ख़ान इक़बाल | इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | गुरुवार को जामिया मिलिया इस्लामिया में RSS के नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के ‘मार्गदर्शक’ इंद्रेश कुमार को बुलाए जाने का विश्वविद्यालय के छात्रों ने जमकर विरोध किया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लिखी किताब “मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी” पर आयोजित सेमिनार में इंद्रेश कुमार को मुख्य वक्ता के तौर पर बुलाया गया था.
यूनिवर्सिटी के गेट पर छात्रों ने इंद्रेश कुमार को बुलाए जाने पर जामिया वीसी और प्रशासन के खिलाफ़ नारेबाज़ी की.
छात्रों का कहना था की इंद्रेश कुमार अजमेर दरगाह ब्लास्ट के आरोपी रहे हैं और यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा RSS के एजेंडे को पूरा करने के लिए ऐसे लोगों को यूनिवर्सिटी में प्रवेश करवाया जा रहा है.
छात्र संगठन कैम्पस फ़्रंट ऑफ़ इंडिया जामिया यूनिट की अध्यक्ष फ़ौज़िया ने इंडिया टुमॉरो से बात करते हुए कहा, “इंद्रेश कुमार RSS के मेम्बर हैं, वो बम धमाके के मामले में आरोपी रहे हैं. जिन लोगों लोगों की पॉलिसीज़ की वजह से आज मुसलमानों के जो हालात बदतर हुए हैं, आज ऐसे लोगों को अपना एजेंडा फैलाने के लिए हमारे विश्वविद्यालय में मंच दिए जा रहे हैं, ये बेहद शर्मनाक है.”
छात्र संगठन AISA से जुड़े हुए एक और जामिया छात्र अब्दुल मन्नान ने कहा, “इंद्रेश कुमार मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक हैं, यह RSS का मुस्लिमों के लिए संगठन है, जिसमें मुसलमानों की भर्ती होती है ताकि अपना एजेंडा चलाया जा सके.”
उन्होंने कहा, “इंद्रेश कुमार एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी के सरकारी कार्यक्रम में किस हैसियत से बुलाए गए हैं, हम यह पूछ रहे हैं.”
इंद्रेश कुमार ने आयोजित कार्यक्रम में कहा कि, “CAA आन्दोलन ने दुनियाँ भर में देश की छवि धूमिल की है, विरोध प्रदर्शनों ने दुनिया को संदेश दिया कि हम अन्य देशों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों से परेशान नहीं हैं.”
ग़ौरतलब है कि 2019 में देश भर में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हुए थे, जामिया मिलिया इस्लमिया के छात्रों ने इस आन्दोलन की अगुवाई की थी.
इंद्रेश कुमार का इससे पहले भी विरोध होता रहा है, 2017 में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित की गई इफ़्तार पार्टी में इंद्रेश कुमार को बुलाया गया था, उस समय भी छात्रों ने उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था.