इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | राजस्थान के उदयपुर में पैग़म्बर पर आपत्तिजनक टिप्पणी के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने पर एक व्यक्ति की हत्या का मामला सामने आया है. इस घटना की देश के विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने निंदा की है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
इस घटना में शामिल दो हत्यारों को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और कई ज़िलों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.
विभिन्न मुस्लिम संगठनों और उनके पदाधिकारियों द्वारा बयान जारी कर इस प्रकार की घटना को इस्लाम की शिक्षाओं के विरुद्ध बताया गया है.
जमाअत इस्लामी हिन्द ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे बर्बर कृत्य करार दिया है और किसी भी स्थिति में क़ानून को हाथ में नहीं लेने का आह्वान किया है.
अपने आधिकारिक ट्विटर से जमाअत इस्लामी ने कहा है, “उदयपुर की घटना बर्बर और असभ्य है, इस्लाम में हिंसा को न्यायोचित ठहराने का कोई स्थान नहीं है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. किसी भी नागरिक को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. कानून का ही राज होना चाहिए. देश के क़ानून के अनुसार दोषियों से निपटा जाना चाहिए. किसी भी हाल में शांति भंग नहीं होनी चाहिए. किसी को भी इस जघन्य अपराध का फायदा उठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.”
राजस्थान के उदयपुर में हुई घटना को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गैर इस्लामी कृत्य बताते हुए कड़ी निंदा की है.
बोर्ड ने मीडिया को जारी अपने बयान में कहा है कि पवित्र व्यक्तियों के अपमान के सम्बंध में सख़्त क़ानून बनना चाहिए.
बोर्ड ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर कार्यवाई न किए जाने पर भी चिंता जताई है. पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव ने कहा है कि, क़ानून को अपने हाथ में लेना और किसी व्यक्ति को स्वयं अपराधी घोषित करके हत्या कर देना निन्दनीय कृत्य है और इस्लाम में इसका कोई स्थान नहीं है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रह़मानी ने अपने प्रेस नोट में कहा है कि, “किसी भी धर्म के पवित्र व्यक्तित्वों का अपमान करना एक गम्भीर अपराध है भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने इस्लाम के पवित्र पैग़म्बर के बारे में जो अपमानजनक शब्द कहे हैं, वह मुसलमानों के लिए अत्यन्त दुखदायी है, इसके साथ ही सरकार का उसपर कोई कार्यवाही न करना ज़ख़्म पर नमक रखने जैसा है, लेकिन इसके बावजूद क़ानून को अपने हाथ में लेना और किसी व्यक्ति को स्वयं अपराधी घोषित करके हत्या कर देना निन्दनीय कृत्य है, न क़ानून इसकी अनुमति देता है और न इस्लामी शरीयत इसको जायज़ ठहराती है.”
जमीयत उलेमा ए हिन्द ने उदयपुर की घटना को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की है.
जमीयत उलेमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने उदयपुर में की गई हत्या की निंदा करते हुए अपने बयान में कहा, “जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसे किसी भी तरह से जायज़ नहीं ठहराया जा सकता.”
उहोंने कहा, “इस प्रकार का कृत्य देश के कानून और इस्लाम के भी खिलाफ है. हमारे देश में क़ानून है, किसी को क़ानूम अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है.”
मौलाना कासमी ने देश के सभी नागरिकों से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की है.
आल इंडिया मुस्लिम मजलिसए मुशावरत ने उदयपुर हिंसा की निंदा की है. मुशावरत के अध्यक्ष नावेद हामिद ने ट्विट कर घटना पर अफ़सोस जताया है और इसे पैग़म्बर की शिक्षाओं के विरुद्ध बताया है.
उन्होंने ट्विट कर कहा है, “उदयपुर में सर कलम करने की घटना इस्लाम विरोधी और हेट क्राइम का मामला है. पैगंबर मुहम्मद स०अ० ने अपने पूरे जीवन में कभी किसी शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाया. इस घटना में लिप्त अपराधियों का पैगंबर से मोहब्बत का दावा नाटक हैं और उन्हें कानून के अनुसार सख्त सज़ा मिलनी चाहिए.”
ज्ञात हो कि राजस्थान में उदयपुर शहर के धानमंडी थाना क्षेत्र के मालदास स्ट्रीट में मंगलवार को दो लोगों ने एक युवक की दिनदहाड़े गला रेतकर हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले मृतक युवक ने नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया में पोस्ट किया था. इस बात से गुस्साए आरोपियों ने युवक की बेरहमी से हत्या कर दी.
हत्या के बाद आरोपियों ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल कर दिया है. प्रशासन ने अगले 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं.
घटना के कुछ ही देर बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
जानकारी के अनुसार, मृतक कन्हैयालाल ने नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. मृतक कन्हैया लाल टेलरिंग का काम करता था. मंगलवार को दिन में करीब ढाई बजे दो आरोपी कन्हैया लाल की दुकान में सिलाई का नाप देने के बहाने से आए और धारदार हथियार से बेरहमी से उसकी हत्या कर दी.