इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | छात्र संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इंडिया ने असम में पुलिस फायरिंग में मारे गए मोइनुल हक़ के बच्चों की पढ़ाई का ख़र्च उठाने का ऐलान किया है. यह घोषणा SIO के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सलमान ने असम दौरे के दौरान पीड़ित परिवार से मिलने के बाद किया.
SIO अध्यक्ष ने मृतक के बच्चों और उनके परिजनों से मुलाक़ात की और बच्चों की पढ़ाई का ख़र्च उठाने की बात कही. उन्होंने कहा कि यह बच्चे जहां तक पढ़ना चाहें, हम इनकी हर संभव मदद करेंगे और इनकी पढ़ाई की पूरी ज़िम्मेदारी उठाएंगे.
SIO समेत अन्य मुस्लिम संगठनों के डेलिगेशन ने असम का दौरा कर विस्थापितों के पुनर्वास और न्याय की मांग की है. सोमवार को इस प्रतिनिधिमंडल ने असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा से भी मुलाक़ात की.
SIO असम गए मुस्लिम संगठनों जमीयत उलेमा-ए-हिन्द और जमाअत इस्लामी हिन्द के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा है जो दरांग ज़िले में ‘अतिक्रमण’ हटाने की प्रक्रिया में पुलिस फायरिंग में हुई मुसलमानों की मौत को लेकर असम के दौरे पर हैं.
विभिन्न मुस्लिम संगठनों के इस प्रतिनिधिमंडल ने असम के दरांग जिले का दौरा कर मुसलमानों की बेदखली और पुलिस की बर्बरता के मुद्दे को लेकर एसपी सुशांत बिस्वा शर्मा और उपायुक्त प्रभाती थाओसेन से मुलाक़ात की.
प्रतिनिधि मंडल ने दारंग ज़िले के एसपी और डेप्युटी कमिश्नर से मुलाक़ात कर उन्हें ज्ञापन भी सौंपा जिसमें पीड़ितों और बेघर लोगों के लिए पर्याप्त मुआवज़े और पुनर्वास की मांग की गई.
दिल्ली से पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन से कहा कि, “निहत्थे नागरिकों के खिलाफ बल का अनुचित प्रयोग किया गया जो कि ग़लत और अमानवीय था.”
ज्ञात हो कि गुरुवार को असम के दरांग जिले में अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में प्रदर्शन कर रहे तीन लोगों की मौत हो गई. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिनमें पुलिस को प्रदर्शन कर रहे नागरिक पर गोली चलाते हुए देखा जा सकता है.
विरोध-प्रदर्शन कर रहे परिवारों की यह मांग थी कि उनको ज़मीन से बेदखल करने के अभियान को रोका जाए और उन्हें पुनर्वास पैकेज दिया जाए. बेदखल किये जाने वाले लोग मुस्लिम समुदाय से हैं.