ख़ान इक़बाल | इंडिया टुमारो
जयपुर | राजस्थान के अलवर ज़िले के चौपांकी थाना क्षेत्र में एक 17 वर्षीय किशोर की कथित रूप से गौ-रक्षकों द्वारा कार से टक्कर मारने का मामला सामने आया है जिसमें किशोर की मौक़े पर ही मौत हो गई.
मृतक की पहचान चौपांकी थाना के सरे कलां गाँव के रहने वाले 17 साल के साबिर के तौर पर हुई है. साबिर 11वीं कक्षा का छात्र था.
हत्या की आशंका जताते हुए परिवार ने आरोप लगाया है कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं है बल्कि बजरंग दल के लोगों ने साबिर की हत्या की है.
साबिर के चाचा मोहम्मद की शिकायत पर पुलिस ने राधे नगर तावड़ू हरियाणा के रहने वाले अनिल, सोनू, हिमांशु, पुष्कर, मिंटू, अबु पुत्र महिपाल और राहुल समेत सात लोगों के ख़िलाफ़ IPC की धाराओं 302, 143, और 506 में मुक़दमा दर्ज किया है.
चोपानकी थाने के SHO मुकेश कुमार का कहना है कि, “पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार भी कर लिया है”.
इंडिया टुमारो से बात करते हुए मृतक साबिर के चाचा मोहम्मद ने बताया कि, “मेरा भतीजा साबिर सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा था. वह अपने दोस्तों के साथ रोज़ाना सुबह सड़क के किनारे दौड़ लगाता था. 3-4 दिन पहले साबिर और उसके साथियों की आरोपी अनिल के साथ कहासुनी हो गई थी, तब अनिल ने उसे देख लेने की धमकी दी थी.”
मोहम्मद कहते हैं, “आरोपी दो गाड़ियों में सवार थे, आगे चल रही गाड़ी ने पहले टक्कर देकर साबिर को नीचे गिराया और उसके बाद पीछे आ रही गाड़ी ने साबिर के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी जिससे उसकी मौक़े पर ही मौत हो गई.”
FIR के मुताबिक़ मृतक साबिर के साथियों ने बताया कि, “हम और साबिर रोड के एक तरफ़ का हिस्सा कच्चा बरम पर साइड में एक तरफ़ दौड़ रहे थे, तभी ड्राइवर अनिल ने साबिर के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी और उसे बुरी तरह कुचल दिया. पीछे हम चल रहे थे हम डर की वजह से खेतों में कूद गए.”
उन्होंने बताया, “हमने गाड़ी वालों को आवाज़ लगायी तो उन्होंने गाड़ी रोक कर कहा कि मैं अनिल हूँ जिससे तुम्हारा चार पाँच दिन पहले पाला पड़ा था.”
इंडिया टुमारो से बात करते हुए मृतक साबिर के चाचा मोहम्मद ने कहा, “साबिर अपने माँ बाप का इकलौता बेटा था, हमारी किसी से कभी दुश्मनी नहीं रही. गौरक्षक दल और बजरंग दल वालों को यह बर्दाश्त नहीं हुआ कि मुसलमान भी पढ़ लिखकर कुछ बन सकता है इसीलिए उन्होंने योजना बनाकर साबिर की हत्या की है.”
साबिर के चाचा मोहम्मद का आरोप है कि, “मीडिया ने इस मामले को सही तरह से नहीं उठाया है. उनके मुताबिक़ उनके घर पर स्थानीय मीडिया आया लेकिन उन्होंने इस मामले को हत्या का मामला ना बताते हुए एक सामान्य दुर्घटना बताया है जो कि सरासर ग़लत है.”
इस मामले में पुलिस का कहना था कि साबिर को दो वाहनों ने टक्कर मारी है जिसमें से पहला वाहन गोतस्करों का और दूसरा कथित गौरक्षकों का था.
इस पर साबिर के चचा मोहम्मद कहते हैं, “इस में कोई सच्चाई नहीं है. जिन दो वाहनों ने साबिर को टक्कर मारी है वह दोनों वाहन कथित गौरक्षक बजरंग दल के लोगों के ही हैं.”
हालाँकि मोहम्मद का कहना है कि पुलिस ने उन्हें क़ानून सम्मत जाँच करने का विश्वास दिलाया है. मंगलवार को जयपुर से मामले को जानने DIG स्तर के अधिकारी भी मृतक साबिर के घर पहुँचे थे.
यह मेवात का इलाक़ा है जो पिछले कुछ सालों में कई बार लिंचिंग की घटनाओं को लेकर चर्चा में रहा है. अलवर के इसी क्षेत्र में पहलू ख़ान और रकबर की भी गाय के नाम पर कथित गोरक्षकों द्वारा लिंचिंग कर दी गई थी.