इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप को लेकर एक और दावा किया है. अमेरिका की इस कंपनी हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि स्विस अधिकारियों ने अडानी की मनी लॉन्ड्रिंग और जालसाजी जांच के तहत कई बैंक खातों में जमा 31 करोड़ डॉलर से ज्यादा (करीब 2600 करोड़ रुपये) की रकम फ्रीज कर दी है. यह जांच 2021 से चल रही है.
इस बार हिंडनबर्ग ने स्विस मीडिया आउटलेट गोथम सिटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि स्विस अधिकारियों ने अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच के हिस्से के रूप में कई स्विस बैंक खातों में जमा 310 मिलियन डॉलर (2600 करोड़ रुपये) फ्रीज कर दिये हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, 12 सितंबर को एक्स पर एक पोस्ट करते हुए हिंडनबर्ग ने कहा कि यह जांच 2021 से चल रही है, जिसमें भारतीय ग्रुप से जुड़ी संदिग्ध ऑफशोर संस्थाओं से जुड़ी वित्तीय ट्रॉजेक्शन को बताया है।
हालांकि अडानी ग्रुप ने मीडिया में बयान जारी कर ऐसे किसी भी आरोप को पूरी तरह गलत और निराधार बताया है. ताजा मामला सामने आने के बाद अडानी ग्रुप ने कहा है कि उनके खिलाफ स्विट्जरलैंड की किसी अदालत में कोई मामला नहीं चल रहा है.
उन्होंने यह भी कहा है कि स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने उनके किसी भी बैंक खाते को फ्रीज नहीं किया है. अडानी ग्रुप ने इन खबरों को बिल्कुल बेबुनियाद बताया है.
अडानी ग्रुप की तरफ से दिये गए बयान में कहा गया कि हम बिना किसी हिचकिचाहट के कह सकते हैं कि यह एक ही समूह की तरफ से हमारे ग्रुप की प्रतिष्ठा और मार्केट वैल्यू को क्षति पहुंचाने का प्रयास है.
गौरतलब है कि 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी. रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी.
रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर बड़े पैमाने पर कॉरपोरेट कदाचार और शेयर-कीमत में हेरफेर का आरोप लगाया गया था.
2023 की शुरुआत में शॉर्ट-सेलर ने अडानी समूह पर टैक्स हेवन के जरिए बाजार के नियमों को तोड़ने का आरोप लगाया था. हिंडनबर्ग रिसर्च ने बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एक ऑफशोर फंड में निवेश किया था.