इंडिया टुमारो
लखनऊ | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें दो गोंड उपजातियों को अनुसूचित जनजाति (ST) कि सूची में शामिल किया गया था.
पिछले साल 15 जुलाई को राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी की थी, जिसके अनुसार राज्य के 13 ज़िलों की कुछ जातियों को अनुसूचित जाति (ST) में शामिल किया गया था. उन जातियों में से गोंड की दो उपजातियाँ – नायक और ओझा- को भी शामिल किया गया था.
अदालत ने यह फ़ैसला “ नायक जन सेवा संस्थान” द्वारा दायर की गई एक याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और जस्टिस राजेन्द्र कुमार की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि, “उत्तर प्रदेश सरकार को इस बात का अधिकार नहीं था कि वो गोंड जाति की उपजाति – नायक और ओझा – को गोंड जाति में सम्मिलित करने के लिए नामित करे.”
याचिकाकर्ता का तर्क था कि, “अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में किसी जाति को शामिल करना राज्य के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता साथ ही भारत के संविधान के अनुच्छेद -342 के तहत किसी भी जाति को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करना केन्द्र सरकार के अधिकार में है.”
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा की राज्य सरकार को भारत सरकार द्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना का पालन करना चाहिए .