अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | उत्तर प्रदेश में नौकरशाही इस कदर बेलगाम हो गई है कि वह खुद कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अपनों की हत्या कर रही है। इसका ताजा उदाहरण प्रतापगढ़ जिले में एक एसडीएम द्वारा अपने तहसील के कर्मचारी की पीट-पीट कर हत्या करने और सुल्तानपुर जिले में एक ट्रेनी डिप्टी एसपी द्वारा अपनी पत्नी की कथित हत्या का मामला है।
अभी यूपी में योगी आदित्यनाथ को राज्य की सत्ता संभाले हुए एक महीना भी नहीं हुआ है, लेकिन उनकी नौकरशाही उनके नियंत्रण से बाहर होती दिखाई दे रही है। नौकरशाही को योगी आदित्यनाथ का कोई डर नहीं है। अगर नौकरशाही को योगी आदित्यनाथ का डर होता, तो प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर जिले में एसडीएम और डिप्टी एसपी द्वारा अपनों की हत्या न की जाती।
उत्तर प्रदेश में जब नौकरशाह खुलेआम अपनों की हत्या कर रहे हों, तो कानून व्यवस्था कितनी अच्छी है और सरकार का इस पर कितना नियंत्रण है, इसका अंदाज़ा सहज ही लगाया जा सकता है। इससे यह पता चलता है कि यूपी में अफसरों पर राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है और नौकरशाही बेलगाम हो गई है।
आईये पहले हम प्रतापगढ़ जिले की घटना का जिक्र करते हैं। प्रतापगढ़ जिले में लालगंज तहसील के एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह यादव ने शनिवार को किसी बात को लेकर लालगंज तहसील के नाजिर सुनील शर्मा की डंडों से जमकर पिटाई की। एसडीएम की इस पिटाई से सुनील शर्मा को गंभीर रूप से चोटें आईं, जिससे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सुनील शर्मा की मौत हो जाने के बाद एसडीएम लालगंज ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह यादव अपना सीयूजी मोबाइल नम्बर बन्द कर लापता हो गए।
तहसील कर्मचारी सुनील शर्मा की एसडीएम द्वारा पीटे जाने और इलाज के दौरान उसकी मौत हो जाने की खबर जब प्रतापगढ़ जिले के जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल को हुई, तो उन्होंने एसडीएम लालगंज ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह यादव के सीयूजी मोबाइल नंबर पर कॉल किया। लेकिन एसडीएम का सीयूजी नम्बर बन्द मिला, जिस पर डीएम ने एसडीएम को लालगंज से हटा दिया और उनको मुख्यालय अटैच कर दिया। इसके साथ ही डीएम ने लालगंज में नए एसडीएम के रूप में अर्जुन सिंह को नियुक्त कर दिया।
इस घटना से आक्रोशित कर्मचारियों ने इस मामले को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया। कर्मचारियों के आंदोलन करने से जिला प्रशासन के हाथ -पैर फूल गए। इस पर प्रतापगढ़ जिले के डीएम डॉ. नितिन बंसल ने मृतक कर्मचारी के परिवार वालों और कर्मचारी नेताओं से बात की तथा मृतक कर्मचारी के परिवार की हर संभव मदद करने एवं दोषी एसडीएम के विरुद्ध कार्रवाई करने का भरोसा दिया। इसके बाद एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह यादव और 3 अज्ञात के विरुद्ध लालगंज थाने में हत्या करने का मुकदमा दर्ज हुआ, जिसके पश्चात मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया।
मृतक तहसील कर्मचारी सुनील शर्मा का पोस्टमार्टम हो गया है, लेकिन अभी तक आरोपी एसडीएम और उसके 3 अज्ञात सहयोगियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आरोप है कि प्रतापगढ़ का प्रशासन एसडीएम को बचाने का काम कर रहा है। प्रतापगढ़ में तहसील कर्मचारी की हत्या की खबर जब लखनऊ पहुंची, तो कलेक्ट्रेट कर्मचारी मिनिएस्ट्रीयल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार त्रिपाठी प्रतापगढ़ पहुंचे और उन्होंने दोषी एसडीएम और उसके साथियों की गिरफ्तारी न होने की स्थिति में पूरे यूपी की तहसीलों में ताला बंद कर हड़ताल करने की चेतावनी दी।
कर्मचारी नेता की चेतावनी से योगी आदित्यनाथ की सरकार बैकफुट पर आ गई और योगी आदित्यनाथ ने स्वयं आज दोषी एसडीएम को निलंबित करने की घोषणा की। लेकिन कर्मचारी नेता एसडीएम की गिरफ्तारी पर अभी अड़े हुए हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार इसके समाधान के लिए जुटी हुई है, लेकिन उसको कोई सफलता नहीं मिल पा रही है।
योगी आदित्यनाथ पिछले कार्यकाल में नौकरशाही के दम पर सरकार चलाते रहे हैं, इसलिए वह नौकरशाही को नाराज नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि वह उन्हीं के भरोसे शासन-सत्ता चला रहे हैं। लेकिन तहसील कर्मचारी की हत्या के बाद कर्मचारियों के तहसीलों में ताला बंद कर आंदोलन करने की चेतावनी से योगी आदित्यनाथ बैकफुट पर पहुंच गए हैं।
नौकरशाही के बेलगाम होने और अपने हाथ में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए अपनों की हत्या करने का दूसरा मामला सुल्तानपुर जिले से संबंधित है। यहां पर शिवम मिश्रा ट्रेनीज डिप्टी एसपी के रूप में काम कर रहे हैं। यह एसपी ऑफिस से अटैच हैं। यह पुलिस लाइंस में स्थित ऑफिसर्स मेस में रहते हैं। इनकी पत्नी मोनिका मिश्रा का गुरुवार को पंखे से लटकता हुआ शव मिला। बताया जाता है कि आनन- फानन में मोनिका मिश्रा के शव को शिवम मिश्रा ने उतारा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
मोनिका मिश्रा की मौत के बाद जिस प्रकार से पुलिस घटना पर पर्दा डालने का काम करती रही है, उससे शिवम मिश्रा संदेह के घेरे में आते हैं। मोनिका की मौत की घटना के बाद सुल्तानपुर के एसपी डॉ. विपिन कुमार मिश्रा ने तीन डॉक्टर का पैनल बनाकर मोनिका मिश्रा के शव का पोस्टमार्टम कराया है।
बताया जाता है कि शिवम मिश्रा और मोनिका मिश्रा की लव मैरिज थी। शिवम मिश्रा प्रयागराज जिले के शंकरगढ़ क्षेत्र के रानी गंज के मूल निवासी हैं और मोनिका पांडेय लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ की रहने वाली हैं। इन्होंने 7 दिसंबर 21 को कोर्ट मैरिज की थी। शिवम मिश्रा और मोनिका पांडेय का परिचय दिल्ली में हुआ था। शिवम मिश्रा दिल्ली में मुखर्जी नगर में रहकर सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे और जिस कोचिंग संस्थान में वह कोचिंग करते थे, वहीं पर मोनिका पांडेय भी कोचिंग करती थीं।
इसी कोचिंग संस्थान में दोनों का परिचय हुआ और बाद में दोनों ने कोर्ट मैरिज कर पति-पत्नी के रूप में रहने लगे। बताया जाता है कि शिवम मिश्रा के परिवार वालों ने इस शादी को कभी भी मन से स्वीकार नहीं किया। चर्चा है कि मोनिका मिश्रा एक सप्ताह पहले ही शिवम के पास सुल्तानपुर आई थीं।
बहरहाल मोनिका मिश्रा को अवसाद में होना बताकर इस मामले पर पर्दा डालने का काम किया जा रहा है। हां अगर इसी जगह पर कोई दूसरा व्यक्ति होता, तो पुलिस कानून व्यवस्था की दुहाई देकर उसका घर खोद कर तालाब बना देती। चूंकि अभी मोनिका मिश्रा के शादी को हुए एक वर्ष भी नहीं गुजरा है, ऐसे में इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की जरूरत है, जिससे सच्चाई सामने आ सके।