इंडिया टुमारो
नयी दिल्ली | राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी की कुरआन को लेकर की गई विवादित टिप्पणी को धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताते हुए उन्हें सोमवार को नोटिस जारी किया है.
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने नोटिस में वसीम रिज़वी को बिना शर्त माफी मांगने और अपना बयान वापस लेने की बात कही है.
वसीम रिज़वी के बयान को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने ‘सोची-समझी साज़िश’ का हिस्सा क़रार दिया है.
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने नोटिस जारी कर कहा है कि रिज़वी 21 दिनों के भीतर माफी मांगें और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया जाएगा.
आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए रिज़वी के बयान को सांप्रदायिक सद्भाव के माहौल को खराब करने वाला बताया है.
विवादित टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए आयोग ने कहा है कि यह हमारे राष्ट्रीय हित और भाईचारे के खिलाफ है. इस तरह के कृत्य के लिए दंडात्मक कार्रवाई का कानूनी प्रावधान है.
वसीम रिज़वी ने कुराआन से 26 आयतों को हटाने के लिये उच्चतम न्यायालय में पीआईएल दाख़िल किया है. रिज़वी ने यह आरोप लगाया है कि इन आयतों से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है और इन्हें पढ़ाकर आतंकवादी तैयार किये जा रहे हैं.
जारी किये गए नोटिस में अल्पसंख्यक आयोग ने कहा है, “आयोग पवित्र कुरान की कुछ आयतों को हटाने के संदर्भ में दिए गए आपके बयान को खारिज करता है और इसकी निंदा करता है.”
आयोग ने नोटिस में यह भी कहा है कि मीडिया में आई उनकी टिप्पणियां देश में सांप्रदायिक सद्भाव के माहौल को खराब करने की ‘सोची-समझी साज़िश’ मालूम पड़ती हैं.
वसीम रिज़वी के क़ुरआन को लेकर इस बयान पर देशभर में विरोध किया गया है और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिया मौलाना कल्बे जवाद ने वसीम रिज़वी की गिरफ्तारी की मांग की है. इसके विरोध में लखनऊ के बड़े इमामबाड़े में एक विशाल जनसभा हुई जिसमें धर्मगुरुओं ने वसीम रिज़वी के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की बात की थी.