– मसीहुज़्ज़मा अंसारी
नई दिल्ली | दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती के जुलूस में हुई हिंसा के बाद इलाके से गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है. इलाके में लोग डरे हुए हैं और आरोप लगा रहे कि पुलिस का रवैया पक्षपातपूर्ण है क्योंकि केवल मुस्लिम इलाकों से गिरफ्तारियां हो रही हैं. हालांकि, डीसीपी नॉर्थवेस्ट दिल्ली, ऊषा रंगनानी ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि किसी को डरने की ज़रूरत नहीं है साथ ही निष्पक्षता के साथ दोषियों पर ही कार्रवाई करने का आश्वाशन दिया है.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने इंडिया टुमारो को बताया कि शनिवार को हनुमान जयंती पर दिन में पहले दो रैलियां निकलीं लेकिन 6 बजे शाम के क़रीब एक और जुलूस निकला जो कि उस दिन की तीसरी रैली थी. रैली में शामिल लोग तलवारें और हथियार लहराते हुए निकल रहे थे. उसी भीड़ से कुछ लोगों ने मस्जिद के सामने तेज़ आवाज़ में नारेबाज़ी शुरू की फिर नोकझोंक शुरू हुई. इसमें मामला बढ़ता गया और रैली में शामिल लोगों द्वारा मस्जिद में झंडा लगाने का प्रयास किया गया जिसके बाद से विवाद शुरू हो गया.
स्थानीय निवासी जहांगीर ने बताया कि, “इससे पहले भी यहां रैलियां निकलती रही हैं, गणेश जयंती, काली पूजा के समय भी रैलियां निकलती हैं लेकिन ऐसी रैली जिसमें हथियार लहराए गए पहली बार हमने देखी.”
जहांगीर के अनुसार, “रैली में शामिल लोगों द्वारा मस्जिद के सामने खड़े होकर तलवार लहराया गया और कुछ लोगों ने आवाज़ लगाकर जय श्रीराम बोलने के लिए कहा. उनमें से ही कुछ युवक मस्जिद में गेट पर चढ़ गए और भगवा झंडा लगाने लगे जिन्हें रोकने पर विवाद खड़ा हो गया और मस्जिद पर पत्थर फेंका जाने लगा. पत्थर इतने ज़ोर से फेंका गया कि मस्जिद की चौथी मंजिल तक पत्थर पहुंचा और कई लोगों को चोटें आईं.”
देखिए घटना के बारे में क्या कहते हैं स्थानीय निवासी:
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