अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | हिंदू धर्म में साधु, संतों और महंतो का काम लोगों को अच्छे उपदेश देकर सत्य, अहिंसा, मानवता और परोपकार के रास्ते पर चलते हुए सभी धर्मों का सम्मान करना है। लेकिन यूपी के सीतापुर जिले के एक महंत बजरंग मुनि दास ने अपने कारनामों से न केवल हिंदू धर्म का अपमान किया है बल्कि साधु, संत और महंतो के नाम को बदनाम करने का काम किया है।
साधु, सन्त और महंत सभी धर्मों में आपस में एकता और सामंजस्य बिठाने का काम करते हुए देश और समाज को अच्छे रास्ते पर ले जाने और उसकी उन्नति करने का काम करते हैं। बजरंग मुनि दास का नाम इस समय सुर्खियों में बना हुआ है क्योंकि इन्होंने बीती 2 अप्रैल को सीतापुर के खैराबाद में एक धार्मिक जुलूस में मुस्लिम महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी की। महंत ने खैराबाद में मस्जिद के पास जुलूस के पहुंचने पर खुद माईक लेकर मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के ऊपर अभद्र टिप्पणी की।
महिलाओं के ऊपर की गई टिप्पणी से बजरंग मुनि दास ने यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार को भी खुली चुनौती दी है। योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार यूपी के मुख्यमंत्री बनकर सुशासन और महिलाओं की सुरक्षा की बात खासतौर पर कही है, लेकिन बजरंग मुनि दास ने मुस्लिम महिलाओं के ऊपर अशोभनीय टिप्पणी करके यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।
बजरंग मुनि के वीडियो के सामने आने से सीतापुर की पुलिस बैकफुट पर आ गई है और वह कार्रवाई करने की बात कहकर अपने को बचाने का काम कर रही है। इस संबंध में खैराबाद पुलिस के एसओ अरविंद सिंह का कहना है कि, “बाबा और संगत की सुरक्षा के लिए और डेढ़ सेक्शन पीएसी बल तैनात रहता है। आधा दर्जन गनर बाबा की सुरक्षा में लगे हैं, जो शिफ्ट के हिसाब से सुरक्षा देते हैं।”
पुलिस के मुताबिक बाबा के खिलाफ धारा 298 के तहत केस दर्ज किया गया है। इस धारा के तहत सार्वजनिक स्थलों पर आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल करना आता है। इस मामले की जांच सीतापुर के एएसपी उत्तरी कर रहे हैं। सीतापुर पुलिस ने बताया है कि वायरल वीडियो मामले की जांच एएसपी उत्तरी राजीव दीक्षित कर रहे हैं। इस बाबत राजीव दीक्षित का कहना है कि, “बजरंग मुनि दास के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच की जा रही है और जांच में दोषी पाए जाने पर बजरंग मुनि के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब बजरंग मुनि ने अपने साथ सुरक्षा में चल रहे पुलिस कर्मियों के सामने उनकी मौजूदगी में मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी, तो अब जांच की नौटंकी क्यों की जा रही है। बजरंग मुनि के साथ चलने वाले पुलिसकर्मियों के बयान लेकर बजरंग मुनि को गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए। जांच के नाम पर बजरंग मुनि को बचाने का खेल खेला जा रहा है। बताया जाता है कि बजरंग मुनि के संबंध आरएसएस से हैं, इसलिये उनको बचाने का काम किया जा रहा है।
बजरंग मुनि दास सीतापुर में बड़ी संगत आश्रम का महंत है। यह मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के भुपियामऊ क्षेत्र का रहने वाला है। यह बड़ी संगत आश्रम में लगभग 4 साल से रहता है और आश्रम की देखभाल करता है। बड़ी संगत आश्रम सीतापुर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर है। बताया जाता है कि बजरंग मुनि का असली नाम अनुपम मिश्रा है। इसके बारे में यह भी पता चला है कि मई 2019 में उदासीन अखाड़ा नासिक से निकाला गया था। चर्चा है कि यह विवादित व्यक्ति है। इसके खिलाफ ज़मीन -जायदाद कब्जाने के भी आरोप हैं।
बजरंग मुनि दास के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है और यूपी के डीजीपी से इस मामले में एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। बजरंग मुनि दास की सुरक्षा व्यवस्था में भारी पुलिस फोर्स तैनात है। किसी भी व्यक्ति को इतनी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था राज्य सरकार ही देती है, जिला प्रशासन के स्तर पर इतनी सुरक्षा व्यवस्था नहीं मिलती है।
बजरंग मुनि को यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार का एक तरह से संरक्षण प्राप्त है, अगर ऐसा नहीं होता, तो अब तक बजरंग मुनि की सारी सुरक्षा व्यवस्था को हटाकर उसको जेल में डाल दिया जाता। यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार के सुशासन और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर योगी आदित्यनाथ द्वारा किए जा रहे दावे सिर्फ झूठ साबित हुए हैं।