अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | कोलकाता से चलकर ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर जा रहे मुस्लिम तीर्थ यात्रियों को यूपी के शाहजहांपुर में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) कार्यकर्ताओं द्वारा सड़क के किनारे नमाज़ पढ़ने पर उन्हें डराने, धमकाने और अपमानित करने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। हैरत की बात यह है कि इस मामले में इंसाफ करने के बजाए पुलिस ने अजमेर जा रहे इन 17 जायरीनों का शांतिभंग की धाराओं में चालान कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कलकत्ता से अजमेर शरीफ की तीर्थ यात्रा पर 60 मुस्लिम तीर्थ यात्री एक बस के जरिए जा रहे थे। इन 60 तीर्थ यात्रियों में 33 महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल थे। कलकत्ता से चलकर यह तीर्थ यात्री पश्चिम बंगाल और बिहार की सीमा पार कर यूपी के में सफर कर रहे थे।
यूपी में सफर करते हुए जब शाहजहांपुर जिले में तिलहर नामक स्थान पर पहुंचे, तो विश्राम करने के लिए इन्होंने एक ढाबे पर अपनी बस को रुकवाया। बस के रुकने पर तीर्थ यात्रियों ने ढाबे पर चाय-पानी और नाश्ता किया। इस कुछ लोग सड़क के किनारे नमाज़ पढ़ रहे थे, इसी बीच कहीं से अचानक विहिप कार्यकर्ताओं का एक झुंड आ गया और इन तीर्थ यात्रियों से पूछताछ करने लगा और उनसे सड़क पर नमाज़ पढ़ने को लेकर सवाल-जवाब करने लगा।
विहिप कार्यकर्ताओं द्वारा तीर्थ यात्रियों से सड़क के किनारे नमाज़ पढ़ने को लेकर विवाद खड़ा किया जाने लगा। विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं द्वारा तीर्थ यात्रियों पर सड़क पर नमाज़ पढ़ने का आरोप लगाया जाने लगा। इस पर तीर्थ यात्री विवाद को टालने के लिए अपनी बस में बैठ गए। लेकिन विहिप कार्यकर्ताओं ने तीर्थ यात्रियों का पीछा नहीं छोड़ा और वह उनकी बस में चढ़ गए।
विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं ने बस में चढ़ने के बाद तीर्थ यात्रियों से नमाज पढ़ने को मुद्दा बनाया। उनको डराया, धमकाया और अपमानित किया। उनसे सड़क पर नमाज पढ़ने की बात कहलाकर अपना अपराध स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया। यही नहीं विहिप कार्यकर्ताओं ने पुरूष तीर्थ यात्रियों को कान पकड़वाकर उनसे उठा-बैठक करवाई और उनको अपमानित किया। विहिप कार्यकर्ताओं ने तीर्थ यात्रियों को डराते हुए उनसे कहा कि, “यूपी में सड़क पर नमाज़ पढ़ना बैन है। मस्जिद के अलावा कहीं नमाज नहीं पढ़ सकते हैं। दोबारा पूरे यूपी में इस तरह की हरकत न करें।”
विहिप कार्यकर्ताओं द्वारा मुस्लिम तीर्थ यात्रियों को डराने, धमकाने और उनको अपमानित करने का काम जब किया जा रहा था, तब उसी समय मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों से जानकारी ली और उसने विहिप कार्यकर्ताओं के विरुद्ध कोई कार्यवाही करने के बजाए उल्टा 17 मुस्लिम तीर्थ यात्रियों का शांतिभंग के आरोप में चालान कर दिया। इसके साथ ही जिस बस से तीर्थ यात्री यात्रा कर रहे थे, पुलिस ने उस बस का भी चालान कर दिया।
इस संबंध में शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक ग्रामीण संजीव बाजपेई का कहना है कि, “सड़क पर नमाज़ पढ़ने के आरोप में 17 लोगों का चालान कर दिया गया है। यूपी में मस्जिद के अलावा कहीं अन्य जगह पर नमाज़ पढ़ने पर प्रतिबंध है।” पुलिस ने 17 तीर्थ यात्रियों का चालान शांतिभंग के आरोप की धाराओं में किया है।
सड़क पर नमाज पढ़ने को रोकने के लिए कोई कानून नहीं बना है। अगर यह मान भी लिया जाए कि मुस्लिम तीर्थ यात्रियों ने सड़क पर नमाज़ पढ़ी है, तो उनका शांतिभंग के आरोप में चालान किया जाना कहीं से उचित नहीं है। तीर्थ यात्रियों से किस तरह की शांतिभंग होने की आशंका पुलिस को लगी कि उसने शांतिभंग के आरोप में उनका चालान कर दिया, यह ऐसा सवाल है जो पुलिस को कटघरे में खड़ा करता है? इसके साथ ही बस का भी चालान कर दिया गया, क्या पुलिस को बस से भी शांतिभंग की आशंका थी? इस मामले में शाहजहांपुर पुलिस की भूमिका बहुत ही खराब है।
जिस तरह सड़क पर नमाज़ पढ़ने के आरोप में 17 मुस्लिम जायरीनों का चालान शांतिभंग के आरोप में किया गया है, उससे पुलिस की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है। पुलिस द्वारा विहिप कार्यकर्ताओं के विरुद्ध कार्यवाही न करके उल्टे मुस्लिम जायरीनों का चालान करना उसको कटघरे में खड़ा करता है।
इस देश में सभी जातियों और धर्मों एवं संप्रदायों के लोग रहते हैं और वह इस देश के नागरिक हैं। वे सभी अपने अधिकार और कर्त्तव्य को अच्छी तरह से जानते एवं समझते हैं। ऐसे हालात में विश्व हिंदू परिषद के लोगों के कहने पर इस देश की व्यवस्था नहीं चलेगी।
यह देश संविधान, कानून और देश के नागरिकों द्वारा इस देश के संविधान और कानून पर आस्था रखने और उसका पालन करने से चलेगा। आज देश की एकता को खंडित करने का प्रयास करने वाले और देश के सौहार्द को बिगाड़ने वाले तथाकथित हिंदुत्ववादी ताकतों पर लगाम लगाने की ज़रूरत है।