अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | सामाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आज़म खां और उनकी पत्नी तंज़ीम फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आज़म को अलग-अलग जेल में रखने के प्रशासन के निर्णय को कोर्ट में चुनौती दी गई है।
कोर्ट ने आजम खां के वकीलों के प्रार्थना पत्र पर रामपुर के जिलाधिकारी से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है।
रामपुर की अदालत ने 2 जन्म प्रमाण पत्र के मामले में 18 अक्टूबर 2023 को आज़म खां और उनकी पत्नी तंज़ीम फात्मा व बेटे अब्दुल्ला आज़म को 7-7 साल की सज़ा सुनाई थी और 50 हज़ार रूपए जुर्माना लगाया था। इसके बाद कोर्ट ने तीनों को जेल भेजने का आदेश दिया था।
कोर्ट के आदेश पर इनको रामपुर जेल भेज दिया गया था। लेकिन बाद में यूपी सरकार(शासन) के आदेश पर रामपुर के प्रशासन ने आज़म खां को सीतापुर और बेटे अब्दुल्ला आज़म को हरदोई जेल भेज दिया था। आज़म खां की पत्नी और पूर्व सांसद तंज़ीम फात्मा को रामपुर की जेल में रखा गया था।
बताया जाता है कि यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ऐसा रामपुर के भाजपा विधायक आकाश सक्सेना के कहने पर किया था, जिससे आज़म खां और उनका परिवार अलग – थलग पड़ जाए तथा पूरा परिवार मानसिक रूप से परेशान हो जाए।
आकाश सक्सेना यह सब इसलिए करवा रहे हैं, जिससे आज़म खां राजनीतिक रूप से खत्म हो जाएं, क्योंकि वह आकाश सक्सेना के राजनीतिक प्रतिद्वंदी हैं और आकाश सक्सेना आज़म खां को अपना राजनीतिक दुश्मन मानते हैं।
आकाश सक्सेना की यह सोच है कि आज़म खां और अब्दुल्ला आज़म के रामपुर से बाहर रहने पर, आज़म खां राजनीतिक रूप से खत्म हो जाएंगे। इससे रामपुर में भाजपा को कोई राजनीतिक चुनौती देने वाला नहीं होगा, जिससे भाजपा का परचम लहराएगा।
आकाश सक्सेना ने भाजपा नेतृत्व को यही बात समझा रखा है। यही वजह है कि आकाश सक्सेना के कहने पर आज़म खां और अब्दुल्ला आज़म को रामपुर की जेल में नहीं रखा गया है बल्कि उनको सीतापुर और हरदोई की जेल में रखा गया है।
अभी पिछले दिनों आज़म खां की बहन अपने भाई से मिलने सीतापुर गई थीं, लेकिन सीतापुर के जेल के प्रशासन ने उनको आज़म खां से नहीं मिलने दिया और उनको वापस लौटा दिया। इस तरह से आज़म खां और उनकी बहन को मानसिक रूप से परेशान किया गया।
शायद यही वजह है कि अब रामपुर के प्रशासन के उस निर्णय के खिलाफ आज़म खां के परिवार ने कोर्ट की शरण ली है, जिसमें रामपुर के प्रशासन ने यूपी सरकार के आदेश पर उन्हें और अब्दुल्ला आज़म को अलग- अलग जेल भेजा है।
रामपुर के कोर्ट में इस मामले को लेकर आज़म खां के वकीलों ने इसकी चुनौती दी है। कोर्ट ने इस मामले को स्वीकार कर लिया है और रामपुर के जिलाधिकारी से इसकी रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट द्वारा जिलाधिकारी से इस संबंध में रिपोर्ट तलब किए जाने की चर्चा हो रही है।
इसी बीच 2 जन्म प्रमाण पत्र के मामले में 7 साल की सजा के खिलाफ आज़म खां, उनकी पत्नी और बेटे अब्दुल्ला ने रामपुर के सेशन कोर्ट में गुरुवार 16 नवंबर 2023 को अपील दायर कर दी है। कोर्ट ने इसकी सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख तय कर दी है।
यूपी शासन के आदेश पर रामपुर के प्रशासन द्वारा आज़म खां और अब्दुल्ला आज़म को अलग – अलग जिलों की जेल में भेजे जाने के मामले में कोर्ट द्वारा रामपुर के जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की है। खास तौर पर भाजपा में बड़ी सरगर्मी है।भाजपा को अब यह लगने लगा है कि यह मामला अब आगे तक जायेगा, जिससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।