ख़ान इक़बाल | इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | सोशल मीडिया पर पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ पुलिसकर्मी कुछ मुस्लिम युवाओं को थाने में बेरहमी से लाठियों से पीटते हुए नज़र आ रहे हैं.
इस वीडियो को देवरिया से भाजपा विधायक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़ास समझे जाने वाले शलभमणि त्रिपाठी ने ट्वीट करते हुए लिखा था “रिटर्न गिफ़्ट”.
बेरहमी से युवकों को पीटे जाने के इस वीडियो के वायरल होने के बाद देश और दुनियाभर में पुलिस उत्पीड़न की निंदा हो रही और यूपी पुलिस पर सवाल उठ रहे.
दरअसल भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैग़म्बर मोहम्मद साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी. उसकी गिरफ़्तारी की माँग को लेकर सहारनपुर में विरोध प्रदर्शन हुआ था. वीडियो उस प्रदर्शन के बाद का बताया जा रहा है.
यह विडियो सहारनपुर का बताया गया लेकिन सहारनपुर पुलिस ने इंकार करते हुए कहा कि वीडियो सहारनपुर का नहीं है. सहारनपुर के एसएसपी आकाश तोमर ने कहा कि, “यह वीडियो सहारनपुर का नहीं है और ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि वो सहारनपुर का है”.
हालांकि, कई मीडिया चैनलों ने उन युवाओं के परिजनों से बात की है जिससे पता चला की यह वीडियो सहारनपुर का ही है, जिसके बाद सहारनपुर पुलिस के झूठ की पोल खुल गई जिसमें उन्होंने उस वायरल वीडियो को सहारनपुर का होने से ही इंकार कर दिया था.
वीडियो में पुलिस द्वारा पीटे जा रहे युवकों में से एक की पहचान मोहम्मद अली के रूप में की गई है. अली सहारनपुर की पीर गली का रहने वाला है.
समाचार चैनल NDTV ने मोहम्मद अली के परिवार से बात की. अली की माँ अस्मी कहती हैं, “मेरे बेटे ने तीन दिन से खाना नहीं खाया, उसे बुरी तरह पीटा गया उसके हाथ चोट से सूज गए हैं, मेरी भाभी उससे मिलने गई थी, पुलिसवाले उनसे कहते हैं तुम उग्रवादी हो”.
उन युवकों में से एक मोहम्मद सैफ़ हैं. सैफ़ मेहनत मज़दूरी करके अपने परिवार का पेट पालते हैं. उनका गत्ते का काम है. परिवार का ये भी कहना है कि वो विरोध प्रदर्शन में था ही नहीं.
मोहम्मद सैफ़ की बहन रोते हुए कहती हैं, “मेरे भाई को बुरी तरह पीटा गया है, उससे खड़ा तक नहीं हुआ जा रहा. उसका शरीर नीला पड़ा हुआ था. उसे खाना-पानी तक नहीं दिया जा रहा”.
पुलिस पर यह भी आरोप हैं कि उन्होंने ऐसे लोगों को भी गिरफ़्तार किया है जो अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की जानकारी लेने सहारनपुर कोतवाली गए थे. उनमें से एक हैं 19 साल के सुब्हान. सुब्हान अपने एक दोस्त की जानकारी लेने थाने गए थे.
BBC से बात करते हुए सुब्हान की माँ फ़हमीदा कहती हैं, “सुब्हान शुक्रवार को नमाज़ पढ़ने के लिए जामा मस्जिद में नहीं गए थे और न ही उन्होंने प्रदर्शन में हिस्सा लिया था, मेरे बेटे को बेरहमी से मारा गया है”.
मीडिया रिपोर्ट के बाद जाँच के आदेश
पहले पुलिस द्वारा वीडियो से मुकर जाने के बाद अब जब पीड़ित परिवारों ने युवकों की पहचान कर ली है तो SSP सहारनपुर आकाश तोमर ने जाँच के आदेश दे दिए हैं. मामले की जाँच सिटी एसपी को सौंपी गई है.
सहारनपुर में भी तोड़े गए घर
प्रयागराज के अलावा सहारनपुर में भी प्रदर्शन में शामिल लोगों के घरों को प्रशासन द्वारा आंशिक रूप से तोड़ा गया.
पुलिस ने एक नाबालिग़ के घर का गेट तोड़ दिया नाबालिग़ की उम्र 17 साल है. उसे पुलिस ने शुक्रवार को हिरासत में लिया था.
नाबालिग़ की बहन मुस्कान का कहना है कि पुलिस हमारे घर आई, उनके हाथ में मेरे भाई की तस्वीर थी. उन्होंने पूछा कि क्या ये इसी का घर है और घर पर बुलडोज़र चलाना शुरू कर दिया. जबकि मुस्कान का अपना घर नहीं है. वो अपने रिश्तेदार के घर किराए से रहते हैं.