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Monday, September 16, 2024
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यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़, 116 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो

लखनऊ | उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक धार्मिक कार्यक्रम, सत्संग में मची भगदड़ से एक बड़ा हादसा हो गया है, जिसमें 100 से अधिक लोगों के मरने की जानकारी सामने आई है।

हाथरस में सत्संग में हुई भगदड़ में अब तक 116 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि अलीगढ़ मंडल की कमिश्नर चैत्रा वी ने की है। काफी संख्या में घायल लोगों को आसपास के जिलों में भर्ती कराया गया है।

आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। प्रशासन अभी भी घटना में कुल कितने लोगों की मृत्यु हुई है और कितने घायल हैं इसका पूरा ब्योरा नहीं जुटा पाया। अब तक 72 मृतकों की ही पहचान हो पाई है।

इस घटना के बाद यूपी सरकार ने अपने 2 मंत्रियों को घटना स्थल पर भेजा है। इसी के साथ राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी भी घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक एटा जिले के पटियाली तहसील के गांव बहादुरपुर नगरी के रहने वाले नारायण साकार हरि नामक व्यक्ति भोले बाबा के नाम से जाने जाते हैं। यह सत्संग कर धार्मिक प्रवचन देते हैं। उनके अनुयायी पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड में हैं।

भोले बाबा का आज हाथरस के फुलरई गांव में सत्संग था। यहाँ पर भारी भीड़ इकट्ठा थी और उनके सत्संग में शामिल थी। सत्संग चल ही रहा था कि अचानक भगदड़ मच गई। भगदड़ मचने से अफरातफरी का माहौल हो गया और वहाँ पर मौजूद लोग भागने लगे, जिससे लोग भीड़ के कारण एक दूसरे पर गिरते गए। इससे लोग दबकर मर गए।

मरने वालों की संख्या 100 से ऊपर बताई जा रही है। इसके साथ ही 150 से अधिक लोगों के घायल होने की बात भी सामने आई है। घायलों में कई लोगों के गंभीर रूप से घायल होने का समाचार है। हादसे के बाद दहशत का माहौल है।

हाथरस के सिकंदरा राऊसी एचसी में लाशों पड़ी हुई हैं और लोग अपने परिजनों की लाशें तलाशने में जुटे हुए हैं। बताया जाता है कि यहाँ पर लगभग 100 लाशें पड़ी हुई हैं। एटा के सी एम ओ उमेश त्रिपाठी ने 27 शव लाए जाने की बात कही है। इनमें महिलाएँ, बच्चे और एक पुरुष शामिल है।

घटना इतनी भयावह है कि यूपी सरकार ने हाथरस के साथ, अलीगढ़, एटा और आसपास के जिलों के प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने के लिए और लोगों के उचित इलाज के लिए तैयार रहने के लिए कहा है।

बताया जाता है कि सतसंग में 20 हज़ार से अधिक लोगों की भीड़ थी। लेकिन सुरक्षा के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं थी। यहाँ तक कि पुलिस या होमगार्ड का एक जवान भी नहीं था। जबकि नियमतः सुरक्षा व्यवस्था की जानी चाहिए थी और पुलिस को भी सूचित किया जाना चाहिए था, लेकिन इसकी जरूरत नहीं समझी गई।

बताया जाता है कि जहां पर यह कार्यक्रम हुआ था, वह जगह बहुत छोटी थी और लोगों के आने – जाने का एक छोटा सा रास्ता था। भगदड़ क्यों मची यह अभी तक पता नहीं चला है। लेकिन इतना पता चला है कि इसमें सुरक्षा व्यवस्था की भारी चूक हुई है, जिसके कारण यह घटना घटित हुई है।

बताया जा रहा है कि यहाँ पर इतना बड़ा कार्यक्रम होने के बावजूद पुलिस की समुचित व्यवस्था नहीं थी और न ही अग्नि शमन तथा चिकित्सा की भी कोई व्यवस्था थी। इस घटना के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना स्थल के लिए राज्य के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण और संदीप सिंह को रवाना किया है और घटना स्थल पर हर स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा है।

इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार को भी घटना स्थल पर भेजा है।

राज्य के मंत्री संदीप सिंह स्वीकार करते हैं कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। संदीप सिंह ने कहा है कि, “हमें मुख्यमंत्री द्वारा हाथरस घटना स्थल पर पहुंचने,मामले को देखने और सरकार की ओर से आवश्यक निर्णय लेने के निर्देश दिए गए हैं। मृतको की संख्या लगातार बढ़ रही है, अभी हम ठीक से इस पर कुछ नहीं कह सकते हैं।”

भोले बाबा जिनके सतसंग में घटना घटित हुई है, वह सरकारी नौकरी छोड़कर प्रवचन करते हैं। उन्होंने 26 वर्ष पहले सरकारी नौकरी छोड़ दिया था। बताया जाता है कि वह पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो में सिपाही थे और फिर वी आर एस लेकर धार्मिक कार्यक्रम सतसंग और प्रवचन करने लगे।

यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह इस बारे में कहते हैं कि, “कार्यक्रम में कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। यह जानबूझकर मुसीबत के लिए दावतनामा दिया गया था। सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं था।

पुलिस,अग्नि शमन और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन कुछ नहीं था। अब इस घटना का जवाब कौन देगा। ये क्लेम करते हैं कि पहले इंटेलिजेंस में थे, सिपाही थे और फिर वी आर एस ले लिया। इस बाबा के ऊपर कई मुकदमें दर्ज हैं।

स्थानीय प्रशासन को यह निश्चित करना चाहिए था कि यह जो चमत्कारिक बातें करते हैं, ये कानूनी दंडनीय अपराध भी है। कोई बाबा का आडंबर ओढ़ कर आ जाए, तो वो ऐसा लगता है कि साक्षात् नारायण का अवतार है।

दुर्भाग्य यही है कि, जिसके ऊपर 6 – 7 अपराध हों, यौन शोषण तक के अपराध हों, वो अपने को चमत्कारिक बता रहा है। मैं इससे कम से कम तो सहमत नहीं हूं। स्थानीय प्रशासन पर इसकी जिम्मेदारी होनी चाहिए थी और अब खैर होगी ही। इतनी ज्यादा संख्या में मौतें हुई हैं तो सवाल उठता ही है। इस घटना से बचा जा सकता था, लेकिन जानबूझकर मुसीबत को दावत दी गई है। इस मामले में बाबा के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।”

इस घटना पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुःख जताया है। उन्होंने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिया है। साथ ही घायलों के उपचार के लिए भी निर्देश दिया है। लेकिन अभी तक इस घटना में मृतकों के लिए और घायलों के लिए कोई मुआवजा नहीं घोषित किया है।

सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने भी इस घटना पर दुःख प्रकट किया हैं और उन्होंने कहा है कि, “घटना अत्यंत दुःखद और स्तब्धकारी है। हर संभव चिकित्सा प्रदान करते हुए प्रशासन राहत कार्य जल्द पूर्ण करे और पीड़ित परिवारों को मुआवजा दे। ईश्वर मृतकों के परिजनों को शक्तिप्रदान करे।”

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी इस हादसे पर दुःख जताया है। उन्होंने कहा है कि, “हाथरस में सतसंग के दौरान भगदड़ की वजह से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौत और कई के घायल होने का समाचार ह्रदय विदारक है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे। शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। राज्य सरकार से मेरी अपील है कि पीड़ितों को उचित मुआवजा देने और घायलों के उपचार की व्यवस्था की जाए।”

हाथरस में घटित इस घटना से बचा जा सकता था। लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। कार्यक्रम को लेकर प्रचार भी किया गया था और पोस्टर भी लगाए गए थे। किंतु न तो इस पर इंटेलिजेंस ने कोई नोटिस लिया और न ही पुलिस ने।

इंटेलिजेंस और पुलिस को आयोजकों से पूंछना चाहिए था कि कार्यक्रम की परमिशन ली गई है कि नहीं। अगर नहीं ली गई है, तो इंटेलिजेंस को हाथरस के प्रशासन को सूचित करना चाहिए था और परमिशन न होने पर कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए सलाह देनी चाहिए थी।

इंटेलिजेंस इस जगह पर फेल हो गया और बड़ी घटना घटित हो गई। अब केवल जाँच होगी और फिर जाँच रिपोर्ट दाखिल कर घटना पर धूल डाल दी जाएगी। इसके सिवा इस पर कोई कार्यवाही नहीं होगी।

इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व सिपाही और मौजूदा भोले बाबा पर कार्यवाही करने और उसे जेल में बंद करने की जरूरत है, जिससे आडंबर फैलाने वाले बाबाओं को सबक मिल सके और बेवजह कोई मौत के मुंह में न जा सके।

अब देखना है कि यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार “भोले बाबा” के खिलाफ कोई कार्यवाही करती है या फिर आडंबर फैलाने वाले बाबा को संरक्षण देती है।

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