इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपीलों को तत्काल सूचीबद्ध करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य में सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम छात्राओं द्वारा हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के कॉलेजों के निर्णय को बरकरार रखा था.
बार & बेंच के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत द्वारा इस मामले को रखा गया लेकिन CJI ने याचिकाकर्ताओं से इस मुद्दे को सनसनीखेज नहीं बनाने के लिए कहा और मामले की सुनवाई के लिए कोई विशेष तारीख देने से इंकार कर दिया.
अपने तर्क में कामत ने कहा, “परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं.”
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “इसका परीक्षा से कोई लेना-देना नहीं है. इस मुद्दे को सनसनीखेज न बनाएं.”
कामत ने कहा, “1 साल बीत जाएगा. उन्हें स्कूलों में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है.”
हालांकि, मुख्य न्यायाधीश अगले केस की तरफ बढ़ गए.
ज्ञात हो कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 15 मार्च को राज्य के सरकारी कॉलेजों की कॉलेज विकास समितियों को कॉलेज परिसर में मुस्लिम छात्राओं द्वारा हिजाब (हेडस्कार्फ़) पहनने पर प्रतिबंध लगाने के सरकारी आदेश (जीओ) को प्रभावी ढंग से बरकरार रखा था.
मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी और जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की तीन-न्यायाधीशों की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम की आवश्यक धार्मिक प्रथाओं का हिस्सा नहीं है.