीन वर्षों में डॉ. खान के खिलाफ कई बार झूठे आपराधिक मामले दर्ज किए हैं. उन्हें 2017 में सात महीने के लिए जेल में रखा गया था, इस झूठे आरोप में कि उनकी लापरवाही से सरकारी अस्पताल में 70 बच्चों की मौत हो गई थी. हालाँकि, जांच से पता चला था कि डॉ० खान ने वास्तव में सैकड़ों बच्चों की ज़िन्दगी बचाने के लिए दिन-रात काम किया था. अपने स्वयं के पैसे से उनके लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करके बच्चों की जान बचाई थी.

मुसलमानों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित रूप से झूठे मामले दर्ज करने के लिए सरकार के क़दम की आलोचना करते हुए, IAMC ने अन्य मुस्लिम कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार रक्षकों जैसे इशरत जहां, नताशा नरवाल, मीरान हैदर, शरजील इमाम, खालिद सैफी, अखिल गोगोई, धीरज्या कोंवर, बिट्टू सोनोवाल, मनीष कोंवर जिन्हें सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था को तुरंत रिहा करने की मांग की.

IAMC ने गुजरात-कैडर के पूर्व IPS अधिकारी संजीव भट्ट, कवि-कार्यकर्ता वरवारा राव, पूर्व-डीयू प्रोफेसर जीएन साईबाबा, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों आनंद तेलतुंबडे और गौतम नवलखा की रिहाई की मांग की है, जिन्हें 2018 में भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया गया था.

 IAMC के अहसान खान ने कहा कि मोदी सरकार विरोध प्रदर्शन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को ख़त्म कर रही है जो लंबे समय से भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला है.

इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) एक समावेशी, सहिष्णु और मानव अधिकारों के सम्मान के लिए समर्पित है जो दुनिया के दो सबसे बड़े धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, संयुक्त राज्य और भारत का आधार है.

- Advertisement -
- Advertisement -

Stay Connected

16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe

Must Read

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को मोदी सरकार के इशारे पर काम करने वाली कठपुतली करार दिया

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक चुनावी रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री...
- Advertisement -

हलद्वानी हिंसा: आरोपियों पर लगा UAPA, क़ौमी एकता मंच ने की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

-एस.एम.ए. काज़मी देहरादून | उत्तराखंड पुलिस ने 8 फरवरी, 2024 को हुई हल्द्वानी हिंसा मामले में सात महिलाओं सहित...

उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों- सरकारी कर्मचारियों का आरोप, “वोट डालने से किया गया वंचित”

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों में से ख़ासकर पुलिस...

कांग्रेस का पीएम से सवाल, 20 हज़ार करोड़ खर्च करने के बावजूद गंगा और मैली क्यों हो गई ?

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की लोकसभा सीट बनारस के मुद्दों को लेकर सवाल...

Related News

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को मोदी सरकार के इशारे पर काम करने वाली कठपुतली करार दिया

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक चुनावी रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री...

हलद्वानी हिंसा: आरोपियों पर लगा UAPA, क़ौमी एकता मंच ने की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

-एस.एम.ए. काज़मी देहरादून | उत्तराखंड पुलिस ने 8 फरवरी, 2024 को हुई हल्द्वानी हिंसा मामले में सात महिलाओं सहित...

उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों- सरकारी कर्मचारियों का आरोप, “वोट डालने से किया गया वंचित”

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों में से ख़ासकर पुलिस...

कांग्रेस का पीएम से सवाल, 20 हज़ार करोड़ खर्च करने के बावजूद गंगा और मैली क्यों हो गई ?

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की लोकसभा सीट बनारस के मुद्दों को लेकर सवाल...

MDH मसाले अमेरिका में मानकों पर खरे नहीं उतरे, यूएस खाद्य विभाग ने लगाई रोक, जांच शुरू

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | हाल ही में अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी खाद्य विभाग "फूड एंड ड्रग...
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here