अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सवर्ण वोटरों को रिझाने के लिए राज्य में अब नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती और रामनवमी के मौके पर अखंड रामायण का पाठ कराएगी। योगी सरकार ने इसके लिए बाकायदा यूपी के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है।
योगी सरकार सरकारी खर्चे पर धार्मिक कार्यक्रम करवाने जा रही, जिससे सवर्ण वोटर भाजपा के साथ बनें रहें। भाजपा अब सीधे-सीधे हिंदुत्व के एजेंडे पर चलते हुए सरकारी पैसे पर हिंदुत्व का कार्ड खेल रही है।
सत्ता हासिल करने के लिए राजनीतिक दल और उनके राजनेता राजनीतिक मूल्यों को तिलांजलि देने में ज़रा भी हिचकिचाहट नहीं महसूस करते हैं और वह कुर्सी के लिए वोटरों को खुश करने के सारे काम करते हैं।
योगी सरकार राज्य में चैत्र नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का और रामनवमी के मौके पर अखंड रामायण का पाठ सरकारी खर्चे पर करवाने जा रही है। इस काम के लिए यूपी के प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने राज्य के सभी मण्डलों के कमिश्नरों और जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह जिला, तहसील और विकास खण्ड स्तर पर दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण का पाठ करवाएं।
जिलाधिकारियों को दिए गए निर्देश में मुकेश मेश्राम ने कहा है कि, वह अपने जिले में देवी मंदिर और शक्तिपीठों को चयनित कर लें एवं इनमें सरकार द्वारा कराए जाने वाले पाठ के लिए कलाकारों का चयन कर लें।
योगी सरकार द्वारा इस काम के लिए हर जिले को 1 लाख रुपए का फंड उपलब्ध कराया जाएगा। दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण के पाठ के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में महिलाओं और बालिकाओं की विशेष तौर पर सहभागिता पर जोर दिया गया है। इसके लिए जिला, तहसील और विकास खण्ड स्तर पर समितियों के गठन करने का भी निर्देश दिया गया है।
इस बार चैत्र नवरात्रि पर्व 22 से 30 मार्च 2023 तक है। इसी समय देवी मंदिर और शक्तिपीठों में दुर्गा सप्तशती का और अखंड रामायण का पाठ होगा। इसके साथ ही देवी गायन, देवी जागरण और झांकियों का प्रदर्शन किया जायेगा।
यूपी सरकार की इसके पीछे यह सोच है कि इससे सवर्ण वोटरों को भाजपा के साथ जोड़ा रखा जा सकेगा और सवर्णों की भाजपा से चल रही नाराजगी को खत्म किया जा सकेगा। इस समय सवर्ण वोटर भाजपा से नाराज़ चल रहा है। इसकी वजह आगे चलकर होने वाले नगर निकाय चुनावों में योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए प्रयास करना है।
योगी सरकार ने पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए एक आयोग का गठन किया था और उसकी रिपोर्ट को मंजूरी देकर राज्य सरकार ने उसको सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है। यहां पर यह ज्ञात हो कि नगर निकाय चुनावों के लिए पहले योगी सरकार ने जो आरक्षण व्यवस्था लागू की थी, उसको इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था और नए सिरे से पिछड़ों को आरक्षण देकर नगर निकाय चुनावों को कराने का आदेश दिया था।
पूर्व के आरक्षण व्यवस्था में सवर्णों को सुविधा थी, क्योंकि आरक्षण व्यवस्था उनके मनमुताबिक लागू की गई थी। अब वह आरक्षण व्यवस्था खत्म हो गई है और नए सिरे से नगर निकाय चुनावों में आरक्षण व्यवस्था लागू होगी और तब चुनाव होगा।
भाजपा को यह महसूस हो रहा है कि नई आरक्षण व्यवस्था लागू होने से सवर्ण वोटर भाजपा का साथ छोंड देगा, जिससे नगर निकाय चुनावों में ही नहीं बल्कि आगामी लोकसभा चुनाव में भी सवर्ण वोटर भाजपा का साथ छोड सकता है। इसलिए सवर्ण वोटरों को भाजपा के साथ बनाए रखने के लिए और उनको रिझाने के लिए योगी सरकार ने दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण का पाठ सरकारी खर्चे पर कराने की योजना बनाई है।
भाजपा यह मानकर चल रही है कि इस तरह के आयोजन से सवर्ण वोटर हिंदुत्व के नाम पर उसके साथ खड़े हो जाएंगे और नगर निकाय चुनावों से लेकर लोकसभा चुनाव तक उसकी नैय्या पार हो जाएगी तथा उसको फिर से सत्ता हासिल हो जाएगी।
इसके साथ ही साथ भाजपा ने एक तीर से कई शिकार करने का भी दांव चला है। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा रामचरित मानस की चौपाई “ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी।” को लेकर जिस तरह से विवाद खड़ा किया था और पिछड़े वर्गों एवं दलित वर्ग के लोगों ने हाय -तौबा मचाई थी, उससे भाजपा की बोलती बंद हो गई थी।
इस चौपाई के मुद्दे पर भाजपा बेहतर तरीके से गोस्वामी तुलसीदास जी का बचाव नहीं कर पाई थी और न ही रामचरित मानस की इस चौपाई पर अपना कोई मजबूत पक्ष रख पाई थी। इससे सवर्ण वोटर भाजपा से नाराज हो गए थे और पिछड़े वर्ग एवं दलित समाज के वोटर भी भाजपा के खिलाफ हो गए हैं।
भाजपा को यह लग रहा है कि अब पिछड़े वर्गों के और दलित समाज के वोटर उसका पूरी तरह से साथ नहीं देंगे, इससे उसको बड़ा नुकसान हो सकता है। इसीलिए भाजपा ने योजनाबद्ध तरीके से सवर्ण वोटरों को भाजपा के पाले में बनाए रखने के लिए और सवर्णों को रिझाने के लिए रामचरित मानस के अखंड रामायण का भी पाठ करवाने की तैयारी की है।
भाजपा यह सोचती है कि सवर्ण वोटरों के साथ आने से उसको जीत हासिल हो सकती है। भाजपा ने एक तरह से सीधे -सीधे सरकारी खर्चे पर नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ और रामनवमी के मौके पर अखंड रामायण का पाठ करवाने की योजना बनाकर हिंदुत्व का कार्ड खेला है। लेकिन इसमें भाजपा को कितनी सफलता मिलेगी, यह तो वक्त बताएगा।
राजनीति में कुर्सी की चाहत और कुर्सी पाने की लालसा राजनेताओं से इतने पापड़ बिलवाती है कि राजनीतिक दलों और उनसे जुड़े राजनेताओं की हालत खराब हो जाती है और तब कहीं जाकर सत्ता हासिल होती है। आजकल की राजनीति में राजनेताओं को वोटरों को खुश करने के लिए वह सारे काम करने होते हैं जो उच्च राजनीतिक मूल्यों के मानदंडों के खिलाफ होते हैं।