अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | यूपी की सत्ता को दोबारा पाने के लिए भाजपा ने “राम मंदिर” निर्माण का नया दांव चला है। भाजपा ने हिंदू वोटरों को रिझाने के लिए यह कहना शुरू कर दिया है कि राज्य में दूसरी पार्टी की सरकार बनने पर “राम मंदिर” का निर्माण रुक जाएगा, इसलिए दूसरी पार्टी की सरकार नहीं बननी चाहिए।
केंद्र की सत्ता में बैठने का रास्ता यूपी से होकर जाता है। ऐसे हालात में अगर यूपी कमजोर हो जाएगा, तो केंद्र की सत्ता में एक बार फिर से बैठने का भाजपा का सपना बिखर जाएगा। इस सपने को पूरा करने के लिए भाजपा कोई कोर कसर नहीं छोंड़ने देना चाहती है। अगर 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथ से यूपी की सत्ता निकल गई, तो केंद्र की सत्ता में 2024 में फिर से उसे बैठ पाना मुश्किल हो जाएगा।
इसीलिए भाजपा यूपी की सत्ता को दोबारा हासिल करने के लिए सारे दांव- पेंच आज़मा रही है। इन्हीं दांव – पेंच के अंतर्गत अब भाजपा ने एक नया दांव चलकर अयोध्या में “राम मंदिर” का निर्माण होना जरूरी बताया है और इसके लिए यूपी में दोबारा भाजपा की सरकार का बनना जरूरी बताया। भाजपा इसके ज़रिए हिंदू वोटरों पर डोरे डाल कर उन्हें रिझाने का काम आरम्भ कर दिया है। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजनीतिक शतरंज की चाल चल दी है।
अमित शाह ने इसकी शुरुआत यूपी के उरई से रविवार 26 दिसंबर से की। अमित शाह 26 दिसंबर को उरई पहुंचे और उन्होंने यहां पर लोगों को संबोधित करते हुए “राम मंदिर” निर्माण का नया दांव चल कर हिंदू वोटरों को अपने पाले में लाने का प्रयास किया।
अमित शाह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, “अगर उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनी, तो अयोध्या में श्री राम के मंदिर का निर्माण रुक सकता है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होता रहे और राम मंदिर के निर्माण में कोई विघ्न-बाधा उत्पन्न न हो, इसलिए एक बार यूपी में फिर भाजपा की सरकार बनवानी होगी। इसके लिए सभी को भाजपा का समर्थन करना होगा और भाजपा को वोट देना होगा। मेरा सभी से कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए यूपी में फिर से भाजपा की सरकार बनवाएं।”
अमित शाह ने इस तरह की बात कहकर हिंदू वोटरों पर डोरा डालने और उन्हें रिझाने का काम किया। अमित शाह सोचते हैं कि इससे हिंदू वोटर भाजपा के पक्ष में खड़ा हो जाएगा, जिससे एक बार फिर यूपी में भाजपा जीत जाएगी और भाजपा की सरकार बन जाएगी। अमित शाह इस प्रकार हिंदू वोटरों का धुर्वीकरण करके यूपी में भाजपा के साथ हिंदू वोटरों को खड़ा कर भाजपा की डूबती नैय्या को पार लगाना चाहते हैं।
यूपी में बेरोज़गारी, मंहगाई, ध्वस्त कानून व्यवस्था, हत्या, लूटपाट, बलात्कार, महिला अपराध और भ्र्ष्टाचार जैसे मुद्दे सिर उठाकर खड़े हुए हैं, लेकिन इन पर मोदी सरकार और योगी सरकार का कोई मंत्री नहीं बोलता है और न ही धोखे से भी इनका कोई ज़िक्र करता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राम मंदिर की ओट लेकर यूपी में दोबारा भाजपा की सरकार बनवाने की बात कहकर हिंदू वोटरों के ध्रुवीकरण करने और उनके जरिए यूपी में भाजपा की सरकार बनाने का जो स्वप्न देख रहे हैं, वह स्वप्न कभी पूरा नहीं होगा।
यूपी का आम आदमी तमाम दिक्कतों से जूझ रहा है और उसकी परेशानियों का कोई अंत नज़र नहीं आ रहा है। अमित शाह राम मंदिर के मुद्दे को उठाकर आम आदमी की भावनाओं को जगाकर उसे बेवकूफ बनाने का जो ख्वाब देख रहे हैं, वह अब जल्दी से पूरा नहीं होगा। क्योंकि आज आम आदमी मंहगाई से छुटकारा पाना चाहता है और बेरोज़गार युवाओं को रोज़गार चाहिए। आम आदमी को कानून का राज और भृष्टाचार से मुक्ति चाहिए न कि झूठे वादे और जुमलेबाजी। इसलिए राम मंदिर के नाम पर अमित शाह की काठ की हांडी दोबारा आग के जलते हुए चूल्हे पर नहीं चढ़ पाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अब राम मंदिर के अलावा कुछ भी नहीं याद आ रहा है। अमित शाह हिंदुत्व की लहर पैदा करने और उसे भाजपा के पक्ष में वोटों में तब्दील करने के लिए ऐड़ी-चोटी का ज़ोर लगाए हुए हैं। वह इसके लिए कोई मौका हाथ से छोंड़ने नहीं देना चाहते हैं।
26 दिसंबर को ही अमित शाह ने यूपी के कासगंज में भी एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, “अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की कल्पना सिर्फ भाजपा शासन काल में ही संभव हो पाई है। इससे पहले इसकी कल्पना नहीं की जा सकती थी, क्योंकि सबको पता है कि रामभक्तों पर गोलियां किसने चलवाईं थीं।” इस प्रकार की बात कहकर अमित शाह ने हिंदुओं की भावनाओं को जगाकर उन्हें पुरानी घटना की याद दिलवाने का काम किया। वह समझ रहे हैं कि इससे हिंदू वोटर भाजपा के साथ खड़ा हो जाएगा और भाजपा यूपी में फिर सत्ता पा जाएगी।
गृह मंत्री अमित शाह सपा सरकार बनने पर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के रुक जाने की बात कहकर और अयोध्या में पूर्व समय में राम भक्तों पर गोलियां चलवाने की बात कहकर हिन्दुओं की भावनाओं को भड़काकर उन्हें भाजपा के साथ लाने का काम कर रहे हैं। वे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को चुनाव में भुनाने का काम कर रहे हैं, इसीलिए वह अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की माला जप रहे हैं। यह राम मंदिर का मुद्दा भाजपा को कितना फायदा दिलाएगा यह तो भविष्य ही तय करेगा,लेकिन भाजपा फिलहाल जनता से जुड़े हुए मुद्दों से मुंह चुरा रही है।