मसीहुज़्ज़मा अंसारी | इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश में मेरठ ज़िले के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में रविवार को ‘हिन्दू पंचायत’ के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें आए वक्ताओं ने कथित रूप से विवादित बयान देते हुए मुसलमानों का आर्थिक सामाजिक बहिष्कार करने का आह्वान किया और हिंदू राष्ट्र के लिए शस्त्र अभियान चलाने की बात कही.
यह कार्यक्रम 10 जनवरी, रविवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में स्थित ब्रहस्पति भवन के सभागार में शंकराचार्य परिषद और भाग्योदय फाउंडेशन के द्वारा आयोजित किया गया था.
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनन्द स्वरुप ने अपने भाषण में कई आपत्तिजनक टिप्पणी की और असंवैधानिक व विवादित बयान दिया जिसका वीडियो वायरल हो रहा है.
इंडिया टुमारो ने मेरठ विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ० वीर पाल सिंह से इस विवादित कार्यक्रम के बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि, “मैं उस कार्यक्रम में शामिल नहीं था इसलिए मुझे जानकारी नहीं है.”
विश्वविद्यालय परिसर में इस कार्यक्रम के आयोजन पर सवाल उठ रहा है जिसमें असंवैधानिक और भड़काऊ बयान दिए गए हैं.
स्वामी ने अपने विवादित भाषण में कहा, “आप तय करिए कि मुझे किसी मुसलमान की दुकान से कोई सामान नहीं ख़रीदना है, आप उनका आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक बहिष्कार करिए तो सब इस्लाम छोड़कर हिन्दू धर्म में आएंगे.”
स्वामी ने कहा, “आने वाले चार साल में हिंदू राष्ट्र बनने के बाद ईसाईयों और मुसलमानों को मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा.”
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में स्वामी आनन्द स्वरुप ने कहा, “अपने पास हथियार रखिए, युद्ध का शंखनाद हो चुका है अगर आप सावधान नहीं रहे तो मारे जाएंगे. हम पुलिस पर भरोसा नहीं करते और आने वाले समय में एक करोड़ हिन्दू युवाओं की फ़ौज चाहिए जो तलवारों से लैस हो..”
इंडिया टुमारो ने मेरठ विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ० वीर पाल सिंह से विवादित कार्यक्रम के बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि, “मैं उस कार्यक्रम में शामिल नहीं था इसलिए मुझे जानकारी नहीं है. कार्यक्रम यूनिवर्सिटी का नहीं था बल्कि इसके विभाग के एक सभागार में था.” कार्यक्रम की परमिशन के सवाल पर प्रॉक्टर ने कहा कि मेरा अनुशासन का काम है परमिशन रजिस्ट्रार देते हैं.
इंडिया टुमारो ने जब चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के रजिस्ट्रार धीरेन्द्र वर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि, “मैं उस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं था और वहां क्या कहा गया मुझे इसकी जानकारी नहीं है. विश्वविद्यालय का किसी के बयान से कोई लेना-देना नहीं है.”
इस सवाल पर कि वहां असंवैधानिक बात की गई और वर्ग विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई, रजिस्ट्रार धीरेन्द्र वर्मा ने कहा, “हम इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं, किसी भी कार्यक्रम के लिए यदि कोई हाल या सभागार लेने के लिए आता है तो हम उसे देते हैं.” आगे सवाल करने पर उन्होंने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया.
एस०पी० सिटी मेरठ, अखिलेश नारायण ने इस विवादित कार्यक्रम के बारे में इंडिया टुमारो से बात करते हुए कहा, “हमें सूचना मिली है कि इस कार्यक्रम में असंवैधानिक बातें कही गई हैं और हमने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस सम्बन्ध में जवाब माँगा है. हमने उनसे कार्यक्रम की डिटेल्स और कैमरे की रिकॉर्डिंग इत्यादि तलब किया है.”
स्वामी ने अपने विवादित भाषण में कहा, “मुसलमानों को कुरआन छोड़ना होगा, नमाज़ छोड़ना होगा, आप तय करिए कि मुझे किसी मुसलमान की दुकान से कोई सामान नहीं ख़रीदना है, आप उनका आर्थिक बहिष्कार करिए, सामाजिक बहिष्कार करिए, राजनीतिक बहिष्कार करिए तो सब इस्लाम छोड़कर हिन्दू धर्म में आएंगे. जो बच जाएंगे उन्हें आने वाले चार साल में हिंदू राष्ट्र बनने के बाद ईसाईयों और मुसलमानों को मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा और सभी हिन्दू धर्म की तरफ आएंगे.”
हिन्दू राष्ट्र पर बोलते हुए स्वामी आनन्द स्वरुप ने कहा, “हम अपने बल पर काम करते हैं, पुलिस के बल पर काम नहीं करते और आने वाले समय में एक करोड़ हिन्दू युवाओं की फ़ौज चाहिए जो तलवारों से लैस हो. अपने पास हथियार रखिए, युद्ध का शंखनाद हो चुका है अगर आप सावधान नहीं रहे तो मारे जाएंगे.”