रहीम ख़ान | इंडिया टुमारो
जयपुर | ऐसे समय में जब दुनियाभर में इस्लाम को लेकर विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं राजस्थान के झुंझुनू का एक हिन्दू व्यक्ति हज़रत मोहम्मद साहब की जीवनी और क़ुरआन का मारवाड़ी भाषा में अनुवाद कर लोगों को इस्लाम की शिक्षाओं से अवगत कराने में लगा है. वह व्यक्ति राजीव शर्मा हैं जिन्होंने पवित्र क़ुरान का मारवाड़ी में अनुवाद किया है.
इंडिया टुमारो से बात करते हुए राजीव कहते हैं कि इस्लाम शांति का मज़हब है और अगर कोई व्यक्ति इस्लाम का नाम लेकर हिंसा करता है तो वो इस्लाम, क़ुरआन और हज़रत मोहम्मद साहब की शिक्षाओं के विपरीत है. इस्लाम हिंसा का सन्देश बिल्कुल नहीं देता.
राजस्थान के झुंझुनू ज़िले में कोलसिया गाँव के रहने वाले राजीव शर्मा ने पवित्र क़ुरान का मारवाड़ी में अनुवाद किया है. उनके द्वारा किया गया अनुवाद अपने आप में इसलिए खास है क्योंकि पिछले चौदह सौ सालों में पहली बार कुरान का मारवाड़ी में अनुवाद किया गया है.
राजीव शर्मा साल 2015 में पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद साहब की जीवनी का भी मारवाड़ी अनुवाद कर चुके हैं.
इंडिया टुमारो से बात करते हुए राजीव शर्मा ने कहा कि, “जब मैने कुरआन का अध्ययन करना शुरू किया तो मुझे अनगिनत ऐसी आएतें मिलीं जो सदाचार, शांति और नैतिकता की बातें कहती हैं.”
उन्होंने कहा, “एक आयत में तो यह भी कहा गया है कि, अगर किसी ने एक बेगुनाह की हत्या की तो उसका यह पाप पूरी मानवता की हत्या के बराबर है.”
राजीव शर्मा क़ुरआन के अध्यन का ज़िक्र करते हुए आगे कहते हैं कि क़ुरआन में ये भी कहा गया है, “यदि किसी व्यक्ति ने अन्य व्यक्ति की जान बचाई तो यह पूरी मानवता की रक्षा करने के बराबर है.”
उन्होंने कहा, “कुरान की इस आयत में छुपे संदेश ने मुझे इतना प्रभावित किया कि मेंने इस्लाम की इस पवित्र पुस्तक क़ुरआन का मारवाड़ी में अनुवाद करने का निश्चय किया.”
फ्रांस की हालिया घटनाओं पर इंडिया टूमारो से बात करते हुए राजीव कहते हैं, “फ्रांस में जो घटना हुई वह बहुत ही दुखद है इसकी शुरुआत एक पत्रिका में हज़रत मोहम्मद साहब के कार्टून छापने लेकर हुई. मेरा मानना है कि ऐसा काम पत्रकारिता या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है, इसे कला नहीं कहा जा सकता. किसी भी धर्म के पैगंबर देवता महापुरुष का कार्टून बनाना और उनका मजाक उड़ाना कहीं से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता.”
साथ ही राजीव ने उस हिंसक प्रतिक्रिया को भी गलत ठहराते हुए कहा, “ऐसे समय में बहुत सावधानी और समझदारी से जवाब दिया जाना चाहिए. बुराई का जवाब भलाई से दिया जाना चाहिए. नबी ने अपने पूरे जीवन में यही सिखाया है कि बुराई का जवाब बुराई से नहीं बल्कि भलाई से दो.”
उन्होंने पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब की शिक्षाओं का ज़िक्र करते हुए कहा, “अगर आग से आग को बुझाएंगे तो वो और भड़केगी. हमें पैगम्बर की शिक्षाओं को समझने और उसे अपने जीवन में उतारने की ज़रूरत है. अगर फ्रांस में या दुनिया के किसी भी देश में इस घटना का विरोध भलाई के काम से किया जाता तो कार्टून बनाने वाले खुद की हरकतों पर शर्मिंदा होते.”