इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र मीरान हैदर की जमानत याचिका को 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित यूएपीए मामले में खारिज कर दिया.
मीरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के युवा विंग दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष थे.
हैदर को 1 अप्रैल, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में बंद हैं.
मीरान हैदर के अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर खालिद, शरजील इमाम, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के खालिद सैफी, कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां, आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन, पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा, सफूरा जरगर, नताशा नरवाल और देवांगना कलिता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.
बार & बेंच के अनुसार, उन पर मार्च का आह्वान करके, भीड़ का नेतृत्व कर सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काकर एक “साझा साजिश” रचने का आरोप लगाया गया था.
हालांकि, इशरत जहां को पिछले दिनों इस मामले में ज़मानत मिल गई थी, वहीं कोर्ट ने हाल ही में खालिद और फातिमा की ज़मानत अर्जी खारिज कर दी थी.
दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि बड़ी संख्या में छात्रों, पूर्व छात्रों और एक विशेष समुदाय के अन्य सदस्यों ने सीएए विरोधी रैली में भाग लिया.
बार & बेंच के अनुसार, अदालत ने 24 नवंबर, 2020 को हैदर और अन्य के खिलाफ यूएपीए के तहत दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए कहा था कि उनके खिलाफ इस मामले में पर्याप्त सुबूत है.