अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले की महसी तहसील के महराजगंज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पिछले सप्ताह हुई हिंसा में क्या भाजपा का हाथ है? यह एक ऐसा सवाल है, जिस पर लोगों की अलग अलग राय हो सकती है, लेकिन हिंसा में भाजपा की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
महसी के भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा करने, दंगा कराने, पत्थरबाजी करने और जानलेवा हमला करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर हिंसा करने और दंगा करवाने में भाजपा का हाथ होने का प्रमाण दे दिया है।
महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा में रामगोपाल मिश्रा नामक एक युवक की हत्या हो गई थी। इसके बाद तोड़फोड़, आगज़नी की घटनाएं हुई थीं और दंगा हो गया था। हिंसा को रोकने और दंगा को कंट्रोल करने में बहराइच का जिला प्रशासन और पुलिस फेल हो गई थी।
इसके पश्चात लखनऊ से गृह सचिव संजीव गुप्ता और एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश ने बहराइच जाकर मोर्चा संभाला था और भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था, तब जाकर स्थिति संभली थी। यहाँ पर हुई हिंसा के मामले में जिला प्रशासन और पुलिस ने एक पक्षीय कार्यवाही की थी।
पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया था और उन्हें पकडकर जेल भेजा था। रामगोपाल मिश्रा की हत्या करने और हिंसा करने के लिए 5 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया था। एसओजी और पुलिस ने इनको नेपाल बार्डर के करीब से पकड़ने का दावा किया था।
इसमें सरफराज उर्फ़ रिंकू और तालीम उर्फ़ शब्बू को पकड़ने का पुलिस ने दावा किया था। पुलिस के मुताबिक वह इनकी निशानदेही पर हथियारों को बरामद करने के लिए गई थी, जिस पर हांडा बसेहरी नामक स्थान पर इन्होंने बचकर भागने के चक्कर में पुलिस पर लोडेड बंदूक से फायर कर दिया।
इस पर पुलिस ने इनका इनकाउंटर किया, जिसमें यह पैरों में गोलियां लगने से घायल हो गए। पुलिस ने इनका इलाज कराया। इसी बीच अन्य 3 मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद, फहीम और मोहम्मद अफजल को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने इन सभी का मेडिकल कराया और सीजेएम के यहाँ पेश किया, जिस पर सीजेएम प्रतिभा चौधरी ने इनको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
बहराइच हिंसा में पुलिस ने अब तक 88 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पुलिस ने एक पक्षीय कार्यवाही की है और मुस्लिम समुदाय से अल्ताफ, अनवर हुसैन, तालिब, नफीस, नौशाद, सलाम बाबू, गुलाम एस, अनवार अरशद, मो० अहसान, मोहम्मद अली, दोस्त मोहम्मद, मोहम्मद जाहिद, सऊद आलम, मोहम्मद इमरान, ज़ीशान आदिल, रिज़वान, फुरकान, इमरान, समसुद्दीन, इमरान, मेराज, आमिर, शहजादे, मोहम्मद मौसीन, सलमान को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
यह सभी महराजगंज कस्बे के रहने वाले हैं। पुलिस ने किसी अन्य जाति के लोगों को नहीं गिरफ्तार किया है। बहराइच जिला प्रशासन और पुलिस ने केवल मुस्लिम समुदाय के लोगों को टारगेट कर गिरफ्तार किया है। इनकी गिरफ्तारी कर यह जताने का प्रयास किया गया है कि यहाँ पर हुई हिंसा और दंगा के लिए केवल मुस्लिम जिम्मेदार हैं। जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है।
महसी के भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाकर इसको पुख्ता कर दिया है कि बहराइच में हिंसा करने और दंगा फैलाने में भाजपा का हाथ है। सुरेश्वर सिंह ने भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ 21 अक्टूबर सोमवार को बहराइच कोतवाली में एक तहरीर देकर एफआईआर दर्ज करवाई है।
उन्होंने भाजपा युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष अर्पित श्रीवास्तव, भाजपा कर्यकर्ता अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, कुशमेंद्र चौधरी, मनीष चंद्र शुक्ल, पुण्डरीक पाण्डेय, सेक्टर संयोजक सुधांशु सिंह राणा और अज्ञात के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करवाई है।
सुरेश्वर सिंह ने पुलिस को दी गई तहरीर में कहा है कि, “दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान हिंसा में मृतक राम गोपाल मिश्रा के शव को बहराइच मेडिकल कॉलेज के समक्ष गेट पर रखकर भीड़ प्रदर्शन कर रही थी। मैं अपने अंगरक्षकों व अन्य सहयोगियों के साथ पहले से सड़क पर रखे शव के पास पहुंचा उसके पश्चात जिलाधिकारी श्रीमती मोनिका रानी से मिलने सीएमओ बहराइच के कार्यालय में पहुंचा।”
उन्होंने बताया कि, “वहाँ जिलाधिकारी, सीएमओ, सिटी मजिस्ट्रेट मौजूद थे, उनको साथ में लेकर मृतक राम गोपाल के शव के पास पुनः पहुंचे। वहाँ परिवार व गांव के लोगों से बातचीत करके मृतक राम गोपाल के शव को मृतक हम लोग मर्चरी जाने लगे तभी कुछ उपद्रवी, जिसमें अर्पित श्रीवास्तव, अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, कुशमेंद्र चौधरी, मनीष चंद्र शुक्ल, पुण्डरीक पाण्डेय (अध्यापक श्रावस्ती), सुधांशु सिंह राणा आदि सैकड़ों लोग मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे एवं गाली गलौज करने लगे। हम लोगों ने शव को लेकर किसी तरह से मर्चरी में रखवाया। फिर लोगों ने उपद्रव करना शुरु किया।”
सुरेश्वर सिंह ने आगे तहरीर में लिखा है कि, “जिलाधिकारी महोदया ने कहा कि हम लोग मूर्तियों के विसर्जन हेतु पैदल चलकर आग्रह कर लेते हैं, हम लोग मर्चरी से निकलकर गेट के बाहर जैसे ही सड़क पर मैं व जिलाधिकारी आगे बढ़े, उपरोक्त लोगों द्वारा हमारी गाड़ी को रोकने एवं शेष बचे लोगों को जान से मारने की नीयत से पत्थर चलाया गया.”
भाजपा विधायक ने आगे बताया, “उसी समय भीड़ से एक फायर भी हुआ जिससे गाड़ी का शीशा टूट गया। उस घटना में मेरे बेटे अखंड प्रताप सिंह बाल-बाल बचे। उक्त सारी घटना रात्रि 8 एक 10 बजे के मध्य की है। सीसीटीवी फुटेज में सारा कुछ स्पष्ट होगा। अतः मुकदमा पंजीकृत करके समुचित एवं आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें।”
भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह की तहरीर पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हो गया है। कोतवाली पुलिस ने आरोपियों पर दंगा करने, घातक हथियार से हमला करने, हत्या का प्रयास, व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में डालने, मारपीट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने इस पर कार्यवाही भी शुरु कर दी है और आरोपियों को तलाशने में जुट गई है।
भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह द्वारा अपनी ही पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने से भाजपा बैकफुट पर पहुंच गई है। पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
इससे यह भी साबित हो गया है कि बहराइच में हिंसा करने और दंगा करवाने के पीछे भाजपा का हाथ है। भाजपा अपने फायदे के लिए हिंसा करने/ करवाने में ‘संकोच’ नहीं करती है।
भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा देने से भाजपा की असलियत खुलकर सामने आ गई है और उसका दंगाई चेहरा भी सामने आ गया है। इससे भाजपा की बड़ी फजीहत हो रही है।