अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | ईद के मौके पर अयोध्या में दंगा कराने की साजिश बेनकाब हो गई है। साजिशकर्ता के रूप में हिन्दुत्ववादी युवक गिरफ्तार किए गए हैं। क्या इनके ऊपर योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर चलेगा? अयोध्या जिले की पुलिस ने 28 अप्रैल को एक हिन्दुत्ववादी संगठन के 7 युवकों को गिरफ्तार कर अयोध्या में उनके द्वारा किए जाने वाले दंगे की साजिश को बेनकाब कर दिया है।
सभी आरोपी युवक ईद के मौके पर अयोध्या में बड़े पैमाने पर दंगा कराने कराना चाहते थे और इसके लिए इन्होंने एक बहुत बड़ी साज़िश रची थी। लेकिन समय रहते अयोध्या पुलिस को इसकी भनक लग गई और उसने तुरंत मुस्तैदी दिखाते हुए इस हिन्दुत्ववादी संगठन के 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया और अयोध्या को दंगे की आग से झुलसने से बचा लिया।
बताया जाता है कि अयोध्या में दंगा कराने की साज़िश रचने वाला मुख्य आरोपी महेश मिश्रा है। यह हिन्दुत्ववादी संगठन हिंदू योद्धा संगठन का मुखिया है। इसने अपने 10 साथियों के साथ अयोध्या में बड़े पैमाने पर दंगा कराने की साजिश रची थी। इस साजिश के तहत 26-27अप्रैल की रात अयोध्या शहर की मस्जिद कश्मीरी मोहल्ला, टाटशाह मस्जिद, घोसियाना रामनगर मस्जिद, ईदगाह सिविल लाइन मस्जिद और दरगाह जेल के पीछे आपत्तिजनक पोस्टर, मांस और धार्मिक पुस्तक की फटी प्रति डालकर दंगा भड़काने का काम किया गया था।
अयोध्या पुलिस को समय रहते इसकी भनक लग गई। इसके बाद पुलिस ने अयोध्या शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की। पुलिस को जांच में संबंधित घटनास्थल पर और शहर के वविभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कुछ संदिग्ध लोग नजर आए। पुलिस ने इन संदिग्धों को तलाशना शुरू कर दिया और यह संदिग्ध बहुत जल्द पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस ने जब इनको गिरफ्तार किया, तो पता चला कि इस हिन्दुत्ववादी संगठन का मुखिया महेश मिश्रा है, जो खोजनपुर, थाना कोतवाली नगर का निवासी है।
आरोपी के साथ गिरफ्तार किए गए प्रत्युष श्रीवास्तव एल 757आवास विकास कालोनी अमानीगंज, नितिन कुमार ज्ञानचंद सिंधी निवासी 858 रीडगंज हमदानी कोठी, दीपक कुमार गौड़ 8/10/54 नाका मुरावन टोला, ब्रजेश पांडेय हौंसिला नगर, शत्रुघ्न प्रजापति सहादतगंज कुम्हार मंडी और विमल पांडेय उमरहर थाना कुमारगंज हैं। 7 लोग पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए हैं और इनके 4 साथी फरार हैं।
अयोध्या के एसएसपी शैलेश पांडेय के मुताबिक पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद आरोपियों ने बताया कि महेश मिश्रा मुख्य साजिशकर्ता है। महेश मिश्रा ने अपने 10 साथियों के साथ मिलकर ब्रजेश पांडेय के मकान में बैठकर दंगा कराने की साजिश रची थी। इस साजिश के तहत घटना को अंजाम देने के लिए 26 अप्रैल की रात में सभी नाका स्थित वर्मा ढाबा पर इकट्ठा हुए और वहां पर खाना खाया। खाना खाने के बाद वे सभी 4 बाइकों से देवकाली बाईपास होकर देवकाली मंदिर होते हुए बेनीगंज तिराहा पहुंचे। जहां पर इनको पुलिस की पीआर वी की गाड़ी दिखाई दी, जिससे वहां पर बेनीगंज मस्जिद में यह कोई घटना नहीं कर सके। इसके बाद यह खुर्दाबाद होकर परिक्रमा मार्ग होते हुए कश्मीरी मोहल्ला मस्जिद में जाकर आपत्तिजनक पोस्टर, मांस और धार्मिक पुस्तक की फटी प्रति डाली। इसके बाद अन्य स्थानों पर भी यही काम किया। इसके बाद यह सभी ब्रजेश पांडेय के घर पहुंचे और बाद में वहां से अपने-अपने घर चले गए।
अयोध्या पुलिस ने जिस तेजी के साथ दंगा कराने वाले हिंदू संगठन के लोगों को गिरफ्तार किया है और दंगा भड़काने की साजिश को बेनकाब किया है, वह वाकई में काबिले तारीफ है। इस मामले की सबसे खास बात यह है कि अयोध्या पुलिस ने किसी का कोई दबाव नहीं माना। सूत्रों का कहना है कि इस मामले को लेकर अयोध्या पुलिस पर हिन्दुत्ववादी संगठनों ने काफी दबाव बनाया और पकड़े गए लोगों को छुड़ाने के लिए काफी पैरवी की, लेकिन अयोध्या पुलिस ने किसी की नहीं सुनी।
पुलिस ने इस मामले में चेहरा देखकर नहीं बल्कि अपराधियों के अपराध को देखकर कार्यवाही की और अयोध्या को दंगे की आग में झुलसने से बचा लिया। इस संबंध में अयोध्या के एसएसपी शैलेश पांडेय का कहना है कि, “पकड़े गए लोगों का संबंध हिन्दुत्ववादी संगठन हिंदू योद्धा संगठन से है। इसका मुखिया महेश मिश्रा है। यह और इसके साथियों ने अयोध्या को दंगे की आग में झुलसाने की साजिश रची थी। इनकी यह साजिश बेनकाब हो गई है और इनको गिरफ्तार कर लिया गया है। अभी इनके विरुद्ध रासुका तामील करने की भी कार्यवाही की जाएगी। कानून से ऊपर कोई नहीं है। मेरे रहते किसी को कानून से खेलने की इजाजत नहीं होगी, चाहे वह कोई भी हो।”
बताया जाता है कि अयोध्या को दंगे की आग में झुलसाने का काम करने वाले हिंदूवादी संगठन के मुखिया महेश मिश्रा ने बताया कि वह दिल्ली में जहांगीरपुरी की हुई घटना का बदला लेने के लिए अयोध्या में दंगा कराना चाहता था, जिससे वह मुस्लिम समुदाय से बदला ले सके। लेकिन अयोध्या की पुलिस की समझदारी और मुस्तैदी से उसके अरमान पूरे न हो सके और उसको जेल की हवा खानी पड़ी है।
इस मामले में सभी हिंदूवादी लोगों के पकड़े जाने से यह साफ हो गया है कि देश में तथाकथित हिंदूवादी ताकतें देश को कमजोर करने का काम कर रही हैं और यह सुनियोजित तरीके से हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच नफरत का जहर घोलकर सौहार्द को बिगाड़ने का काम कर रही हैं।
अब इस मामले में योगी आदित्यनाथ को चाहिए कि वह अयोध्या में दंगा कराने वाले दोषियों के घर पर बुलडोजर चलाएं, जिससे कोई भी शख्स दंगा कराने के बारे में न सोंचे। लेकिन योगी आदित्यनाथ ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि दंगा कराने के सभी साजिशकर्ता हिंदूवादी संगठन के लोग हैं। हां देर-सबेर यह ज़रूर सुनने को मिलेगा कि दंगा कराने की साज़िश रचने वाले लोगों को गिरफ्तार करने वाले जांबाज पुलिस अधिकारियों का तबादला जरूर हो गया है।