https://www.xxzza1.com
Wednesday, April 24, 2024
Home यूपी चुनाव यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बहुमत लेकिन उसके कई...

यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बहुमत लेकिन उसके कई सूरमा हुए पराजित

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो

लखनऊ | यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा 255 सीट जीतकर बहुमत पाने में सफल हो गई है, जबकि उसके कई सूरमा राजनीति के मैदान में चारों खाने चित्त हो गए हैं। चुनाव परिणाम के मुताबिक भाजपा 403 सीटों में से 255 सीट पाने में सफल रही है। जबकि भाजपा अपने 2017 के चुनावी प्रदशर्न को दोहराने में असफल रही है।

भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने पिछले विधानसभा चुनाव में 403 सीटों में से 325 सीट पाई थी। भाजपा ने पिछली बार 384 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें उसको 312 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। 8 सीटें अपना दल, 4 सुभासपा और 1 निषाद पार्टी पाई थी।

लेकिन इस बार उसका जादू ज्यादा नहीं चल पाया है और उसके गठबंधन को 273 सीटें प्राप्त हुई हैं। 273 सीटों में से भाजपा 255, अपना दल एस 12 और निषाद पार्टी को 6 सीटें मिली हैं। इस प्रकार भाजपा गठबंधन की इस नई विधानसभा में 52 सीटें कम हो गई हैं। अब राज्य में भाजपा की नई सरकार का गठन होना है।

नई सरकार को तमाम तरह की चुनौती से सामना करना होगा। पिछली गलतियों से सबक लेते हुए राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था को स्थापित करना होगा और मंहगाई जैसे मुद्दे पर मंहगाई को कम करने के लिए कठोर निर्णय भी लेना होगा। इसके साथ युवाओं को रोजगार देने के लिए नौकरी की व्यवस्था भी करनी होगी।

आवारा पशुओं के मामलों का समाधान भी नई सरकार को खोजना होगा। इसके साथ ही प्रशासन में पारदर्शिता लाने और प्रशासन की जिम्मेदारी तय करनी होगी, जिससे नई सरकार के प्रति जनता के नजरिए में बदलाव आ सके। यह सभी मुद्दे जनता से जुड़े हुए हैं, इसलिए सरकार को इस मसले पर चुनौती का सामना करना पड़ेगा। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में पश्चिम से लेकर पूर्वांचल में तक सफलता प्राप्त किया है।

लेकिन इस सबके बावजूद 2022 के इस विधानसभा चुनाव में भाजपा के कई बड़े सूरमा राजनीति के मैदान में चारों खाने चित्त भी हो गए हैं। भाजपा के इन राजनीतिक सूरमाओं में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में थानाभवन सीट पर राज्य के गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा चुनाव हार गए हैं। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा के बड़े नेता थे। इसी प्रकार सरधना में संगीत सोम भी पराजित हो गए हैं। नजीबाबाद में भारतेंदु सिंह भी चुनाव हार गए हैं। यह तीनों मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी हैं।

कुछ इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री रहे सतीश चंद्र द्विवेदी पूर्वांचल के सिद्धार्थनगर जिले की इटवा सीट पर चुनाव हार गए हैं। इनको पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने पराजित किया है। सतीश चंद्र द्विवेदी विवादित व्यक्ति रहे हैं। इनके ऊपर बेसिक शिक्षकों की भर्ती में घोटाला करने का आरोप लग चुका है। चुनाव घोषित होने तक इनके विरुद्ध शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी आंदोलन करते रहे हैं।

इसी तरह योगी आदित्यनाथ के खास व्यक्ति और डुमरियागंज के विधायक राघवेंद्र सिंह भी बुरी तरह चुनाव हार गए हैं। इन्होंने चुनाव के दौरान विवादित बयान दिया था और मतदाताओं को देख लेने की धमकी दी थी। लेकिन जनता ने इनको हराकर इनको राजनीति से ही बेदखल कर दिया है।

इसी तरह फतेहपुर जिले के हुसैनगंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार और योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री रनवेंद्र सिंह उर्फ धुन्नी सिंह चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार में यह कहते थे कि मेरे पास एक ऐसी मशीन है, जिससे मुझे पता चल जाएगा कि मुझको किसने वोट नहीं दिया है। इसके बाद मैं फिर देखूंगा। लेकिन उनको देखने का मौका जनता ने नहीं दिया और उन्हें चुनाव में हराकर धूल चटा दिया।

केंद्रीय कानून राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल मैनपुरी जिले के करहल से अखिलेश यादव के सामने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे। चुनाव संपन्न होने के दिन ही यह लखनऊ पहुंच कर भाजपा दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ी-बड़ी डींगें हांक रहे थे कि मैं चुनाव जीत गया हूँ और अब केवल रिजल्ट आना बाकी है। इनको भी जनता ने सबक सिखा दिया और हरा दिया। अब यह न तीन में रहें और न तेरह में। इनको भाजपा ने बलि का बकरा बन दिया।

सबसे दिलचस्प मामला कौशाम्बी के सिराथू सीट का रहा है। यहां पर राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य चुनाव लड़ रहे थे। इनका मुकाबला सपा उम्मीदवार डॉ.पल्लवी पटेल से था। यहां पर पल्लवी पटेल चुनाव जीत गईं और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हार गए। लेकिन इसके बावजूद कई घण्टे परिणाम घोषित नहीं किया गया, क्योंकि यहां पर धांधली करके केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव जिताने के लिए प्रशासन जुट गया। लेकिन इसकी जब भनक पल्लवी पटेल को हुई, तो उनकी प्रशासन से झड़प हुई और रिजल्ट घोषित कर दिया गया। इस प्रकार पल्लवी पटेल जीत गईं और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हार गए।

कुछ इसी तरह यूपी की राजधानी लखनऊ में भी गड़बड़ी करने का प्रयास किया गया। यहां पर लखनऊ पश्चिम से सपा उम्मीदवार अरमान खान चुनाव जीत गए थे, लेकिन उनको कई बार मतगणना करके हराने का प्रयास किया गया। लेकिन अरमान खान पीछे नहीं हटे, तो देर रात में उनको विजयी घोषित किया गया। सिराथू और लखनऊ पश्चिम के मामले यह दर्शाते हैं कि मतगणना में सरकार के स्तर पर गड़बड़ी करने का पूरा प्रयास किया गया है। अगर ऐसा नहीं है, तो जीते हुए उम्मीदवार को विजयी घोषित करने और जीतने का प्रमाण पत्र देने में देर क्यों की जा रही थी। यह ऐसे मामले हैं, जो सरकार और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हैं।

यूपी विधानसभा चुनाव में सपा हारकर भी जीत गई है। सपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल तक में भाजपा गठबंधन को तगड़ी टक्कर दिया है। इस चुनाव में इसकी सीटें बढ़कर 47 से 111 हो गई हैं। उसके सहयोगी रालोद को 8 और सुभासपा को 6 सीटों पर कामयाबी मिली है। इस तरह उसके गठबंधन के पास 125 सीटें हैं। सपा की विधानसभा में सीटें ही नहीं बढ़ी हैं बल्कि उसका वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। 2017 के चुनाव में उसको 21.85 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि इस बार उसको 32 प्रतिशत वोट मिले हैं। उसने महत्वपूर्ण सीट कैराना पर कब्जा जमा लिया है और उसके उम्मीदवार नाहिद हसन एक बार फिर से विधायक चुने गए हैं।

इसके अलावा सपा के कद्दावर नेता आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम भी चुनाव जीत गए हैं। हालांकि पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्या फाजिलनगर से चुनाव हार गए हैं। किंतु सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर अपनी सीट जहूराबाद से चुनाव जीत गए हैं। सपा को बड़ी जीत अखिलेश यादव को उनके संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में हासिल हुई है। यहां की सभी 10 सीटों पर उसका परचम फहरा गया है। पिछले चुनाव में यहां भाजपा की जीती हुई सीट पर भी इस बार सपा ने कब्जा कर लिया है।

मऊ जिले की 4 सीटों में से सपा गठबंधन ने 3 सीट पर कब्जा किया है। एक सीट भाजपा को मिली है, वह भी बहुत कम अंतर से जीती है। मऊ सदर से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने सुभासपा उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की है। गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और पूर्व विधायक सिगबतुल्लाह अंसारी के पुत्र मुन्नू अंसारी सपा उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए हैं।

जौनपुर की प्रतिष्ठा वाली मल्हनी सीट पर सपा ने कब्जा किया है और उसके उम्मीदवार लकी यादव विधायक निर्वाचित हुए हैं। इस तरह सपा राज्य की सत्ता से भले ही दूर रह गई है, लेकिन उसको जनता का जनसमर्थन मिला है, जिसके कारण ही सपा को पश्चिम से लेकर पूर्वांचल तक भारी जीत मिली है। सपा को यूपी मध्य में ज्यादा समर्थन नहीं मिल पाया है, इसी कारण वह सत्ता से दूर हो गई है।

अखिलेश यादव आज़मगढ़ की सांसदी नहीं छोड़ेंगे, वह आगे चलकर करहल की ही सीट छोड़ सकते हैं। इस विधानसभा चुनाव में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया है, जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती डींगें सरकार बनाने का दावा कर रही थीं। लेकिन जनता ने उनके ऊपर भरोसा ही नहीं किया। कांग्रेस को भी इस चुनाव में जोरदार झटका लगा है। वह केवल 2 सीट पाई है और उसके प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तमकुहीराज से पराजित हो गए हैं। राजा भईया के जनसत्ता दल ने भी 2 सीटें हासिल की है।

- Advertisement -
- Advertisement -

Stay Connected

16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe

Must Read

वेलफेयर पार्टी (WPI) ने पीएम मोदी के भाषणों और चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया (डब्ल्यूपीआई) ने दो दिन पहले राजस्थान के बांसवाड़ा जिले...
- Advertisement -

इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख़्त टिप्पणी, कहा- ‘जिला अदालतें आम लोगों का भरोसा खो रहीं’

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला अदालतों की कार्य प्रणाली पर कड़ी टिप्पणी करते...

ईद मिलन समारोह में जमाते इस्लामी अध्यक्ष ने देश में एकता और फिलिस्तीन के साथ एकजुटता का आह्वान किया

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | जमात-ए-इस्लामी हिंद (जेआईएच) ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक...

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट रद्द करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 को असंवैधानिक घोषित करने के इलाहाबाद उच्च...

Related News

वेलफेयर पार्टी (WPI) ने पीएम मोदी के भाषणों और चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया (डब्ल्यूपीआई) ने दो दिन पहले राजस्थान के बांसवाड़ा जिले...

इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख़्त टिप्पणी, कहा- ‘जिला अदालतें आम लोगों का भरोसा खो रहीं’

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला अदालतों की कार्य प्रणाली पर कड़ी टिप्पणी करते...

ईद मिलन समारोह में जमाते इस्लामी अध्यक्ष ने देश में एकता और फिलिस्तीन के साथ एकजुटता का आह्वान किया

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | जमात-ए-इस्लामी हिंद (जेआईएच) ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक...

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट रद्द करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 को असंवैधानिक घोषित करने के इलाहाबाद उच्च...

मदरसा बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागतयोग्य, हाईकोर्ट का फैसला राजनीति से प्रेरित था: यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस

इंडिया टुमारो लखनऊ | सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट के मदरसा शिक्षा अधिनियम 2004 को असंवैधानिक घोषित करने...
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here