इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को किसानों को गाड़ी से कुचलने के मामले में एसयूवी के अंदर कथित रूप से सवार भाजपा नेता सहित चार और लोगों की गिरफ्तारी किया गया है जिसकी सूचना सोमवार देर रात एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बयान जारी कर दी है.
एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने जारी बयान में कहा है कि, “आरोपी सुमित जायसवाल, शिशुपाल, नंदन सिंह बिष्ट और सत्य प्रकाश त्रिपाठी को लखीमपुर खीरी पुलिस और क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम ने गिरफ्तार किया है.
उन्होंने यह भी बताया है कि सत्य प्रकाश त्रिपाठी के पास से एक रिवॉल्वर और तीन गोलियां बरामद की गईं.
वायरल वीडियो में स्थानीय भाजपा नेता सुमित जायसवाल को किसानों को कुचलने वाले वाहनों के काफिले में मुख्य एसयूवी से भागते हुए देखा गया था.
वायरल वीडियो में, जायसवाल थार एसयूवी से भागते हुए दिखाई दे रहा था, जो पीछे से प्रदर्शनकारियों को टक्कर मार रही थी.
ज्ञात हो कि तीन अक्टूबर को तीन वाहनों के काफिले ने चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल दिया था, जिनमें से एक वाहन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का था.
हत्या के आरोप में घटना से संबंधित प्राथमिकी में नामजद होने के पांच दिन बाद 9 अक्टूबर को मिश्रा के बेटे आशीष को गिरफ्तार किया गया था.
इस घटना में मारे गए किसानों के परिवारों ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि आशीष मिश्रा उस एसयूवी के अंदर था जिसने किसानों को कुचल दिया था.
इस घटना को लेकर तीन अक्टूबर को तिकुनिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. बाद में सुमित जायसवाल की शिकायत के आधार पर उसी थाने में काउंटर एफआईआर दर्ज की गई, जिसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है.
सुमित जायसवाल ने यह भी दावा किया था कि प्रदर्शनकारियों ने आशीष मिश्रा के काफिले पर हमला किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि कार नहीं चल रही थी और यह प्रदर्शनकारियों ने काफिले पर हमला किया था. हालांकि वीडियो सामने आने के बाद सारे दावे बेबुनियाद साबित हुए.
आशीष मिश्रा ने इस आरोप से भी इनकार किया है कि जब हत्याएं हुई थीं तो वह घटनास्थल पर था. उसने जांच में बताया कि वह घटना स्थल से लगभग दो किमी दूर अपने पैतृक गांव में था. हालांकि वीडियो सामने आने के बाद आशीष मिश्रा के दावे पर भी सवाल उठने लगे.
एसआईटी ने पूछताछ में जब अजय मिश्रा से से घटना की जानकारी ली तो वह ठीक प्रकार से जवाब नहीं दे सका और उसके बाद 9 अक्तूबर को उसे गिरफ्तार कर लिया गया.