इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | एक तरफ जहां देश में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी पर चर्चा होती है वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक विरोध के चलते महिलाओं पर अत्याचार की भी दुखद ख़बरें सामने आरही हैं जो शर्मसार करने वाली हैं.
ताज़ा मामला पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम से है जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा राजनीतिक विरोध के कारण एक महिला को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर 300 मीटर तक परेड करने के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है.
रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित महिला पूर्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य थीं और हाल ही में राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गईं थीं.
इस मामले में पीड़िता का कहना है कि उन्हें पार्टी बदलने के कारण विरोधी पार्टी भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा हमले का शिकार होना पड़ा.
गौरतलब हो कि जिस क्षेत्र की घटना है, उसे भाजपा का गढ़ माना जाता है. घटना के बाद से पूरे इलाके में तनाव का माहौल है और स्थानीय लोग मीडिया से बात करने को तैयार नहीं हैं.
इस मामले में जेंडर एक्टिविस्ट शताब्दी दास ने उन्नाव और कठुआ जैसी पिछली घटनाओं का हवाला देते हुए भाजपा के महिला विरोधी इतिहास की आलोचना की.
हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय लोगों का कहना है कि यह विवाद राजनीतिक विरोध के बजाए जल निकासी का मसला अधिक है. लोगों का यह भी कहना है कि पानी निकासी के मामले को लेकर दो पड़ोसियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा.
टीएमसी ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है.
बीते रविवार को आठ सदस्यीय टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित महिला से मुलाकात की और भाजपा के आरोपी कार्यकर्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई करने और महिला को न्याय दिलाने की बात कही. साथ ही भाजपा पर राजनीतिक द्वेष का आरोप लगाया.
ख़बर के अनुसार, टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने यह दावा किया कि, “चूंकि परिवार टीएमसी का समर्थन करता है, इसलिए भाजपा ने राजनीतिक प्रतिशोध के कारण महिला के खिलाफ ऐसा अत्याचार किया.”
टीएमसी प्रवक्ता ने कहा, “यह घटना बेहद शर्मनाक है. हमने अस्पताल में पीड़िता से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि कैसे भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें प्रताड़ित किया. इसकी निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं.”
भाजपा के जिला परिषद नेता बामदेब गुचैत ने भी इस घटना को शर्मनाक बताते हुए यह दावा किया कि इस मामले में आरोपी सदस्य भाजपा के केवल समर्थक हैं, पार्टी नेता या कार्यकर्ता नहीं हैं.
हालांकि, इस मामले में पुलिस ने भाजपा के बूथ अध्यक्ष तापस दास सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है.
एक तरफ राज्य में भाजपा पार्टी आरजी कर अस्पताल में रेप-हत्या की घटना को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा को उस घटना को लेकर बैकफुट पर ला दिया है.
इस मामले को लेकर भाजपा के पूर्व सांसद ने कहा है कि, पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक आम घटना बन गई है. किसी भी अपराध का कोई रंग नहीं होता और नंदीग्राम की घटना के आरोपियों को दंडित किया जाना चाहिए.
पूर्व भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा, “किसी भी अपराध का कोई रंग नहीं होता और नंदीग्राम में इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए…. आरजी कर अस्पताल की घटना को छुपाने के लिए मुख्यमंत्री अपनी ही सरकार के खिलाफ न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर मार्च कर रही हैं – इससे बड़ी शर्म की बात नहीं हो सकती है.”
जेंडर एक्टिविस्ट शताब्दी दास ने इस मामले पर कहा, “यह चौंकाने वाला मामला है! यहां हम इसलिए संघर्ष कर रहे हैं ताकि महिलाएं सुरक्षित रहें. नंदीग्राम में एक महिला सिर्फ इसलिए सॉफ्ट टारगेट बन गई क्योंकि वह सत्ताधारी पार्टी की सदस्य थी.”
उन्होंने कहा, “हम किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि पितृसत्ता और राज्य से लड़ रहे हैं. लेकिन भाजपा खुद एक ऐसी महिला विरोधी पार्टी है जिसका इतिहास उन्नाव और कठुआ जैसा है, वह शायद ही इस आंदोलन की भावना को समझ सके.”
नंदीग्राम में महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में भाजपा नेताओं की गिरफ़्तारी से भाजपा बैकफुट पर है.