इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे पर रोक को लेकर मुस्लिम पक्ष के द्वारा दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि, जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है उस स्थान को सुरक्षित किया जाए और मस्जिद में नमाज़ पर कोई प्रतिबन्ध न हो.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और पीएस नरसिम्हा की बेंच ने वाराणसी के जिलाधिकारी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोर्ट कमिश्नर द्वारा एक सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद परिसर से बरामद शिवलिंग को संरक्षित किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और हिंदू पक्ष को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा है, इस मामले में अगली सुनावई 19 मई को होगी.
बार & बेंच के अनुसार, न्यायालय ने मामले में नोटिस जारी कर निम्नलिखित अंतरिम आदेश पारित किया:
“ट्रायल जज के आदेश पर किसी भी अर्थ और विवाद को दूर करने के लिए, 16 मई, 2022 के आदेश का संचालन और दायरा, इस हद तक प्रतिबंधित रहेगा कि डीएम वाराणसी यह सुनिश्चित करेंगे कि जिस क्षेत्र में शिवलिंग पाया जाएगा, वह विधिवत संरक्षित होगा.”
आदेश में कहा गया है कि, “उपरोक्त निर्देश किसी भी तरह से मुसलमानों को मस्जिद में प्रवेश या नमाज़ और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग करने से प्रतिबंधित या बाधित नहीं करेगा.”
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मुसलमानों को वज़ू करने की अनुमति दी जाएगी क्योंकि यह धार्मिक गतिविधि का हिस्सा है.
19 मई गुरुवार को मामले की फिर से सुनवाई होगी.