नई दिल्ली | कर्नाटक के मेडीकेरी जिले के एक स्कूल परिसर में विवादित संगठन बजरंगदल द्वारा एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें कथित रूप से हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई. प्रशिक्षण शिविर 5 से 11 मई तक आयोजित किया गया था जिसके विरुद्ध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने शिकायत दर्ज कराई है.
पीएफआई के सदस्य इब्राहीम द्वारा यह शिकायत दर्ज कराई गई है जिसमें मामले की जांच की मांग की गई है. इसकी जानकारी पुलिस ने मंगलवार को दी.
PFI द्वारा शिकायत में कहा गया है कि, “यह शिविर पोन्नमपेट शहर में स्थित एक स्कूल के मैदान में आयोजित किया गया और एयर गन की ट्रेनिंग भी इसी स्कूल के मैदान पर दी गई.”
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और शिक्षा विभाग से रिपोर्ट मांगी है कि क्या इस तरह की ट्रेनिंग के लिए स्कूल के मैदान का इस्तेमाल करना सही है.
ज्ञात हो की बज्रण दल द्वारा आयोजित इस शिविर में 100 से ज्यादा प्रतिभागियों ने एयर गन चलाने की ट्रेनिंग ली जिसके खिलाफ पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने शिकायत दर्ज कराई है.
सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच इस मामले को लेकर विवाद शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनकी सरकार अवैध रूप से कुछ भी नहीं होने देगी.
भाजपा विधायक ने बजरंग दल का बचाव करते हुए इस ख़ुफ़िया ट्रेनिंग कैम्प को, जिसमें हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई उसे आत्मरक्षा शिविर बताया है.
भाजपा विधायक और राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि ने दावा किया कि शिविर ‘आत्मरक्षा’ की ट्रेनिंग का एक हिस्सा था. उन्हें एके-47 और बम इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण नहीं दिया गया था.
भाजपा नेता ने कहा, “बजरंग दल हर साल अपने कार्यकतार्ओं को ‘आत्मरक्षा’ के लिए ट्रेनिंग देता आया है.”
श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने कहा कि ‘आत्मरक्षा’ के लिए ट्रेनिंग देने में कुछ भी गलत नहीं है.
इस मामले में बजरंग दल का कहना है कि ट्रेनिंग में कानून और आर्म्स एक्ट का उल्लंघन नहीं किया गया है. एयर गन और ट्राइडेंट आर्म्स एक्ट के दायरे में नहीं आते हैं.
कर्नाटक कांग्रेस ने स्कूल परिसर में युवा छात्रों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने के लिए बजरंग दल के नेताओं की गिरफ्तारी की मांग की है.
विपक्षी दल के नेता सिद्धारमैया ने कहा था कि मदिकेरी में युवा छात्रों को हथियार प्रशिक्षण देकर, बजरंग दल ने हमारे देश के कानून को चुनौती दी है. क्या हमारे पास कर्नाटक में गृह मंत्री या शिक्षा मंत्री हैं? क्या सरकार जाग रही है?
विपक्षी दलों ने मांग की, कि बजरंग दल को अवैध गतिविधियों को आयोजित करने की अनुमति देने के लिए शिक्षा मंत्री बीसी नागेश को स्कूल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर बजरंगदल के इस प्रशिक्षण शिविर की विवादित तस्वीरें वायरल हो रहीं हैं जिसे लेकर विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं. सोशल मीडिया पर बहुत से यूज़र्स बजरंगदल के इस ट्रेनिंग कैम्प को लेकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.