इंडिया टुमारो
लखनऊ | उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ हुए गैंगरेप के मामले में एडीजी (ला एंड आर्डर) प्रशांत कुमार ने बयान देते हुए कहा है कि मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है. पीड़िता की मौत चोट के कारण हुई है.
हाथरस के एसपी विक्रांत वीर ने गैंगरेप मामले पर कहा कि अलीगढ़ अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट में चोटों का जिक्र है. उन्होंने कहा, रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई. उन्होंने ये बात डॉक्टरों के हवाले से कही है. उन्होंने ये भी कहा कि वे इसके बारे में FSL रिपोर्ट मिलने के बाद ही कोई पाएंगे.
उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ गैंगरेप के बाद है उसे बुरी तरह चोटिल किया गया जिसके बाद पीड़िता दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गयी. इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
इसके साथ ही एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें हाथरस के डीएम पीड़ित परिवार को धमकाते हुए नज़र आरहे हैं. वीडियो में डीएम पीड़ित परिवार से कह रहे हैं कि आधा मीडिया चला गया और आधा भी चला जाएगा. यहाँ हम ही लोग रहेंगे. इस वीडियो को लेकर भी सोशल मीडिया पर लोग नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे हैं.
महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार सवालों के घेरे में है इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे जिन्हें रस्ते में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा डिटेन कर लिया गया है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने ट्विट कर उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाया है. हाथरस के बाद आज़मगढ़, बागपत, बुलंदशहर, में बच्चियों के साथ हुई रेप की घटनाओं का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा है कि मार्केटिंग और भाषणों से क़ानून व्यवस्था नहीं चलती.
उन्होंने ट्विट किया, “हाथरस जैसी वीभत्स घटना बलरामपुर में घटी। लड़की का बलात्कार कर पैर और कमर तोड़ दी गई। आजमगढ़, बागपत, बुलंदशहर में बच्चियों से दरिंदगी हुई। यूपी में फैले जंगलराज की हद नहीं। मार्केटिंग, भाषणों से कानून व्यवस्था नहीं चलती. ये मुख्यमंत्री की जवाबदेही का वक्त है। जनता को जवाब चाहिए.”
उन्होंने ट्विट कर कहा है, “मैं यूपी के मुख्यमंत्री जी से कुछ सवाल पूछना चाहती हूँ- परिजनों से जबरदस्ती छीन कर पीड़िता के शव को जलवा देने का आदेश किसने दिया? पिछले 14 दिन से कहां सोए हुए थे आप? क्यों हरकत में नहीं आए? और कब तक चलेगा ये सब? कैसे मुख्यमंत्री हैं आप?”
ज्ञात हो कि गैंगरेप के बाद आरोपियों के हमले की शिकार हुई 20 साल की दलित युवती की इलाज के दौरान मौत और यूपी पुलिस की ओर से रात के अंधेरे में परिवार की मौजूदगी के बिना अंतिम संस्कार किए जाने पर पूरे घटनाक्रम से देशभर में लोगों में गुस्सा है.