अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
देहरादून | उत्तराखंड सरकार के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य ने आज भाजपा को छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है जिससे उत्तराखंड में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस ने भाजपा को सकते में डाल दिया है और राज्य में भाजपा सरकार के परिवहन मंत्री एवं कद्दावर नेता यशपाल आर्य को पार्टी में शामिल कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कांग्रेस ने यशपाल आर्य के साथ उनके विधायक बेटे संजीव आर्य को भी पार्टी में शामिल किया है।
इस तरह कांग्रेस ने भाजपा को दोहरा झटका दिया है। इससे उबरने में भाजपा को काफी समय लगेगा। यशपाल आर्य उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के समय मुख्यमंत्री बनने की रेस में शामिल थे और भाजपा आलाकमान की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने का भरोसा दिया गया था। लेकिन ऐन वक्त उन्हें मुख्यमंत्री न बनाकर पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना दिया गया था।
उनको संतुष्ट करने के लिए परिवहन विभाग समेत कई विभाग दिए गए थे। लेकिन इसके बावजूद वह भाजपा नेतृत्व से खुश नहीं थे। यशपाल आर्य चूंकि पुराने कांग्रेसी नेता थे, इसलिए कांग्रेस ने उनको वापस पार्टी में लाने की योजना बनाई। कांग्रेस ने उनको सम्मान के साथ पार्टी में लाने और पार्टी में सम्मान देने का उनको भरोसा दिलाया।इसीके बाद यशपाल आर्य कांग्रेस में आने के लिए राजी हो गए।
कांग्रेस नेताओं द्वारा उनकी मुलाकात नई दिल्ली में राहुल गांधी से करवाई गई और इसीके बाद आज नई दिल्ली में यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। इनके कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस को निश्चित तौर पर बड़ी मज़बूती मिलेगी। इसके साथ ही भाजपा उत्तराखंड में कमज़ोर होगी। इसका सबसे बड़ा कारण यशपाल आर्य का ज़मीनी स्तर का नेता होना है।
आज नई दिल्ली में यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इनके सदस्यता ग्रहण करने की घोषणा कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर की।
इस मौके पर उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व सीएम हरीश रावत भी मौजूद रहे। इस मौके पर कांग्रेस संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह विशेष तौर पर उपस्थित थे। यशपाल आर्य बाजपुर और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं।
यशपाल आर्य के पास पुष्कर सिंह धामी की सरकार में परिवहन, अल्पसंख्यक कल्याण, समाज कल्याण, आबकारी और निर्वाचन तथा छात्र कल्याण विभाग थे। लेकिन यशपाल आर्य ने भाजपा की सत्ता को ठुकरा दिया और बेटे संजीव आर्य के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इनके कांग्रेस में शामिल होने से भाजपा को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती है।
यशपाल आर्य 6 बार से उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य हैं। यह जमीनी राजनेता हैं। इन्हें उत्तराखंड की राजनीतिक परिस्थिति की पूरी जानकारी है और यह समूचे राज्य में अपनी पकड़ रखते हैं। इसके अलावा यह उत्तराखंड में प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक लोगों को जानते-पहचानते हैं।इसका लाभ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिलेगा।
भाजपा बहुत समय से उत्तराखंड में दूसरे दलों के राजनेताओं को अपने साथ लाने और पार्टी में शामिल करने की जुगत भिड़ा रही थी। लेकिन उसको कोई सफलता नहीं मिली। हां कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा में तोड़फोड़ कर भाजपा को चारों खाने चित्त कर दिया है। कांग्रेस ने भाजपा को उत्तराखंड में तगड़ा झटका देकर उसकी सत्ता से बेदखली की कहानी लिख दिया है।
कांग्रेस महासचिव संगठन के सी वेणुगोपाल ने यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य के कांग्रेस में शामिल होने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि, “यशपाल आर्य के कांग्रेस में आने से कांग्रेस उत्तराखंड में बहुत मज़बूत होगी। यशपाल आर्य ज़मीन से जुड़े हुए राजनेता हैं, इनके अनुभव और सुझावों के ज़रिये कांग्रेस की उत्तराखंड में सत्ता में वापसी होगी।”