अखिलेश त्रिपाठी
नई दिल्ली | केंद्र की मोदी सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की निष्पक्ष आवज़ों को दबाने पर आमादा है। दैनिक भास्कर और भारत समाचार चैनल के दफ्तर पर इनकम टैक्स का छापा मारना मीडिया की आवाज़ को दबाने का प्रयास है।
आज इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों ने दैनिक भास्कर समाचार पत्र के मध्य प्रदेश और राजस्थान में कार्यालयों पर छापेमारी की। इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों ने केंद्र सरकार के इशारे पर दैनिक भास्कर समाचार पत्र के साथ-साथ भारत समाचार चैनल के कार्यालयों पर छापा मारा।
दैनिक भास्कर ने इस सम्बंध में अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा है कि, “सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार, गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सहीं आंकड़ें देश के सामने रखने वाले भास्कर समूह पर सरकार की दबिश.”
देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था में चौथे स्तंभ की बहुत बड़ी भूमिका है। चौथे स्तंभ के रूप में देश के समाचार पत्र एवं समाचार चैनल सरकार की चलाई जाने वाली योजनाओं का प्रचार प्रसार करने के साथ सामयिक टिप्पणी करके सरकार के अच्छे काम की अच्छाई बताते हैं और गलत योजनाओं पर टिप्पणी करके सरकार को सुधार करने की सलाह देते हैं। साथ ही विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले मामलों पर भी अपनी टिप्पणी करके सही और गलत में जनता को फर्क समझाते हैं।
इसके साथ ही छोटी-बड़ी घटनाओं एवं अन्य समाचारों से देश को अवगत कराते हैं। इस तरह समाचार पत्र एवं पत्रिकाएं और समाचार चैनल देश के विकास में बड़ा योगदान करते हैं। इसी कारण लोकतंत्र में चौथे स्तंभ का एक अलग स्थान है।
लेकिन अब समाचार पत्र पत्रिकाओं एवं चैनलों ने जबसे सरकार की नाकामियों पर लिखना शुरू किया है, तबसे सरकारों के रुख में परिवर्तन आया है। आज के मौजूदा समय में सरकार अब अपनी आलोचना नहीं सुनना चाहती है। खासकर नाकामियों को तो सरकारें किसी भी कीमत पर सुनना नहीं चाहती हैं।
दैनिक भास्कर ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में कहा है, “दूसरी लहर के दौरान 6 महीने तक भास्कर ने देश और कोरोना प्रभावित प्रमुख राज्यों में असल हालात को पूरे दमखम के साथ देश के सामने रखा है. गंगा में लाशें बहाए जाने का मामला हो या फिर कोरोना से होने वाली मौतों को छिपाने का खेल, भास्कर ने निडर पत्रकारिता दिखाई और जनता के सामने सच ही रखा.”
जबसे केंद्र सरकार में भाजपा काबिज़ है, तबसे परिस्थितियों में काफी बदलाव आया है। केंद्र में बैठी नरेंद्र मोदी की सरकार अपनी आलोचना एवं नाकामियों को किसी भी रूप में सुनने को तैयार नहीं है।
नरेंद्र मोदी की सरकार की यह सोच है कि वह जो भी कहें, वही सच है और लोग उसी को स्वीकार करें। इस तरह एक प्रकार से वह तानाशाही के ज़रिए अपनी बातों को जनता से मनवाने की इच्छा रखते हैं। लेकिन लोकतंत्र में यह संभव नहीं है और जनता किसी भी कीमत पर इसे नहीं स्वीकार करेगी। इधर कोरोना कॉल के समय में केंद्र सरकार यानी मोदी सरकार पूरी तरह फेल हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि कोरोना के कारण काफी खराब हो गई है। इनकी छवि को चमकाने के लिए आर एस एस ने भी काफी प्रयास किया, लेकिन उसे भी सफलता नहीं मिली। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि आर एस एस ने यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव में मोदी को स्टार प्रचारक से हटाकर योगी आदित्यनाथ को स्टार प्रचारक बनाने और योगी आदित्यनाथ के नाम पर ही विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
आज की परिस्थितियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमेज सही नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए चौथे स्तंभ/मीडिया को जिम्मेदार मानते हैं। इसलिए मीडिया में जो भी समाचार पत्र एवं चैनल उनके बारे में उनकी मनपसंद खबरें लिखते हैं, वे उनकी आंखों के तारे हैं। बाकी जो भी समाचार पत्र एवं चैनल मोदी सरकार के खिलाफ लिखता है, वे उससे बेहद नाराज़ रहते हैं। अब वह अपने को रोंक नहीं पा रहे हैं और अपने विरोधी समाचार पत्रों एवं चैनल को सबक सिखाने पर आमादा हैं। वह लोकतांत्रिक व्यवस्था में चौथे स्तंभ के रूप में मौजूद मीडिया की आवाज को दबाना चाहते हैं।
मोदी सरकार ने इनकम टैक्स विभाग का सहारा लिया है और सच्चाई लिखने और सच बताने वाले समाचार पत्र एवं समाचार चैनल को परेशान करने के लिए छापा मारने की कार्यवाही शुरू कर दी है।
इसी क्रम में आज इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों ने दैनिक भास्कर समाचार पत्र के मध्य प्रदेश और राजस्थान में कार्यालयों पर छापेमारी की। इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों ने केंद्र सरकार के इशारे पर दैनिक भास्कर समाचार पत्र पर छापा मारा और परेशान किया।
बताया जाता है कि दैनिक भास्कर समाचार पत्र में मोदी सरकार को खुश करने वाली खबरें नहीं छापी जाती हैं। इसीसे नाराज हो कर इनकम टैक्स का छापा डलवाया गया। इस तरह से केंद्र सरकार चौथे स्तंभ की आवाज को दबाना चाहती है।
मोदी सरकार मानती है कि इनकम टैक्स के छापे डलवाने का काम करके वह समाचार पत्र की आवाज को दबाने में सफल हो जाएगी।इससे फिर कोई मोदी सरकार के खिलाफ समाचार पत्र खबरें नहीं लिखेगा। यह मोदी सरकार की अपनी सोंच है, लेकिन इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सफलता नहीं मिलेगी।
दैनिक भास्कर समाचार पत्र के साथ ही इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों की टीम ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से प्रसारित/दिखाए जाने वाले चैनल “भारत समाचार” के कार्यालय में छापा मारा। इसके साथ ही भारत समाचार चैनल के एडीटर इन चीफ बृजेश मिश्रा के गोमती नगर के विपुल खण्ड स्थित आवास पर भी छापा मारा गया। इसके अलावा लखनऊ में ही भारत समाचार चैनल के यूपी हेड वीरेंद्र सिंह के जानकीपुरम आवास पर भी इनकम टैक्स की टीम ने छापा मारा।
इस चैनल पर इनकम टैक्स के छापे के पीछे इससे सरकार की नाराज़गी का होना बताया जाता है। दरअसल यह चैनल लखनऊ और यूपी में बहुत ही लोकप्रिय है। इसके लोकप्रिय होने का सबसे बड़ा कारण यह सरकार का पिछलग्गू नहीं है और यह जो भी खबरें दिखाता है वह सच्चाई के बहुत ही करीब होती हैं। इसकी खबरों पर लोगों को बहुत ही भरोसा होता है। भारत समाचार चैनल ने कोरोना कॉल में योगी आदित्यनाथ की सरकार की विफलता को लेकर खूब समाचार दिखाया था। दवाओं की कमी, बेडों की कमी, ऑक्सीजन की कमी, वेंटिलेटर की कमी और एम्बुलेंस की कमी को लेकर इस चैनल ने योगी आदित्यनाथ की सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। इससे योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खूब किरकिरी हुई थी।
यही नहीं बल्कि कोरोना कॉल में लाशों को जलाने के लिए लकड़ियों की कमी, गंगा नदी में लाशों के तैरने और बाद में गंगा नदी के तटों पर लाशों को दफनाने एवं उसके बाद लाशों के ऊपर से रामनामी चुनरियों को हटाकर शवों को अपमानित करने के समाचार प्रमुखता से दिखाया था। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की देश एवं विदेश में खूब आलोचना हुई थी।
इसीके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब हुई थी, जो आज तक खराब है। यही नहीं इस चैनल ने यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा के लोगों द्वारा गुंडई करने और लखीमपुर खीरी में ब्लॉक प्रमुख उम्मीदवार की साड़ी खींचने का शर्मसार करने वाला समाचार भी दिखाया था। इस मामले से भाजपा की काफी फजीहत हुई थी।
भाजपा इसी सब के कारण भारत समाचार चैनल को सबक सिखाने के लिए तैयारी कर रही थी। आज केंद्र सरकार के इशारे पर भारत समाचार चैनल के ऊपर इनकम टैक्स की छापेमारी की गई। इस छापे की कार्यवाही के जरिए केंद्र की भाजपा सरकार ने भारत समाचार चैनल की आवाज को दबाने का काम किया है।
मोदी सरकारअब चौथे स्तंभ को दबाकर अपने हिसाब से समाचार पत्रों एवं चैनलों को चलाना चाहती है, जो कि किसी भी सूरत में संभव नहीं है। मोदी सरकार असहमति घबराती है और वह चाहती है कि देश के लोग उसकी सहमति से चलें। मोदी सरकार का यह सपना कभी पूरा नहीं होगा। लोकतंत्र तभी तक सुरक्षित है, जब तक चौथा स्तंभ सुरक्षित है।
भारत समाचार चैनल पर मारे गए छापे में इनकम टैक्स विभाग की टीम को कुछ भी हाथ नहीं लगा है। भारत समाचार चैनल के एडीटर इन चीफ बृजेश मिश्रा ने इनकम टैक्स की टीम को सारे वे कागजात दिखाए, जो इनकम टैक्स के अधिकारियों की टीम देखना चाहती थी। इनकम टैक्स की टीम को छापेमारी में समाचार चैनल के खिलाफ कोई भी आपत्तिजनक सबूत नहीं मिला, जिससे यह साबित हो कि भारत समाचार चैनल ने दो नम्बर की दौलत जुटाई हो।
भारत समाचार चैनल के एडीटर इन चीफ बृजेश मिश्रा का कहना है कि, मेरे कार्यालय और आवास तथा मेरे रिपोर्टर वीरेंद्र सिंह के यहां इनकम टैक्स का मारा गया छापा मेरे उत्पीड़न के उद्देश्य से की गई कार्यवाही है। इस तरह के छापे के जरिए सरकार मेरी आवाज़ को दबाना चाहती है। मैं देश, राज्य और जनता के लिए कभी भी सरकार के सामने नहीं झुकूंगा। गलत का हमेशा विरोध करता हूं और करता रहूंगा। सरकार मेरी आवाज़ को दबाना चाहती है, लेकिन मेरी आवाज कभी नहीं दबेगी।
दैनिक भास्कर समाचार पत्र और भारत समाचार चैनल पर इनकम टैक्स विभाग द्वारा मारे गए छापे के संबंध में सुभासप के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि, भारतीय झूठ पार्टी की सच्चाई लोगों तक पहुंचाने की सजा दैनिक भास्कर और भारत समाचार चैनल को मिली है।
उन्होंने कहा कि, “भारत समाचार चैनल ने देश के करोड़ों पिछड़ों, दलितों, शोषितों, वंचितों और हाथरस जैसी घटना की सच्चाई कोरोना की विफलता को उजागर किया है, इससे मोदी सरकार और योगी सरकार की असलियत जनता के सामने आ गई है।”
राजभर का कहना है कि सरकार इसी बौखलाहट में बदले की भावना से छापेमारी कर रही है। लेकिन इससे सच की आवाज को कोई न दबा सका है और न ही दबा सकेगा। भाजपा सरकार के पाप का घड़ा भर गया है। इसका हिसाब जनता विधानसभा चुनाव में लेगी।