स्टाफ रिपोर्टर | इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | नार्थ ईस्ट दिल्ली में पिछले साल फ़रवरी महीने के आख़िर में हुए दंगों के दौरान एक विडियो वायरल हुआ था जिसमें कुछ युवक सड़क पर घायल अवस्था में पड़े हैं और कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें राष्ट्रगान गाने पर मजबूर किया जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली पुलिस द्वारा उन तीन पुलिस कर्मियों की पहचान कर ली गई है जिन्होंने इन युवकों को राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया था. इनमें से बाद में दिल्ली के करदमपुरी इलाक़े में रहने वाले फैज़ान की विडियो वायरल होने के दो दिन बाद अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में लगभग 100 पुलिसकर्मियों से पूछताछ की थी और दंगों के दौरान दिल्ली के बाहर से तैनात किये गए पुलिसकर्मियों के ड्यूटी चार्ट का भी अनुसंधान किया गया.
फैजान की गिरफ्तारी से पहले घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें घायल अवस्था में फैजान सहित पांच युवक जमीन पर पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं. लगभग सात पुलिसकर्मी युवकों को घेरकर राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर करते हुए और उन्हें लाठियों से मारते हुए दिखते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की, “लगभग 17 महीने बाद इनकी पहचान हुई है, और इस संबंध में आला अधिकारियों को सूचना दे दी गई है, उनकी सहमति के बाद तीनों पुलिसकर्मियों का लाइ डिडेक्टर टेस्ट किया जाएगा.”
कैसे की गई पहचान ?
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक़ पुलिस को समस्या उस जगह को लेकर थी जहाँ ये घटना घटित हुई थी, क्योंकि घटना की जगह 66 फुटा रोड थी, और यह वह इलाक़ा है जहाँ दंगों के दौरान 3 से 4 थानों के पुलिस्कर्मियों की ड्यूटी लगाई गईं थीं.
जाँच पुलिस अधिकारी के अनुसार, “विडियो में एक पुलिसकर्मी के पास टियर स्मोक एम्युनिशन (TSM) दिखाई दिया, जब इस बात की जाँच की गई की उस दिन किन पुलिसकर्मियों को टियर स्मोक एम्युनिशन (TSM) जारी हुए थे, तब एक पुलिसकर्मी की पहचान की गई, बाद में उसके 2 और साथियों को भी SIT ने समन किया.”
फ़रवरी 2020 में उत्तर -पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 54 लोगों की मौत हुई थी और सैंकड़ों लोग घायल हुए थे.