https://www.xxzza1.com
Saturday, May 18, 2024
Home पॉलिटिक्स मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव : 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल

मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव : 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो

लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में लोकसभा उपचुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने डिम्पल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सपा से भाजपा में आए रघुराज सिंह शाक्य को अपना उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है।

मैनपुरी में लोकसभा उपचुनाव यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण लोकसभा की रिक्त हुई सीट पर हो रहा है। इस सीट पर सपा ने डिम्पल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी हैं।

सपा ने मैनपुरी सीट पर अपना दबदबा कायम रखने के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ बनने वाले राजनीतिक दलों के मोर्चे के बनने का भी साफ संकेत दे दिया है। यही वजह है कि मैनपुरी में सपा के खिलाफ अन्य विपक्षी दलों ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। यहां पर बसपा ने भी अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती से सपा को अपना समर्थन देने और अपना उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं उतारने के लिए कहा था। मायावती ने भी अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है।

ज्ञात हो कि बसपा सुप्रीमो मायावती जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संपर्क में हैं और वह भाजपा के खिलाफ बनने वाले राजनीतिक दलों के मोर्चे में शामिल होंगी। यही कारण है कि वह जदयू के कहने पर मैनपुरी में उम्मीदवार नहीं उतारने को तैयार हो गईं। यह भाजपा के लिए बहुत बड़ा झटका है।

सपा उम्मीदवार डिम्पल यादव को जदयू ने अपना समर्थन दिया है। इसीके साथ सपा को कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया है और अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है। इस तरह से सपा को समर्थन देकर अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा के खिलाफ 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए बनने वाले राजनीतिक दलों के मोर्चे की अभी से इबारत लिख दिया है और राजनीतिक दलों के भविष्य में बनने वाले मोर्चे का साफ संकेत दे दिया है।

मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के जरिए जीत हासिल कर कब्जा करने के लिए भाजपा ने बड़ा दिमाग लगाया और दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव के परिवार में फूट डालने का बहुत प्रयास किया। भाजपा ने सबसे पहले मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को मैनपुरी में चुनाव लड़ाने के लिए मन बनाया और अपर्णा यादव से बात की। अपर्णा यादव को मैनपुरी से चुनाव लड़ाने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी उनको राजी करने का प्रयास किया।

अपर्णा यादव रिश्ते में योगी आदित्यनाथ की ममेरी बहन हैं। लेकिन वह राजी नहीं हुईं और उन्होंने अपने परिवार के खिलाफ उम्मीदवार बनने से मना कर दिया। इसके बाद भाजपा की ओर से शिवपाल सिंह यादव को तोड़ने का प्रयास किया गया, क्योंकि शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच अनबन थी। इसी बीच शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव ने मुलाकात कर अपने गिले- शिकवे दूर कर लिया। शिवपाल सिंह यादव ने बहू डिम्पल यादव को मैनपुरी से जिताने की घोषणा कर दी।

शिवपाल सिंह यादव ने अपने लोगों से इसके लिए चुनावी मैदान में डट जाने के लिए कह दिया। शिवपाल सिंह यादव के अखिलेश यादव के साथ चले जाने से भाजपा को बहुत बड़ा झटका लगा।भाजपा की शिवपाल सिंह यादव को तोड़ने की आखिरी कोशिश भी नाकाम हो गई।

भाजपा को अपनी पार्टी में मैनपुरी में सपा उम्मीदवार डिम्पल यादव के सामने चुनाव लड़ने के लिए कोई उम्मीदवार तक नहीं मिला। इसके बाद भाजपा ने सपा छोड़कर पार्टी में आए रघुराज सिंह शाक्य को उम्मीदवार घोषित किया। रघुराज सिंह शाक्य इटावा से सपा के टिकट पर दो बार सांसद रहे हैं और एक बार विधायक रहे हैं। यह मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव के चेले हैं। भाजपा ने इनको यह सोचकर चुनावी मैदान में उतारा है कि शिवपाल सिंह यादव अपने चेले के लिए सपा से भितरघात करेंगे और उसका फायदा भाजपा को मिलेगा।

हालांकि, ऐसा नहीं है, क्योंकि शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव खुलकर अखिलेश यादव और डिम्पल यादव का समर्थन कर रहे हैं। आदित्य यादव के कारण शिवपाल सिंह यादव अब पूरी तरह से डिम्पल यादव के साथ हैं और मैनपुरी में डिम्पल यादव को जिताने के लिए मोर्चा संभाला हुआ है। अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप यादव और अंशुल यादव समेत पूरे यादव परिवार ने डिम्पल यादव को मैनपुरी में जिताने के लिए मोर्चा संभाला हुआ है।

इसके अलावा मैनपुरी में डिम्पल यादव को सहानुभूति भी खूब मिल रही है और उनको सहानुभूति में वोटों के मिलने की उम्मीद है। डिम्पल यादव मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू हैं और वह उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए मैनपुरी में चुनावी मैदान में उतरी हैं। जनता को उनसे बड़ी उम्मीद है और उनको जनता का बड़ा समर्थन मिल रहा है। वह भाजपा उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य से बहुत आगे चल रही हैं।

मैनपुरी में चुनाव में मुख्य रूप से मुकाबला सपा और भाजपा के बीच है। यहां पर 13 लोगों ने चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था, लेकिन अब 6 उम्मीदवार ही मैदान में बचे हैं और 7 लोगों का नामांकन पत्र खारिज हो गया है। डिम्पल यादव-सपा, रघुराज सिंह शाक्य भाजपा, प्रमोद कुमार यादव भारतीय कृषक दल, भूपेंद्र कुमार धनगर राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी, सुषमा देवी निर्दलीय और सुरेश चंद्र निर्दलीय अब चुनावी मैदान में बचे हैं और इनमें ही मुकाबला होगा।

मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में मैनपुरी, किशनी, भोगांव और करहल विधानसभा क्षेत्र मैनपुरी जिले में हैं, जबकि मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में शामिल जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र इटावा जिले में है। 2022 के विधानसभा चुनाव में मैनपुरी और भोगांव में भाजपा जीती थी, जबकि करहल में अखिलेश यादव और जसवंतनगर में शिवपाल सिंह यादव और किसनी सपा ने जीता था। 2019 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव को भोगांव छोड़कर अन्य चारों विधानसभा क्षेत्र में बढ़त और जीत हासिल हुई थी।

सपा इसी को ध्यान में रखकर चुनावी रणनीति तैयार कर चुनाव लड़ रही है। भाजपा की तैयारी यह है कि किसी तरह से हर विधानसभा में सपा के वोट कम हो जाएं, जिससे भाजपा जीत जाए। मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक वोट यादव जाति के हैं। यादव वोटर 4.25 लाख हैं। इसके बाद शाक्य वोटर हैं, जिनकी संख्या लगभग 3 लाख है। 2.25 लाख ठाकुर वोटर हैं। 1.10 लाख ब्राम्हण वोटर हैं। 1.20 दलित, 1लाख लोधी, 70 हजार वैश्य और 60 हजार मुस्लिम वोटर हैं। यादव वोटर सपा के साथ है।

इसके अलावा शाक्य वोटर पूरी तरह से भाजपा के साथ नहीं है। शाक्य वोटर बंटा हुआ है। शाक्य वोटर मौर्य की ही जाति है। इटावा, मैनपुरी एटा, अलीगढ़, बदायूं फरुर्खाबाद, कन्नौज, बरेली आदि जिलों में मौर्य अपने को शाक्य लिखता है। इन्हीं शाक्य वोटरों के दम पर स्वामी प्रसाद मौर्या की बेटी संघमित्रा मौर्या बसपा के टिकट पर 2014 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गईं। इनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्या उस समय बसपा के बड़े नेता थे। अब स्वामी प्रसाद मौर्या सपा के एमएलसी हैं और वह अखिलेश यादव के साथ खड़े हैं। इनकी अपनी जाति में तगड़ी पकड़ है। यह अब मैनपुरी में अपने लोगों से डिम्पल यादव को वोट देने के लिए कह रहे हैं और डिम्पल यादव का प्रचार कर रहे हैं। इनके साथ ही मौर्य जाति के एक बड़े नेता और पूर्व विधायक राम आसरे कुशवाहा भी डिम्पल को जिताने के लिए अपनी जाति के वोटरों से कह रहे हैं। यह बसपा के पूर्व यूपी अध्यक्ष हैं।इस तरह शाक्य वोटर भी सपा के साथ जा रहा है।

मैनपुरी में भाजपा उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य को जिताने के लिए केंद्रीय मंत्री एस पी सिंह बघेल, बी एल वर्मा, यूपी सरकार के मंत्री बेबीरानी मौर्य, असीम अरुण, राकेश सचान, योगेंद्र उपाध्याय, गिरीश चन्द्र यादव, जयवीर सिंह जुटे हुए हैं। इसके अलावा राम शंकर कठेरिया सांसद, सुब्रत पाठक सांसद, राजवीर सिंह सांसद को मैनपुरी में भाजपा ने चुनाव में लगाया है। भाजपा के यूपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, भाजपा के संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह को भी मैनपुरी चुनाव में लगाया गया है। और तो और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ खुद मैनपुरी चुनाव पर नजर रखे हुए हैं।

भाजपा मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव हर हाल में जीतना चाहती है। वह यह चुनाव जीतकर लोगों को बताना चाहती है कि समूचे यूपी में जनता भाजपा को पसंद करती है और भाजपा जनता की पहली पसंद है। जबकि हकीकत इससे कोसों दूर है। जनता महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और बदतर होती कानून व्यवस्था से काफी परेशान है और वह बदलाव चाहती है। भाजपा के लिए अगर कोई चमत्कार हो जाए, तो वह भले ही मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव जीत जाए, अन्यथा मैनपुरी में भाजपा को हार का स्वाद चखना पड़ेगा, क्योंकि मतदाता भाजपा को यहां पर पसन्द नहीं कर रहे हैं।

भाजपा शाक्य, ठाकुर और ब्राम्हण मतदाताओं के सहारे यहां चुनाव जीतना चाहती है। लेकिन ठाकुरों में पैठ रखने वाले पूर्व मंत्री और कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने मैनपुरी में ठाकुरों से डिम्पल यादव के पक्ष में मतदान करने के लिए कहा है। इससे भाजपा की और हालत खराब हो गई है, क्योंकि भाजपा यह मानकर चल रही थी कि ठाकुर वोट उसको एकमुश्त मिलेंगे। लेकिन राजा भैया ने भाजपा के गणित को फेल कर दिया है। अब भाजपा की चुनावी नैय्या भंवर में फंसती जा रही है। भाजपा के लिए यह चुनाव भारी पड़ रहा है।

- Advertisement -
- Advertisement -

Stay Connected

16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe

Must Read

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को मोदी सरकार के इशारे पर काम करने वाली कठपुतली करार दिया

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक चुनावी रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री...
- Advertisement -

हलद्वानी हिंसा: आरोपियों पर लगा UAPA, क़ौमी एकता मंच ने की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

-एस.एम.ए. काज़मी देहरादून | उत्तराखंड पुलिस ने 8 फरवरी, 2024 को हुई हल्द्वानी हिंसा मामले में सात महिलाओं सहित...

उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों- सरकारी कर्मचारियों का आरोप, “वोट डालने से किया गया वंचित”

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों में से ख़ासकर पुलिस...

कांग्रेस का पीएम से सवाल, 20 हज़ार करोड़ खर्च करने के बावजूद गंगा और मैली क्यों हो गई ?

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की लोकसभा सीट बनारस के मुद्दों को लेकर सवाल...

Related News

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को मोदी सरकार के इशारे पर काम करने वाली कठपुतली करार दिया

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक चुनावी रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री...

हलद्वानी हिंसा: आरोपियों पर लगा UAPA, क़ौमी एकता मंच ने की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

-एस.एम.ए. काज़मी देहरादून | उत्तराखंड पुलिस ने 8 फरवरी, 2024 को हुई हल्द्वानी हिंसा मामले में सात महिलाओं सहित...

उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों- सरकारी कर्मचारियों का आरोप, “वोट डालने से किया गया वंचित”

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों में से ख़ासकर पुलिस...

कांग्रेस का पीएम से सवाल, 20 हज़ार करोड़ खर्च करने के बावजूद गंगा और मैली क्यों हो गई ?

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की लोकसभा सीट बनारस के मुद्दों को लेकर सवाल...

MDH मसाले अमेरिका में मानकों पर खरे नहीं उतरे, यूएस खाद्य विभाग ने लगाई रोक, जांच शुरू

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | हाल ही में अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी खाद्य विभाग "फूड एंड ड्रग...
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here