इंडिया टुमारो
लखनऊ | एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम प्रोफेशनल्स (एएमपी) के उत्तर प्रदेश चैप्टर ने उत्तर प्रदेश से सामाजिक उत्कृष्टता के लिए चौथे राष्ट्रीय पुरस्कार और शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए आठवें राष्ट्रीय पुरस्कार के विजेताओं के लिए होटल आरिफ कैसल में एक समारोह आयोजित किया.
विशेष अतिथियों में अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ गैस्ट्रो सर्जन डॉ. वलीउल्लाह सिद्दीकी और गौतमबुद्ध नगर से मिर्ज़ा मुबीन बेग शामिल हुए. प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और करियर काउंसलर डॉ. अमृता दास को मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होना था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वे भाग नहीं ले सकीं, इसलिए पूर्व वरिष्ठ नौकरशाह ज़हरा चटर्जी ने यह भूमिका निभाई.
कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना मुहम्मद रेहान कासमी द्वारा पवित्र कुरान की तिलावत से हुई. स्वागत भाषण एएमपी के मध्य क्षेत्र के जोनल प्रमुख सैयद शोएब ने दिया. एएमपी के राज्य प्रमुख शाहीन इस्लाम ने दर्शकों को एएमपी के उद्देश्यों और गतिविधियों से परिचित कराया, उन्होंने बताया कि इस गैर-सरकारी, गैर-राजनीतिक और गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना 2007 में की गई थी. पिछले कई वर्षों से एएमपी हाशिए पर पड़े समुदायों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक और विकासात्मक गतिविधियों में लगा हुआ है.
मुख्य अतिथि मिर्ज़ा मुबीन बेग ने इस बात पर ज़ोर दिया कि एनजीओ के लिए काम करना लगातार चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है और केवल वही संगठन सफल होंगे जो निस्वार्थ और ईमानदारी से सेवा करते हैं. उन्होंने एक-दूसरे के अनुभवों से लाभ उठाने के लिए एनजीओ के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया.
डॉ. वलीउल्लाह सिद्दीकी ने शिक्षा और सामाजिक सेवाओं में उनके योगदान के लिए पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि बच्चों को शिक्षित करने और उनका पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी माता-पिता और शिक्षकों दोनों की है. आज के बदलते समय में यह ज़िम्मेदारी और भी महत्वपूर्ण हो गई है. उन्होंने अपने जीवन से व्यक्तिगत सबक साझा किए और अपनी उपलब्धियों में मुख्य भूमिका निभाने के लिए अपने माता-पिता को श्रेय दिया.
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ज़हरा चटर्जी ने एएमपी के कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए प्रत्येक व्यक्ति का योगदान महत्वपूर्ण है. उन्होंने शैक्षिक जागरूकता और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अंतिम व्यक्ति तक पहुँचने की आवश्यकता पर बल दिया.
एएमपी की राष्ट्रीय समन्वय टीम के प्रमुख फारूक सिद्दीकी ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इन पुरस्कारों का उद्देश्य राष्ट्र को अपनी निस्वार्थ सेवाओं के माध्यम से बदलने के लिए प्रतिबद्ध व्यक्तियों और संगठनों को प्रोत्साहित करना है. उन्होंने सामूहिक प्रयासों और आपसी सहयोग के महत्व पर जोर दिया और कहा कि देश और राष्ट्र का कल्याण एकता और साझेदारी में निहित है.
एएमपी लखनऊ के चैप्टर हेड मोहम्मद मोहिउद्दीन ने धन्यवाद किया और कार्यक्रम की मेजबानी डॉ. सुम्बुल शकील ने की.
सामाजिक उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वालों में सर्वश्रेष्ठ एनजीओ पुरस्कार विजेता शामिल थे: तौहीदुल मुस्लिमीन ट्रस्ट, इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल हार्मोनी एंड अपलिफ्टमेंट. चेंज मेकर पुरस्कार विजेताओं में शामिल हैं: लखनऊ से प्रोफेसर डॉ. नुज़हत हुसैन, डॉ. मोहम्मद मुबाशिर, सबीहा अहमद, बलबीर सिंह मान, कानपुर से डॉ. कलीम अहमद खान, डॉ. सबा यूनुस, शाहिद कामरान खान, बलरामपुर से सगीर खाकसार, अलीगढ़ से डॉ. सलीम मोहम्मद खान और नसीम अहमद खान, तथा अयोध्या से रमेश चंद्र श्रीवास्तव.
शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वालों में शामिल हैं: प्रोफेसर मिर्ज़ा मोहम्मद सूफियान बेग, प्रोफेसर नसीम अहमद खान, अलीगढ़ से औसाफ अजीम किरमानी, मोहम्मद शाहिद खान, डॉ. मोहम्मद शमीम, कानपुर से समीउल्लाह अंसारी, लखनऊ से चित्रा माहेश्वरी, डॉ. रूही और मौलाना मोहम्मद रेहान कासमी. लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार विजेताओं में लखनऊ से वरिष्ठ शिक्षिका शीला लॉरेंस और कानपुर से जमालुद्दीन खान शामिल हैं.
कार्यक्रम में डॉ. अनीस अंसारी (पूर्व आईएएस), मोहम्मद खालिद आशू, मुजतबा खान, नज्म-उल-हसन रिजवी नजमी, डॉ. उज्मा मुबाशिर, सैयद अबरार, रिजवान अंसारी, मोहम्मद जीशान, मोहम्मद इमरान, जावेद अकबर खान लोदी, शहंशाह अंसारी, फहद महमूद, आयशा महमूद, अल्मा सिद्दीकी, आयशा अल्वी, जहीर बेग और आकिब रऊफ सहित बड़ी संख्या में उपस्थित लोग मौजूद थे.