इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कर दी है. मुख्य निर्वान आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव होगा, जबकि झारखंड में दो चरणों में मतदान होगा.
नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में इस घोषणा के साथ ही दोनों राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी.
उन्होंने बताया कि झारखंड में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होगी. यहां पर भी 23 नवंबर को नतीजें आएंगे. साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने केरल के वायनाड में भी लोकसभा उपचुनाव की तारीख का ऐलान किया.
निर्वाचन आयोग ने बताया कि केरल के वायनाड में 13 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि झारखंड के 24 जिलों की 81 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होनी है. इनमें से 44 सीटें जनरल कैटेगरी की हैं. वहीं एससी के लिए 9 सीटें आरक्षित हैं और एसटी कैटेगरी के लिए 28 सीटें आरक्षित हैं.
चुनाव आयोग के अनुसार झारखंड में कुल मतदाताओं की संख्या 2.6 करोड़ है, जिसमें से 1.29 करोड़ महिला और 1.31 करोड़ पुरुष मतदाता हैं. पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 11.84 लाख है.
आगामी चुनाव में झारखंड में 29,562 पोलिंग स्टेशन होंगे. राजीव कुमार ने कहा कि राज्य में कुल 29,562 मतदान केंद्रों की स्थापना की जाएगी, इनमें से 5042 मतदान शहरी इलाकों में जबकि 24,520 केंद्र ग्रामीण इलाकों में होंगे.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीट के लिए एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा. निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, महाराष्ट्र में 22 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी तथा नामांकन की आखिरी तिथि 29 अक्टूबर होगी.
कुमार ने बताया कि नामांकन पत्र चार नवंबर, 2024 तक वापस लिए जा सकते हैं. राज्य में 20 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को मतगणना होगी. महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
महाराष्ट्र में फिलहाल महायुति गठबंधन की सरकार है, जिसके मुखिया शिवसेना के एकनाथ शिंदे हैं. इस सत्ताधारी गठबंधन में शिवसेना के अलावा बीजेपी और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है.
दूसरी तरफ, विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) है. इसमें उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और वरिष्ठ नेता शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल है.
साल 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति बिल्कुल बदल गई है. साल 2019 का विधानसभा चुनाव बीजेपी और अविभाजित शिवसेना ने एनडीए के बैनर तले साथ मिलकर लड़ा था. राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी ने 165 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और वह 105 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी.
शिवसेना ने 126 सीट पर चुनाव लड़ा था और उसे 56 पर जीत मिली थी. दूसरी तरफ, कांग्रेस ने 147 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और उसे 44 सीट पर जीत मिली थी, जबकि एनसीपी को 121 में से 54 सीट पर जीत हासिल हुई थी.
चुनाव बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. लेकिन कुछ समय बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में दो फाड़ कर बीजेपी के साथ सरकार बना ली.
झारखंड में साल 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के गठबंधन ने राज्य की 81 में से 47 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था.
गठबंधन की इस जीत के बाद हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. इस चुनाव में बीजेपी 25 सीट पर सिमट गई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास भी चुनाव हार गए थे.
पिछले पांच सालों में झारखंड में महाराष्ट्र की तरह कोई बहुत बड़ा राजनीतिक उलटफेर तो नहीं हुआ लेकिन इस दौरान जेएमएम में घटे कुछ राजनीतिक घटनाक्रमों ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया.
मुख्यमंत्री सोरेन को कथित जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में जनवरी 2024 में गिरफ़्तार कर लिया गया. सोरेन ने गिरफ्तारी से पूर्व मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और नए मुख्यमंत्री के रूप में जेएमएम संस्थापक शिबू सोरेन के करीबी सिपहसालार चम्पई सोरेन की ताजपोशी हुई.
जून महीने में हेमंत सोरेन के जमानत पर रिहा होने के बाद चम्पई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा और एक बार फिर राज्य की कमान हेमंत सोरेन के हाथों में आई गई. इस घटनाक्रम के कुछ दिनों बाद चम्पई सोरेन ने जेएमएम से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए.