अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | उत्तर प्रदेश में लोकसभा के छठे चरण के चुनाव के बाद यह कहा जा रहा है कि भाजपा का कोर वोटर उसके पाले से खिसकता दिखाई दे रहा, जिसके चलते भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भाजपा सरकार के इशारे पर पुलिस ने उम्मीदवार और वोटरों को धमकाने का काम किया जिससे वोटर खुलकर इंडिया गठबंधन की ओर जाते दिखाई दिये।
लोकसभा चुनाव के छठे चरण में शनिवार को यूपी में 14 लोकसभा क्षेत्रो में वोट डाले गये। जिन लोकसभा क्षेत्रों में वोट डाले गये, उनमें श्रावस्ती, संतकबीरनगर, बस्ती, डुमरियागंज, आज़मगढ़, लालगंज, अम्बेडकर नगर, मछली शहर, जौनपुर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद और भदोही शामिल हैं।
इन सभी सीटों पर कुर्मी वोटरों की संख्या काफी है और यह हार-जीत को प्रभावित करते हैं। कुर्मी वोटर भाजपा का कोर वोटर है। कुर्मी वोटर अपनी जाति-बिरादरी के उम्मीदवार को पहली प्राथमिकता देते हैं। वह भाजपा का साथ देते हैं। कुर्मी वोटरों का मुख्य काम – धंधा खेती और किसानी है।
हालांकि, जबसे खेती और किसानी महंगी हो गई है और लागत बढ़ गई है, तबसे इन्होने खेती किसानी कम कर दी है और अपने बच्चों को पढ़ाने-लिखाने लगे हैं। इधर जबसे केंद्र में मोदी और यूपी में योगी की सरकार आई है तबसे कुर्मी जाति के लड़के और लड़कियां बेरोज़गार हो गए हैं। इसलिए अब कुर्मी वोटर भाजपा के पाले से खिसक गया है और वह इंडिया गठबंधन के साथ खड़ा हो गया है।
भाजपा की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई है। इसके आलावा भाजपा के पाले से वह वोटर भी खिसक गया है जिनके बच्चे रोज़गार नहीं मिलने के कारण भटक रहे हैं। गरीबी और महंगाई से अलग परेशान हैं। इनके भाजपा का साथ छोड़ने से भाजपा परेशान है।
छठे चरण की वोटिंग में कुर्मी वोटर बंटा हुआ दिखाई दिया, जबकि सवर्ण वोटर घर से कम निकला। यहाँ तक कि संघ के कार्यकर्ता भी घरों से नहीं निकले, इससे भाजपा नेताओं के चेहरों पर तनाव देखने को मिला।
14 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव:
आइये हम अब इन 14 लोकसभा सीटों की चर्चा करते हैं। इनमें सबसे पहले श्रावस्ती की बात करते हैं। यहाँ पर भाजपा ने साकेत मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है। साकेत मिश्रा राम मंदिर ट्रष्ट के अध्यक्ष नरपेंद्र मिश्रा के बेटे हैं। इनको जिताने के लिए पीएम मोदी ने विशेष तौर पर श्रावस्ती में जनसभा की थी। इनके खिलाफ राम शिरोमणि वर्मा सपा से उम्मीदवार हैं।
राम शिरोमणि वर्मा मौजूदा सांसद हैं और यह पिछली दफा बसपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे। इस बार इनको सपा ने उम्मीदवार बनाया है और यह कुर्मी जाति से ताल्लुक रखते हैं तथा इस क्षेत्र में कुर्मी वोटर निर्णायक भूमिका में है।
दूसरा नंबर बस्ती का है। यहाँ से भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद हरीश द्विवेदी को उम्मीदवार बनाया है। सपा ने राम प्रसाद चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है। राम प्रसाद चौधरी कुर्मी हैं। बसपा ने भाजपा के इशारे पर लवकुश पटेल को टिकट दिया है जिससे कुर्मी वोटों का बंटवारा हो जाये और भाजपा जीत जाये। लेकिन यहाँ पर कुर्मी राम प्रसाद चौधरी के साथ खड़ा हुआ है। वह मायावती की चाल से सतर्क हो गया है।
तीसरा नंबर संतकबीरनगर का है। यहाँ पर भाजपा ने यूपी सरकार के मंत्री संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को उम्मीदवार बनाया है। सपा ने पप्पू निषाद को चुनावी समर में उतारा है। संजय निषाद और प्रवीण निषाद का यहाँ पर जनता बड़ा विरोध कर रही है। संतकबीरनगर के गंगा सिंह सैंथवार ने खलीलाबाद में भाजपा उम्मीदवार प्रवीण निषाद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है कि उन्होंने फर्जी समर्थन पत्र के जरिये समर्थन देने की बात कही है।
उन्होंने कहा है कि इससे मेरी छवि खराब हुई है। जबकि मल्ल महासभा सैंथवार ने सपा का समर्थन किया है। यहाँ पर प्रवीण निषाद का विरोध निषाद ही कर रहे हैं। इनका कहना है कि संजय निषाद और उनके बेटे प्रवीण निषाद को निषादों से कोई मतलब नहीं है। उनकी पार्टी उनके परिवार की पार्टी है।
चौथा नंबर डुमरियागंज का है। यहाँ से भाजपा ने जगदम्बिका पाल को चौथी बार चुनावी मैदान में उतारा है। यह मोदी और योगी के सहारे चुनावी समर में डटे हुए हैं। इनके खिलाफ सपा ने भीष्म शंकर तिवारी को चुनाव में उतारा है। भीष्म शंकर पूर्वांचल के बड़े ब्राम्हण नेता स्व.हरि शंकर तिवारी के बेटे हैं। यह ब्राम्हण और सपा के परम्परागत वोटों तथा इंडिया गठबंधन के वोटों के सहारे चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। यह जगद्म्बिका पाल को तगड़ी टककर दे रहे हैं। इनका साथ कुर्मी वोटर भी दे रहा है।
इसके बाद आजमगढ़ का नंबर है। आज़मगढ़ में भाजपा ने दिनेश लाल यादव निरहुआ को उतारा है। निरहुआ भाजपा सांसद हैं। इनका मुकाबला सपा के धर्मेंद्र यादव से है। धर्मेंद्र यादव पिछला उपचुनाव बहुत कम वोटों से हारे थे। इस बार यहाँ की फिज़ा बदली हुई है।
लालगंज में भाजपा ने नीलम सोनकर को उतारा है। इनके खिलाफ सपा ने दरोगा सरोज को चुनावी समर में उतारा है। यह सुरक्षित सीट है। बसपा ने बीएचयू की सहायक प्रोफेसर इंदु चौधरी को उतारा है। बसपा ने यहाँ पर वोट काटने के लिए उम्मीदवार उतारा है। यहाँ पर तीनों उम्मीदवार एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाए हैं।
अम्बेडकर नगर का मामला दिलचस्प है। यहां पर भाजपा ने मौजूदा सांसद रितेश पाण्डेय को उम्मीदवार बनाया है। सपा ने लालजी वर्मा को उम्मीदवार बनाया है। लालजी वर्मा विधायक भी हैं। यह कुर्मी जाति से ताल्लुक रखते हैं और यह अपनी जाति कुर्मी के बड़े नेता हैं।
आजमगढ़, लालगंज और अम्बेडकरनगर में राजभर जाति के वोटर भी काफी संख्या में हैं। इनको साधने का काम सपा महासचिव
और विधायक राम अचल राजभर संभाले हुए हैं। इस तरह से इन सीटों पर इंडिया गठबंधन भाजपा पर भारी है। छठे चरण के चुनाव में भाजपा सरकार के इशारे पर लालजी वर्मा के आवास में पुलिस जबरन घुस गई और लालजी वर्मा पर दबाव बनाने का काम किया।
इसी के साथ टांडा के पूर्व ब्लाक प्रमुख लवकुश वर्मा को पुलिस ने आज चुनाव शुरु होते ही जबरिया पुलिस थाने में बैठाये रखा। पुलिस नेइस तरह से वोटिंग को प्रभावित करने का प्रयास किया। इस पर वोटरों ने इंडिया गठबंधन उम्मीदवार के पक्ष में जमकर मतदान किया।
मछली शहर में भी छठे चरण में मतदान हुआ। यहाँ पर भाजपा ने बी पी सरोज को प्रत्याशी बनाया है। बी पी सरोज मौजूदा सांसद हैं। यह पिछला चुनाव भाजपा उम्मीदवार के रूप में मात्र 197 वोटों से जीते थे। सपा ने इनके खिलाफ प्रिया सरोज को उम्मीदवार बनाया है। यह पूर्व सांसद तूफानी सरोज की बेटी हैं।
सपा ने मछली शहर में प्रिया सरोज को उम्मीदवार बनाकर महिलाओं और युवाओं को साधने का प्रयास किया है। बसपा ने कृपा शंकर सरोज को उम्मीदवार बनाकर दलितों के वोटों में सेंध लगाने का प्रयास किया है लेकिन दलित वोटर संविधान बचाने के नाम पर इंडिया गठबंधन के साथ खड़ा हुआ है और उसने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया है।
मछली शहर के बाद जौनपुर का जिक्र आता है। यहाँ पर भाजपा ने महाराष्ट्र के पूर्व ग्रह राज्यमंत्री कृपा शंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया। कृपा शंकर सिंह जौनपुर के रहने वाले हैं और यह मुंबई में रहते थे। इनको जौनपुर के लोग नहीं जानते हैं। इनको धनंजय सिंह पूर्व सांसद ने समर्थन दिया है। सपा ने पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। बसपा ने अपने सांसद श्याम सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर तगड़ी टककर है। परिणाम कुछ भी हो सकता है।
सुल्तानपुर में छठे चरण में मतदान हुआ। यहाँ से मेनका गांधी भाजपा उम्मीदवार हैं। पिछला चुनाव मेनका गांधी कम वोटों के अंतर से जीती थीं। सपा ने उनके खिलाफ राम भुआल निषाद को चुनावी मैदान में उतारा है। सपा का समर्थन सोनू सिंह कर रहे हैं। सोनू सिंह पिछला चुनाव मेनका गांधी के खिलाफ लड़े थे और कम अंतर से हारे थे। इस क्षेत्र में निषाद वोटरों की संख्या भी काफी है और यह सपा के साथ खड़े हैं। इससे भाजपा उम्मीदवार मेनका गांधी की हालत खराब है।
सुल्तानपुर के बाद प्रतापगढ़ की चर्चा करते हैं। प्रतापगढ़ में भाजपा ने अपने सांसद संगम लाल गुप्ता को टिकट देकर चुनाव में उतारा है। सपा ने एस पी सिंह पटेल को उतारा है। कुर्मी वोटरों की संख्या यहाँ पर बहुत है। यह सपा के साथ खड़े हैं जिससे सपा मज़बूत स्थिति में है। इसके अलावा कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैय्या ने भी सपा को समर्थन दे दिया है।
इसके बाद हम फूलपुर की चर्चा करते हैं। फूलपुर में राजा भैय्या की तगड़ी पकड़ है। बाबा गंज विधानसभा क्षेत्र से राजा भैय्या की पार्टी का विधायक है। बाबागंज फूलपुर की विधानसभा फाफामऊ से लगा हुआ है। राजा भैय्या का यहाँ प्रभाव है। भाजपा ने प्रवीण पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि सपा ने अमरनाथ मौर्य को। राजा भैय्या के समर्थन से यहाँ सपा मज़बूत है।
इलाहाबाद में भी छठे चरण में मतदान हुआ। भाजपा ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व गवर्नर केशरीनाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है। सपा ने उज्ज्वल रमन सिंह को उम्मीदवार बनाया है।राजा भैय्या ने उज्ज्वल रमन सिंह को समर्थन दिया है। यहाँ पर तगड़ी टककर है।
भदोही में विनोद कुमार बिंद भाजपा उम्मीदवार हैँ। इनके खिलाफ ललितेश पति त्रिपाठी टी एम सी /इंडिया गठबंधन उम्मीदवार हैँ।
यहाँ से भाजपा के सांसद रमेश बिंद सपा में चले गए हैं। इससे भाजपा कमजोर हो गई है।यहाँ ब्राम्हण वोटर काफी है। इस तरह से यहाँ इंडिया गठबंधन मज़बूत स्थिति में चुनाव लड़ रहा है। कुल मिलाकर 14 लोकसभा सीटों के आज हुए चुनाव में भाजपा को 4 सीटें मिलना भी बड़ा मुश्किल नज़र आ रहा है।
आज छठवें चरण के चुनाव में कुल 14 सीटों के चुनाव में यूपी में 54.02 प्रतिशत मतदान हुआ है। अम्बेडकर नगर में सबसे ज्यादा 61.54 प्रतिशत मतदान हुआ है। इसके बाद सुल्तानपुर में 55.50 प्रतिशत मतदान हुआ है। प्रतापगढ़ में 51.60, फूलपुर में 48.94, इलाहाबाद 51.75, श्रावस्ती 52.76, डुमरियागंज 51.94, बस्ती 56.67, संतकबीरनगर 52.63, लालगंज 54.14, आज़मगढ़ 56.07, जौनपुर 55.52, मछली शहर 54.43, भदोही 53.07 प्रतिशत मतदान हुआ है।
लोकसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत को लेकर भाजपा में सन्नाटा पसर गया है। राजनीतिज्ञ विश्लेषकों का मानना है कि आज के चुनाव में भाजपा इंडिया गठबंधन से पिछड़ गई है। अब भाजपा के लिए अगले चरण का चुनाव टेढ़ी खीर है।