– ख़ान इक़बाल
नई दिल्ली | राजस्थान के बाड़मेर में गुरुवार को धर्मपुरी महाराज मंदिर के कार्यक्रम में योग गुरु बाबा रामदेव ने मुसलमानों और ईसाइयों के ख़िलाफ़ कथित रूप से आपत्तिजनक और भड़काऊ बयान दिया जिसपर विवाद खड़ा हो गया है. रामदेव संतों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे.
रामदेव ने इस्लाम, नमाज़ से लेकर मुसलमानों के पहनावे और दाढ़ी मूँछ तक पर बेहद शर्मनाक और अनर्गल बातें कहीं.
रामदेव के इस विवादित बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और इस सांप्रदायिक बयान को लेकर नाराज़गी जताते हुए गिरफ्तारी की मांग की जा रही है.
रामदेव ने अपने बयान में कहा कि, “मुसलमान आतंकवादी हो या अपराधी, वह नमाज़ जरूर पढ़ता है. वे इस्लाम को सिर्फ नमाज़ तक ही समझते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “बस पाँच बार नमाज़ पढ़ो और उसके बाद जो मन में आए वह करो, हिंदू लड़कियों को उठाओ और जो भी पाप करना है वह करो.”
रामदेव ने मुसलमानों की टोपी दाढ़ी और मूँछों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, “इस्लाम में जन्नत का मतलब है कि टखने के ऊपर पायजामा पहनो. मूंछे कटवा लो और दाढ़ी बढ़ा लो. टोपी पहन लो.”
ईसाई धर्म पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि, “कोई इस दुनिया को इस्लाम में तो कोई ईसाई में बदलना चाहता है, लेकिन बदलकर करोगे क्या? गिरजाघर जाओ और मोमबत्ती जलाकर ईसा मसीह के सामने खड़े हो जाओ. सभी पाप खत्म हो जाते हैं.”
बाबा रामदेव के विवादित बयान पर पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाई नहीं की है .
इंडिया टुमॉरो ने रामदेव के बयान पर बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव से बात की और पुलिस कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा.
बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने इंडिया टुमारो से कहा कि, “इस मामले में हमने स्वतः संज्ञान लिया है मामले में जांच की जा रही है, लोग हमें वायरल वीडियो भी भेज रहे हैं.”
भार्गव ने कहा कि, “इस पूरे मामले में हम जांच कर रहे हैं, आगे जो भी कार्यवाई आवश्यक होगी हम करेंगे.”
रामदेव के भड़काऊ बयान के बाद लोग ग़ुस्से में हैं. सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक रामदेव के ख़िलाफ़ राजस्थान सरकार से कड़ी कार्रवाई की माँग की जा रही है.
बाबा रामदेव के बयान के ख़िलाफ़ राजस्थान के टोंक शहर में विरोध प्रदर्शन किया गया. सैंकड़ों लोग मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुँचे और सरकार से कड़ी कार्यवाई की माँग करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा साथ ही कोतवाली थाने में रामदेव के ख़िलाफ़ शिकायत भी दर्ज करवाई.
रामदेव के बयान पर ईसाई और मुसलमानों में भी काफ़ी रोष है .
मसीह शक्ति समिति जयपुर से जुड़े फादर विजय पॉल सिंह ने इंडिया टुमॉरो से बात करते हुए कहा कि, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई संत और धार्मिक गुरु किसी अन्य संप्रदाय के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग करे, सन्त समाज को जोड़ता है ना की खाई पैदा करता है.”
उन्होंने कहा कि, “क़ानून को अपना काम पारदर्शी तरीक़े से करना चाहिए, ऐसी टिप्पणी अगर कोई इस्लाम या ईसाई धर्म से जुड़ा व्यक्ति कर देता तो उस पर अब तक कार्यवाई हो चुकी होती.”
जमाते इस्लामी हिन्द की राजस्थान इकाई ने भी बाबा रामदेव के बयान पर नाराज़गी जताई है. जमाअत प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद नाज़िमुद्दीन ने कहा है कि, “बाबा रामदेव को पहले इस्लाम, मुसलमानों और नमाज़ को समझना चाहिये. उनकी ग़लतफ़हमी दूर की जा सकती है, परन्तु उनका मुसलमानों और ईसाइयों के बारे में यह बयान पूरी तरह तथ्यहीन और वैमनस्य पूर्ण है.”
उन्होंने कहा कि, “बाबा रामदेव एक योग गुरु हैं, उन्हें इस प्रकार की साम्प्रदायिक सोच से बाहर आना चाहिये और देश के सभी नागरिकों और सभी धर्मों के मानने वालों के प्रति सम्मानपूर्ण सोच रखना चाहिये.”
उन्होंने कहा कि, “हम राज्य सरकार से मांग करते हैं की रामदेव की टिप्पणी को गम्भीरता पूर्वक लेकर उनके विरुद्ध साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने पर मुक़द्दमा दर्ज करे.”
राजस्थान सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सालेह मोहम्मद ने भी ट्वीट करते हुए रामदेव के बयान की निंदा की है .
उन्होंने कहा कि, “योग गुरु बाबा रामदेव जी द्वारा की गई धार्मिक टिप्पणी की मैं घोर निंदा करता हूँ. उनको इस प्रकार की किसी धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.”
बाड़मेर के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता रऊफ़ रज़ा ख़लीफ़ा ने रामदेव के बयान पर इंडिया टुमॉरो से बात करते हुए कहते हैं, “बाड़मेर क्षेत्र हमेशा से शांतिप्रिय रहा है, रामदेव का यह बयान यहाँ हिंदू और मुसलमानों के बीच खाई पैदा करने वाला है, लेकिन ये ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पायेंगे.”
ख़लीफ़ा कहते हैं, “रामदेव का बयान माहौल ख़राब करने वाला है, देश में चल रहे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरीक़े के शगूफ़े छोड़े जाते हैं, ताकि लोग हिंदू मुस्लिम की बहस में फँसे रहें.”
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी रामदेव के बयान की निंदा की है और इसे संविधान विरोधी क़रार दिया है.
अखिलेश यादव ने कहा कि, “कई लोग ऐसे हैं जो दूसरे रूपों में भाजपा का सहयोग करते हैं, उन्होंने योग सिखाना बंद कर दिया है, वो व्यापार करने लगे हैं, उसका बयान संविधान विरोधी है.”