इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाया गया है. अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण मामले की सुनवाई करते हुए मंगलवार को अजय मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर के पद से हटा दिया.
अजय मिश्रा की एकपक्षीय भूमिका को लेकर ज्ञानवापी मस्जिद का पक्ष उनका विरोध कर रहा था. ज्ञानवापी मस्जिद में पश्चिमी दीवार को खोलने की विपक्ष ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा के खिलाफ दर्ज कराई थी शिकायत. अजय मिश्रा ने विपक्ष की दलील को नजर अंदाज किया था.
कोर्ट ने अजय मिश्रा को हटाते समय कहा कि, “अजय मिश्रा मीडिया में साक्ष्य लीक कर रहे थे”.
इससे पहले आज विशेष कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर के समक्ष एक आवेदन दिया था जिसमें विवादित स्थल के सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को ज्ञानवापी सर्वेक्षण में अदालत आयोग की रिपोर्ट में शामिल करने के लिए दो दिन का समय मांगा.
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद का नया सर्वे कराने के आदेश के लिए याचिकाकर्ताओं ने भी कोर्ट के समक्ष एक अर्जी लगाई है. याचिकाकर्ताओं ने ‘शिवलिंग’ के उत्तर की ओर की दीवार और ‘नंदी’ के सामने बने बेसमेंट का सर्वे कराने की मांग की है.
गौरतलब है कि 16 मई को कोर्ट को बताया गया था कि कोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर शिव लिंग मिला है. इसके तहत कोर्ट ने संबंधित स्थान/क्षेत्र को सील करने का आदेश दिया था.
पिछले महीने पांच हिंदू महिलाओं द्वारा वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की पश्चिमी दीवार के पीछे एक हिंदू मंदिर में साल भर प्रार्थना करने की अनुमति की मांग करने वाली याचिकाओं पर अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था.
मस्जिद समिति ने मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी का विरोध किया था जिसके कारण सर्वेक्षण नहीं हो सका. मस्जिद कमेटी की ओर से याचिका दायर कर एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाने की मांग की गई थी. तीन दिन की बहस के बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि परिसर का सर्वे जारी रहेगा. कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाने से भी इनकार कर दिया था.