इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | ऑल्ट न्यूज़ और उसके सहयोगी संगठन प्रावदा मीडिया फाउंडेशन ने एक बयान जारी कर स्पष्ट रूप से उन आरोपों का खंडन किया है जिसमें उन्हें विदेशी धन प्राप्त होने की बात कही गई थी.
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ़्तारी के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा उनपर विदेशी श्रोतों से डोनेशन प्राप्त करने की बात सामने आई थी. सोमवार को ऑल्ट न्यूज़ ने आधिकारिक बयान जारी कर विदेशी फण्ड प्राप्त किये जाने के आरोपों का खंडन किया.
डिजिटल फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को 2018 के एक ट्वीट मामले में 26 जुलाई को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किया गया था और उसी दिन उन्हें पाँच दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया था. बाद में रिमांड ख़त्म होने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार, 2 जुलाई को ज़मानत देने से इनकार कर दिया था.
मोहम्मद ज़ुबैर पर शुरुआत में धारा 153A और धारा 295 ए के तहत मामला दर्ज किया था लेकिन बाद में दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि ऑल्ट न्यूज़ ने विदेशों से अपनी वेबसाइट के लिए फंडिंग ली है. यह भी कहा गया कि ऑल्ट न्यूज़ ने पाकिस्तान सीरिया और अरब अमीरात से डोनेशन प्राप्त किया है.
दिल्ली पुलिस के आरोपों को ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने नकारा है. उसके ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से एक बयान जारी करते उन्होंने लिखा कि, “पिछले कुछ दिनों में ऑल्ट न्यूज़ और इसके मूल संगठन प्रावदा मीडिया फाउंडेशन पर कई आरोप लगाए गए हैं.”
उन्होंने लिखा है कि, “आरोपों का दावा है कि हमें विदेशी श्रोतों से फंड प्राप्त हुआ है, ये आरोप पूरी तरह से झूठे हैं, हम विदेशी फंड प्राप्त नहीं करते हैं. जिस डोनेशन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से हम डोनेशन प्राप्त करते हैं वो प्लेटफ़ॉर्म विदेशी श्रोतों से डोनेशन प्राप्त नहीं करता, हमें केवल भारतीय बैंक खातों से ही डोनेशन प्राप्त हुआ है.”
बयान में आगे कहा गया कि, “इन माध्यमों से एकत्र किए गए सभी दान, संगठन के बैंक खाते में जाते हैं. यह आरोप कि संगठनों से जुड़े व्यक्तियों को उनके व्यक्तिगत खातों में डोनेशन प्राप्त हुआ है, यह भी पूरी तरह झूठ है.”
ऑल्ट न्यूज़ के बयान में कहा गया है कि, “संगठन से जुड़े व्यक्तियों को केवल मासिक पारिश्रमिक मिलता है. यह सब हमारे द्वारा किए जाने वाले महत्वपूर्ण कार्य को बंद करने का एक प्रयास है, हम इसके ख़िलाफ़ लड़ते रहेंगे.