–मसीहुज़्ज़मा अंसारी
नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद पैग़म्बर मुहम्मद स० पर भाजपा प्रवक्ताओं द्वारा अपमानजनक बयान मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन में हिंसा के बाद शहर के मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता जावेद मोहम्मद को पुलिस ने ‘मास्टरमाइंड’ बताकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और अब उनके घर को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में गिराने की प्रक्रिया जारी है.
प्रशासन द्वारा जावेद मोहम्मद के घर पर नोटिस लगाकर घर को खाली करने को कहा गया था. नोटिस में कहा गया था कि मकान विवादित भूमि पर गैर-कानूनी तरीके से बनाया गया है.
जावेद अहमद शहर के मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता हैं, अधिवक्ता है, और वेलफ़ेयर पार्टी के नेता भी है. जावेद मोहम्मद की बेटी आफरीन फातिमा JNU की छात्रा है और एक छात्र नेता के रूप में देशभर में जानी जाती है. ट्विटर पर आफरीन फातिमा की सहानुभूति में देशभर के लोग लगातार ट्विट कर रहे हैं.
प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने जावेद अहमद को रविवार सुबह 11 बजे तक घर खाली करने का नोटिस जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि घर गैर-कानूनी तरीके से बनाया गया है.
शनिवार से ही जावेद के घर पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था और रविवार को कार्रवाई करने की बात कही गई थी. आज भारी पुलिस बल की मौजूदगी में 12: 30 बजे से घर को गिराया जा रहा है.
जावेद के परिवार को भी पुलिस ने डिटेन किया था जिसमें उनकी पत्नी और बेटी शामिल थीं, हालांकि प्राप्त सूचनानुसार उन्हें आज सुबह छोड़ दिया गया है.
प्रयागराज पुलिस ने पहले जावेद को बातचीत करने के लिए बुलाया था फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उत्तर प्रदेश पुलिस ने अहमद को शुक्रवार की हिंसा का ‘मास्टरमाइंड’ बताया है.
नोटिस में काफी ख़ामियां हैं : अधिवक्ता समूह
इलाहबाद में अधिवक्ताओं के समूह ने जावेद मोहम्मद के घर पर तामील किए गए नोटिस में कई तथ्यात्मक गलतियां होने की बात कही है.
अधिवक्ताओं ने कहा है कि, “इलाहाबाद पुलिस ने जावेद मोहम्मद के घर पर बीती रात करीब 11 बजे तोड़फोड़ का नोटिस चिपका दिया. नोटिस, जावेद मोहम्मद के नाम पर पिछली तारीख़ों में दिया गया था, हालांकि वह घर न केवल उनकी पत्नी के नाम पर है बल्कि जिस ज़मीन पर वह निर्मित है वह उनकी पुश्तैनी संपत्ति है, जिसमें जावेद मोहम्मद की कोई कानूनी हिस्सेदारी नहीं है.”
बताया गया है कि, “चस्पा की गई नोटिस में पूर्व नोटिस की तारीख 10 मई, सुनवाई 24 मई को और 25 मई को आदेश पारित है, हालांकि इसमें कोई भी विवरण नहीं है. परिपत्र संख्या या आदेश संख्या का उल्लेख नहीं है और परिवार ऐसी किसी भी कार्यवाही से पूरी तरह से अनजान है.”
अधिवक्ताओं द्वारा सबसे महत्वपूर्ण बात यह बताई गई है कि, “नोटिस, मकान के वास्तविक स्वामी के नाम पर भी नहीं दिया गया और इसकी प्रामाणिकता भी संदिग्ध है. इसके अलावा, नोटिस 10 जून को जारी किया गया, लेकिन 11 जून, शनिवार को देर रात चस्पा किया गया.”
अधिवक्ताओं ने कहा है कि, “यह स्पष्ट है कि नोटिस जल्दबाजी में रात को जारी किया गया कि परिवार के पास कानूनी सहारा का कोई अवसर नहीं हो, क्योंकि अदालत के समक्ष कार्यवाही नोटिस में कई तथ्यात्मक विसंगतियों और अशुद्धियों को उजागर हो सकती है.”
91 लोगों को गिरफ्तार किया गया:
उत्तर प्रदेश में गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है. यूपी पुलिस ने अब तक 300 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया है. इलाहबाद में अब तक 91 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें 70 नामज़द और 5000 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.
प्रयागराज पुलिस का कहना है कि इस मामले में उसने 29 गंभीर धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया है और कहा है कि घटना के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है जिसका नाम मोहम्मद जावेद उर्फ़ जावेद पंप है.
पुलिस का कहना है कि जावेद के मोबाइल फ़ोन से मिली जानकारी के मुताबिक़- उन्होंने भारत बंद का आह्वान किया और टाला, जहाँ हिंसा भड़की वहां पहुँचने का भी आह्वान किया गया था.
बुलडोज़र कार्रवाई की हो रही निंदा:
जावेद मुहम्मद और आफरीन फातिमा के लिए न्याय की आवाज़ देशभर से उठ रही हैं. AIMIM के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आफरीन फातिमा के समर्थन में ट्वीट कर सहानुभूति प्रकट की है.
आल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत के अध्यक्ष नावेद हामिद ने घटना की निंदा करते हुए ट्वीट किया है.
मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने आफरीन फातिमा के समर्थन में ट्वीट कर कार्रवाई पर चिंता जताई है.
किशनगंज बिहार से कांग्रेस सांसद डॉ जवैद ने कहा है कि क्या इलाहबाद में सिर्फ आफरीन का घर अवैध निर्मित है?
स्वतंत्र पत्रकार आलीशान जाफरी ने भी आफरीन फातिमा के समर्थन में ट्विट किया है.